ज्वालामुखी: आजादी के सात दशक बीत जान के बाद भी लोगों को पक्की सड़कों की सुविधा ना मिले तो शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा होता है. ग्राम पंचायत पाईसा के टोटयां दा बेहड़ा गांव से गाठली दा घराट सड़क खस्ताहाल होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां के बाशिंदे सड़क को पक्का करने की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन उनकी फरियाद सिर्फ नेताओं और मातहतों के आगे फरियदा बनकर रह गई.
सड़क पक्की ना होने से परेशान ग्रामीणों ने शनिवार को एक बार फिर सड़क पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के पक्का ना होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. घर तक सामान-पहुंचाने के लिए घोड़ों और खच्चरों का सहारा लेना पड़ता है. किसी मकान का काम शुरू करने से पहले दस बार सोचना पड़ता है. लोगों ने बताया कि वीरभद्र सरकार के दौरान ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी थी. सार्वजनिक सभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सड़क को लोकनिर्माण विभाग के तहत अधिग्रहित करने ओर पक्का करने का फरमान जारी किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
2017 में प्रदेश में सरकार बदलने के बाद एक बार फिर इस सड़क का मामला ठंडे बस्ते में चला गया. नवंबर 2019 में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर की, लेकिन सड़क का काम जल्दी शुरू करवाने के आश्वाशन के अलावा कुछ नहीं मिला.
चुनाव बहिष्कार करेंगे
लोगों ने चेताया कि समस्या का हल नहीं निकला तो वह आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे. नेताओं को गांव में घुसने नहीं देंगे. लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजिंदर बग्गा ने बताया कि यह क्षेत्र पहले ज्वालामुखी विधानसभा का हिस्सा था. पुनर्सीमांकन के बाद इसका देहरा में विलय हो गया. वहीं, लोक निर्माण विभाग के जेई नितेश ने बताया उक्त सड़क की मरम्मत के लिए इस वर्ष 50 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई.
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