धर्मशाला: कोरोना महामारी जिसने दुनिया भर के तमाम देशों को करीब नौ महीने से अपनी जकड़ में ले लिया है. उसके बाद भी अभी तक इस महामारी की न कोई मुकम्मल दवाई बन पाई है. वहीं, बात की जाए तो बैंकिग सेक्टर की तो लॉकडाउन के दौरान भी बैंकिंग सेक्टर लगातार अपनी सेवाएं देता आ रहा है.
बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को ऑनलाइन बैंकिंग को सुदृढ़ करना चाहिए, जिससे लोग ऑनलाइन बैंकिंग को अपनाए और साइबर क्राइम से बचें. पीएनबी बैंक धर्मशाला के मैनेजर अनिल पठानिया ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश मिल रहे हैं, उनका बखूबी पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सावधानी की पूरी व्यवस्था की गई है जिसके तहत बैंक के बाहर ओर अंदर सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है ताकि उसका पूरी तरह से पालन किया जा सके. बैंक के अंदर एक एक करके लोग आते हैं और अपने काम करवाते हैं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी ज्यादा समस्या नहीं आई क्योंकि बैंक के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सर्किल बनाए गए थे. बैंक के अंदर कर्मचारियों को सेनिटाइजर और मास्क दिए. इसके अलावा पहले सभी कर्मचारियों को नहीं बुला रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे बाजार खुलने लगे उसके बाद बैंक में सभी कर्मचारियों को बुलाया जाने लगा. उन्होंने कहा कि कई बार कर्मचारी के संक्रमित होने पर बैंक में अन्य कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ जाता था.
बैंकिंग सेक्टर के कोरोना वॉरियर्स को नहीं हुआ कोई लाभ
पीएनबी स्टाफ यूनियन के महासचिव राज कुमार गौतम ने कहा कि जब से कोरोना की शुरुआत हुई है, तब से बैंकिंग सेक्टर के कर्मचारियों ने बेहतर कार्य किया है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना वॉरियर्स को कोई लाभ नहीं दिया गया, लेकिन बैंकिंग सेक्टर की एसोसिएशन ने अपने कर्मचारियों को लेकर प्रशासन की मदद के साथ पास उपलब्ध करवाए गए. उन्होंने कहा कि कोरोना के साथ बरतने वाली सावधानियां को लेकर हजार-हजार रुपये कर्मचारियों के लिए सेंक्शन करवाया है.
लोगों के अंदर साइबर क्राइम का डर
उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर जो सावधानी बरतनी है, उसके लिए गाइडलाइंस बनाई थी. उन्होंने लोगों से ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने की अपील की. लेकिन लोगों के अंदर साइबर क्राइम का डर है. स्थानीय निवासी विक्रम चौधरी कहते हैं कि बैंकिंग सेक्टर लॉकडाउन के दौर में भी खुले थे. उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर ने पूरी सावधानी के साथ कार्य किया लेकिन जब बैंक खुले थे उसी वक्त एटीएम खुले थे जिस वजह से थोड़ी समस्या भी होती थी.
उन्होंने कहा कि 6 महीने के बाद सरकार ने ब्याज की जो रियायत दी थी, लेकिन अब उसे वसूला जा रहा है. ऐसे में उनकी परेशानी कोरोना संकट के साथ-साथ और बढ़ गई है. लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कैशलेश यानी ई-वॉलेट इस्तेमाल तो करना चाहते हैं, लेकिन लोगों में साइबर क्राइम का डर बना हुआ है. ऐसे में उन्होंने सरकार से कुछ सख्त कदम उठाने की मांग की है.
धर्मशाला के कपड़ा कारोबारी नरेंद्र जम्वाल मानते हैं कि ऑनलाइन बैंकिग सुरक्षित नहीं है क्योंकि ऑनलाइन में ठगी का खतरा बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के अंदर कोरोना को लेकर पूरी तरह से सावधानी बरती जा रही है, ताकि किसी प्रकार का कोई खतरा न बन सके. लॉकडाउन के दौरान बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों से यह समझ आया है कि हमें ऑनलाइन बैंकिंग को और सुदृढ़ करने की जरूरत है.
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