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तिब्बती संसद के 10वें सत्र का नौवां दिन, शिक्षा विभाग ने विभिन्न मुद्दों पर दिया स्पष्टीकरण - स्कूलों में तिब्बती भाषा की वर्तमान शिक्षण पद्धति चर्चा

उपसभापति आचार्य येशी फुनत्सोक की अध्यक्षता में निर्वासित तिब्बती संसद के 10वें सत्र का नौवां दिन व्यापार की पहली सूची के साथ शुरू हुआ. पिछली बैठक से विचार-विमर्श जारी रखते हुए कुल 29 संसद सदस्यों ने शिक्षा विभाग के उपक्रम पर चर्चा में भाग लिया. सांसदों ने अतिरिक्त कठिन परिश्रम के लिए इसके शिक्षकों और स्टाफ के सदस्यों की सराहना की जो महामारी की अवधि के दौरान बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाते रहे.

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Published : Mar 24, 2021, 10:07 PM IST

धर्मशाला: उपसभापति आचार्य येशी फुनत्सोक की अध्यक्षता में निर्वासित तिब्बती संसद के 10वें सत्र का नौवां दिन व्यापार की पहली सूची के साथ शुरू हुआ. तिब्बत समर्थकों द्वारा सत्र के दौरान सांसद राम स्वरूप निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट का मौन रखा.

शिक्षा विभाग के उपक्रम पर हुई चर्चा

पिछली बैठक से विचार-विमर्श जारी रखते हुए कुल 29 संसद सदस्यों ने शिक्षा विभाग के उपक्रम पर चर्चा में भाग लिया. सांसदों ने अतिरिक्त कठिन परिश्रम के लिए इसके शिक्षकों और स्टाफ के सदस्यों की सराहना की जो महामारी की अवधि के दौरान बच्चों को डिजिटल रूप से पढ़ाने के स्थायी रूप से सक्रिय रहे.

तिब्बती होम्स फाउंडेशन के प्रयासों को सराहा

इसी तरह 2020 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में विशेषकर तिब्बती होम्स फाउंडेशन (टीएचएफ) के तिब्बती छात्रों के असाधारण परिणाम को संसद के सदस्यों ने एकजुट होकर सराहा, जबकि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और परीक्षा प्रदर्शन पर कम ध्यान देने के महत्व पर भी सुझाव दिया गया था.

शिक्षा विभाग ने विभिन्न मुद्दों पर दिया स्पष्टीकरण

डॉ. पेमा यांगचेन ने डीओई द्वारा मठवासी स्कूलों को मान्यता देने, मठवासी शिक्षकों को कार्यशालाएं प्रदान करने, बच्चों की पुस्तकों के प्रकाशन और वितरण, शिक्षकों के वेतन में समानता, तिब्बती में सुविधाएं प्रदान करने जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण प्रदान किया.

राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा जारी कोविड -19 संबंधित नियमों का पालन करते हुए अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के सिक्यॉन्ग छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं के साथ बच्चों को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए तिब्बती संस्कृति के ज्ञान और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में तिब्बती गीतों को एकीकृत करने के सुझाव भी सत्र के दौरान दिए.

स्कूलों में तिब्बती भाषा की वर्तमान शिक्षण पद्धति चर्चा

इसी के साथ अन्य मुद्दों जैसे स्कूलों में तिब्बती भाषा की वर्तमान शिक्षण पद्धति को बदलने की आवश्यकता और वर्तमान तिब्बती पाठ्यक्रम की समीक्षा करने पर चर्चा की गई.

ये भी पढ़ें: भटेड़ व चलोह के दर्जनों लोगों ने थामा बीजेपी का दामन, पूर्व सीएम धूमल ने किया स्वागत

धर्मशाला: उपसभापति आचार्य येशी फुनत्सोक की अध्यक्षता में निर्वासित तिब्बती संसद के 10वें सत्र का नौवां दिन व्यापार की पहली सूची के साथ शुरू हुआ. तिब्बत समर्थकों द्वारा सत्र के दौरान सांसद राम स्वरूप निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट का मौन रखा.

शिक्षा विभाग के उपक्रम पर हुई चर्चा

पिछली बैठक से विचार-विमर्श जारी रखते हुए कुल 29 संसद सदस्यों ने शिक्षा विभाग के उपक्रम पर चर्चा में भाग लिया. सांसदों ने अतिरिक्त कठिन परिश्रम के लिए इसके शिक्षकों और स्टाफ के सदस्यों की सराहना की जो महामारी की अवधि के दौरान बच्चों को डिजिटल रूप से पढ़ाने के स्थायी रूप से सक्रिय रहे.

तिब्बती होम्स फाउंडेशन के प्रयासों को सराहा

इसी तरह 2020 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में विशेषकर तिब्बती होम्स फाउंडेशन (टीएचएफ) के तिब्बती छात्रों के असाधारण परिणाम को संसद के सदस्यों ने एकजुट होकर सराहा, जबकि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और परीक्षा प्रदर्शन पर कम ध्यान देने के महत्व पर भी सुझाव दिया गया था.

शिक्षा विभाग ने विभिन्न मुद्दों पर दिया स्पष्टीकरण

डॉ. पेमा यांगचेन ने डीओई द्वारा मठवासी स्कूलों को मान्यता देने, मठवासी शिक्षकों को कार्यशालाएं प्रदान करने, बच्चों की पुस्तकों के प्रकाशन और वितरण, शिक्षकों के वेतन में समानता, तिब्बती में सुविधाएं प्रदान करने जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण प्रदान किया.

राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा जारी कोविड -19 संबंधित नियमों का पालन करते हुए अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के सिक्यॉन्ग छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं के साथ बच्चों को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए तिब्बती संस्कृति के ज्ञान और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में तिब्बती गीतों को एकीकृत करने के सुझाव भी सत्र के दौरान दिए.

स्कूलों में तिब्बती भाषा की वर्तमान शिक्षण पद्धति चर्चा

इसी के साथ अन्य मुद्दों जैसे स्कूलों में तिब्बती भाषा की वर्तमान शिक्षण पद्धति को बदलने की आवश्यकता और वर्तमान तिब्बती पाठ्यक्रम की समीक्षा करने पर चर्चा की गई.

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