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रोप-वे की आय से नगर निगम धर्मशाला ने मांगा हिस्सा, साल की अंतिम बैठक में लिया गया निर्णय

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Published : Dec 30, 2019, 6:18 PM IST

मासिक बैठक में निर्णय लिया गया कि रोप वे प्रोजेक्ट जो कि नगर निगम क्षेत्र में निर्मित होने वाले इस प्रोजेक्ट का सेस निगम को मिलना चाहिए. यह निर्णय नगर निगम धर्मशाला की मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आयोजित साल की अंतिम बैठक में लिया गया.

Monthly meeting of MC Dharamshala chaired by Mayor Devendra Jaggi, धर्मशाला नगर निगम की मासिक बैठक की न्यूज
नगर निगम धर्मशाला बैठक में मौजूद मेयर व अन्य लोग

धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला की मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आयोजित साल की अंतिम बैठक में रोप-वे का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा. स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बनाने वाले इस रोप-वे पर नगर निगम ने सेस की मांग की है.

इसके अतिरिक्त बैठक में रोप-वे की आय से सरकार को मिलने वाली राशि से 70 फीसदी नगर निगम को देने, नगर निगम के फंडस से स्ट्रीट लाइटस लगाने, सीवरेज लीकेज से निपटने के लिए आईपीएच विभाग को निर्देश देने, गारबेज फ्री सिटी में नगर निगम द्वारा भाग लेने का निर्णय लिया गया. वहीं, नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि रोप-वे की आय जो हिस्सा पर्यटन विभाग को जाना है, उसमें से नगर निगम ने 70 फीसदी मिलना चाहिए, क्योंकि पार्किंग की लैंड नगर निगम की है, इससे नगर निगम को भी कमाई होगी. नगर निगम के शेष हिस्से में नगर निगम के फंड से स्ट्रीट लाइटस लगाई जाएंगी.

वीडियो.

इसके अलावा शहर में स्ट्रीट लाइट पर हाउस में मेंबर्स ने ऑब्जेक्शन लगाते हुए कहा कि पिछले तीन सालों से स्ट्रीट लाइल चेंज नहीं हुई हैं. 3200 लाइट्स निगम में सप्लाई हुई, लेकिन यह सभी मर्ज एरिया में लगा दी गई हैं. इस मामले पर कमिशनर प्रदीप ठाकुर ने बताया कि 3800 लाइट्स काम कर रही हैं. डिप्टी मेयर ओंकार नैहरिया ने कहा कि पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज, जोगीबड़ा रोड़, धर्मकोट, चर्च पर एक भी लाइट काम नहीं करती है. वर्ष 2017 से लाइट्स रिप्लेस नहीं हो रही है, जबकि निगम ने ठेकेदार को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया है जिसे लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन शहर में स्ट्रीट लाइट्स ही नहीं जग रही है.

स्मार्ट सिटी की बीओडी में भी 3000 लाइटस की स्वीकृति प्रदान की गई है. सीवरेज लीकेज बारे प्रस्ताव पारित करके आईपीएच विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे. भविष्य में सीवरेज लीकेज की वजह से कोई बीमारी फैलती है तो इसके लिए आईपीएच विभाग जिम्मेवार होगा. स्टाफ की कमी से निपटने के लिए आउटसोर्स पर भर्ती के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है. आवारा कुतों की समस्या से निपटने के लिए एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट से एमओयू किया जा रहा है. रास्तों पर रेहड़ी लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. गारबेज फ्री सिटी के लिए हो रहे सर्वे में नगर निगम धर्मशाला भी पार्टिसिपेट करेगा.

ये भी पढ़ें- शिमला में मौसम बदलने लगा करवट, 31 दिसंबर को हिमाचल में बारिश व बर्फबारी की संभावना

धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला की मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आयोजित साल की अंतिम बैठक में रोप-वे का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा. स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बनाने वाले इस रोप-वे पर नगर निगम ने सेस की मांग की है.

इसके अतिरिक्त बैठक में रोप-वे की आय से सरकार को मिलने वाली राशि से 70 फीसदी नगर निगम को देने, नगर निगम के फंडस से स्ट्रीट लाइटस लगाने, सीवरेज लीकेज से निपटने के लिए आईपीएच विभाग को निर्देश देने, गारबेज फ्री सिटी में नगर निगम द्वारा भाग लेने का निर्णय लिया गया. वहीं, नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि रोप-वे की आय जो हिस्सा पर्यटन विभाग को जाना है, उसमें से नगर निगम ने 70 फीसदी मिलना चाहिए, क्योंकि पार्किंग की लैंड नगर निगम की है, इससे नगर निगम को भी कमाई होगी. नगर निगम के शेष हिस्से में नगर निगम के फंड से स्ट्रीट लाइटस लगाई जाएंगी.

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इसके अलावा शहर में स्ट्रीट लाइट पर हाउस में मेंबर्स ने ऑब्जेक्शन लगाते हुए कहा कि पिछले तीन सालों से स्ट्रीट लाइल चेंज नहीं हुई हैं. 3200 लाइट्स निगम में सप्लाई हुई, लेकिन यह सभी मर्ज एरिया में लगा दी गई हैं. इस मामले पर कमिशनर प्रदीप ठाकुर ने बताया कि 3800 लाइट्स काम कर रही हैं. डिप्टी मेयर ओंकार नैहरिया ने कहा कि पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज, जोगीबड़ा रोड़, धर्मकोट, चर्च पर एक भी लाइट काम नहीं करती है. वर्ष 2017 से लाइट्स रिप्लेस नहीं हो रही है, जबकि निगम ने ठेकेदार को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया है जिसे लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन शहर में स्ट्रीट लाइट्स ही नहीं जग रही है.

स्मार्ट सिटी की बीओडी में भी 3000 लाइटस की स्वीकृति प्रदान की गई है. सीवरेज लीकेज बारे प्रस्ताव पारित करके आईपीएच विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे. भविष्य में सीवरेज लीकेज की वजह से कोई बीमारी फैलती है तो इसके लिए आईपीएच विभाग जिम्मेवार होगा. स्टाफ की कमी से निपटने के लिए आउटसोर्स पर भर्ती के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है. आवारा कुतों की समस्या से निपटने के लिए एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट से एमओयू किया जा रहा है. रास्तों पर रेहड़ी लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. गारबेज फ्री सिटी के लिए हो रहे सर्वे में नगर निगम धर्मशाला भी पार्टिसिपेट करेगा.

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Intro:धर्मशाला- धर्मशाला नगर निगम की मासिक बैठक में निर्णय लिया गया कि रोप वे प्रोजेक्ट जो कि नगर निगम क्षेत्र में निर्मित होने वाले इस प्रोजेक्ट का सेस निगम को मिलना चाहिए। यह निर्णय नगर निगम धर्मशाला की मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आयोजित साल की अंतिम बैठक में लिया गया। स्ट्रीट लाइट पर हाउस में मेंबर्स ने ऑब्जेक्शन लगाया कि पिछले तीन सालों से चेंज नहीं हुई है। 3200 लाइट्स निगम में सप्लाई हुई, लेकिन यह सभी मर्ज एरिया में लगा दी गई हैं। कमिशनर प्रदीप ठाकुर ने बताया कि 3800 लाइट्स काम कर रही हैं।  डिप्टी मेयर ओंकार नैहरिया ने कहा कि पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज, जोगीबड़ा रोड़, धर्मकोट, चर्च पर एक भी लाइट काम नहीं करती है। वर्ष 2017 से लाइट्स रिप्लेस नहीं हो रही है।


 


Body:जबकि निगम ने ठेकेदार को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया है जिसे लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। लेकिन शहर में स्ट्रीट लाइट्स ही नहीं जग रही है। इसके अतिरिक्त बैठक में रोप-वे की आय से सरकार को मिलने वाली राशि से 70 फीसदी नगर निगम को देने, नगर निगम के फंडस से स्ट्रीट लाइटस लगाने, सीवरेज लीकेज से निपटने के लिए आईपीएच विभाग को निर्देश देने, गारबेज फ्री सिटी में नगर निगम द्वारा भाग लेने का निर्णय लिया गया।




Conclusion:वही नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि रोप-वे की आय जो हिस्सा पर्यटन विभाग को जाना है, उसमें से नगर निगम ने 70 फीसदी मिलना चाहिए, क्योंकि पार्किंग की लैंड नगर निगम की है, इससे नगर निगम को भी कमाई होगी।  नगर निगम के शेष हिस्से में नगर निगम के फंड से स्ट्रीट लाइटस लगाई जाएंगी। स्मार्ट सिटी की बीओडी में भी 3000 लाइटस की स्वीकृति प्रदान की गई है। सीवरेज लीकेज बारे प्रस्ताव पारित करके आईपीएच विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। भविष्य में सीवरेज लीकेज की वजह से कोई बीमारी फैलती है तो इसके लिए आईपीएच विभाग जिम्मेवार होगा। स्टाफ की कमी से निपटने के लिए आउटसोर्स पर भर्ती के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। आवारा कुतों की समस्या से निपटने के लिए एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट से एमओयू किया जा रहा है। रास्तों पर रेहड़ी लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। गारबेज फ्री सिटी के लिए हो रहे सर्वे में नगर निगम धर्मशाला भी पार्टिसिपेट करेगा।

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