कांगड़ा: नूरपुर को जल्द ही जिला बनाया जाएगा. जैसे ही भाजपा की सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट बैठक में यहां पर डीसी को बैठाने का निर्णय लिया जाएगा और उसके बाद मेडिकल कॉलेज की नींव रखी (Medical Colleges in Nurpur) जाएगी. ये घोषणा शनिवार को वन मंत्री राकेश पठानिया ने नूरपुर सिविल अस्पताल (Nurpur Civil Hospital) में 13 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित जच्चा-बच्चा विंग के लोकार्पण के दौरान की.
उन्होंने कहा कि जिले के लिए देखे गए सभी सपनें जल्द पूरे होंगे. राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) के साथ नूरपुर के स्थानीय लोग व मुख्य रूप से धर्मशाला से सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता सहित अस्पताल का स्टाफ भी मौजूद रहा. इस दौरान राकेश पठानिया ने कहा कि इस अस्पताल में पहले चरण में 50 विस्तरों की व्यवस्था की गई है, जिसमें इलाज के लिए जरूरी सभी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने बताया कि इस विंग में तमीरदारों के लिए ठहरने के लिए भी अलग वार्ड बनाया गया है ताकि मरीजों के तमीरदारों को अस्पताल में रुकने के लिए किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों के तमीरदारों की रुकने के उचित व्यवस्था नहीं होती (Mother and Child Wing inaugurated in Nurpur) है, लेकिन इस अस्पताल में मरीजों के तमीरदारो के लिए उचित व्यवस्था की गई है.
वन मंत्री ने कहा कि जच्चा-बच्चा विंग के बनने से लोगों को जहां घरद्वार के नजदीक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं निजी अस्पतालों में उपचार पर होने वाले भारी भरकम खर्चे से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया गया है, जहां इस अस्पताल में बिस्तरों की संख्या को बढ़ा कर 200 किया गया है तथा वर्तमान में इस अस्पताल में 31 विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
इसके अतिरिक्त यहां पर ऑक्सीजन प्लांट, नए इमरजेंसी वार्ड का निर्माण भी किया गया है. राकेश पठानिया ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती पर विशेष बल दिया गया है, ताकि लोगों को घरद्वार ने नजदीक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें.
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