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धर्मशाला में लैंटाना हटाने के लिए फंड की कमी: 1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित, सिर्फ 16 हजार हेक्टेयर से हटा

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Published : Mar 4, 2023, 11:32 AM IST

फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला में लैंटाना को हटाने के लिए फंड की कमी पड़ रही है. यहां 1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित है,लेकिन मात्र 16 हजार हेक्टेयर से ही लैंटाना हटाया गया है. अधिकारियों की मानें तो हां-जहां भी लैंटाना हटाया है, वहां पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं शून्य हो गई.

धर्मशाला में लैंटाना हटाने के लिए फंड नहीं
धर्मशाला में लैंटाना हटाने के लिए फंड नहीं

धर्मशाला: वन विभाग का लैंटाना उन्मूलन अभियान लगातार जारी है. हालांकि ,विभाग द्वारा इसे खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी विभाग को सफलता नहीं मिल पाई है, क्योंकि कहीं न कहीं फंड की कमी आड़े आ रही है. सुखद बात यह है कि विभाग ने जहां-जहां भी लैंटाना हटाया है, वहां पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं शून्य हो गई हैं, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जाता कि सर्दियों में लैंटाना सूख जाता है तो उस एरिया में आग लग जाए तो उस पर काबू पाना भी आसान नहीं होता.

1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित: बात करें फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला की तो सर्कल के अंतर्गत 1.34 लाख हेक्टेयर वन भूमि आती है, जिसमें से 1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित है, जबकि इसमें से विभाग ने 16 हजार हेक्टेयर से लैंटाना हटाने में सफलता हासिल की है. विभाग ने फॉरेस्ट सर्कल के अंतर्गत वर्ष 2009 से यह अभियान शुरू किया था, जो कि अभी भी जारी है. जहां-जहां भी लैंटाना की समस्या अधिक थी, वहां पर समस्या से निपटने के लिए वन विभाग की ओर से चौड़ी पत्तियों वाले पौधे लगाए गए. वहीं बात करें लैंटाना को समाप्त करने के लिए तो ऊंचे व पुष्ट पौधे लगाने का प्रावधान किया गया है, जिससे कि पेड़ों का आवरण जल्दी से स्थापित हो और लैंटाना को फिर से उगने की प्रवृत्ति को नियंत्रित किया जा सके.

बांस प्रजाति को प्राथमिकता: लैंटाना को बढऩे से रोकने के लिए बांस प्रजाति को प्राथमिकता दी गई, क्योंकि बांस लैंटाना को दबाने में विशेष तौर पर सहायक सिद्ध होता है. चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला देवराज कौशल ने कहा कि फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला के अंतर्गत 1 लाख हेक्टेयर लैंटाना प्रभावित क्षेत्र में से 16 हजार से लैंटाना हटाया गया है. लैंटाना हटाने के लिए काफी पैसे की जरूरत है. सर्दियों में सूखे लैंटाना में लगी आग पर काबू पाना मुश्किल होता है. जहां से लैंटाना हटाया गया है, उन वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं शून्य हो गई हैं.

ये भी पढ़ें : World Obesity Day 2023: बदल रहा पहाड़ियों का लाइफस्टाइल, मोटापे के हो रहे शिकार

धर्मशाला: वन विभाग का लैंटाना उन्मूलन अभियान लगातार जारी है. हालांकि ,विभाग द्वारा इसे खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी विभाग को सफलता नहीं मिल पाई है, क्योंकि कहीं न कहीं फंड की कमी आड़े आ रही है. सुखद बात यह है कि विभाग ने जहां-जहां भी लैंटाना हटाया है, वहां पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं शून्य हो गई हैं, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जाता कि सर्दियों में लैंटाना सूख जाता है तो उस एरिया में आग लग जाए तो उस पर काबू पाना भी आसान नहीं होता.

1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित: बात करें फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला की तो सर्कल के अंतर्गत 1.34 लाख हेक्टेयर वन भूमि आती है, जिसमें से 1 लाख हेक्टेयर भूमि लैंटाना प्रभावित है, जबकि इसमें से विभाग ने 16 हजार हेक्टेयर से लैंटाना हटाने में सफलता हासिल की है. विभाग ने फॉरेस्ट सर्कल के अंतर्गत वर्ष 2009 से यह अभियान शुरू किया था, जो कि अभी भी जारी है. जहां-जहां भी लैंटाना की समस्या अधिक थी, वहां पर समस्या से निपटने के लिए वन विभाग की ओर से चौड़ी पत्तियों वाले पौधे लगाए गए. वहीं बात करें लैंटाना को समाप्त करने के लिए तो ऊंचे व पुष्ट पौधे लगाने का प्रावधान किया गया है, जिससे कि पेड़ों का आवरण जल्दी से स्थापित हो और लैंटाना को फिर से उगने की प्रवृत्ति को नियंत्रित किया जा सके.

बांस प्रजाति को प्राथमिकता: लैंटाना को बढऩे से रोकने के लिए बांस प्रजाति को प्राथमिकता दी गई, क्योंकि बांस लैंटाना को दबाने में विशेष तौर पर सहायक सिद्ध होता है. चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला देवराज कौशल ने कहा कि फॉरेस्ट सर्कल धर्मशाला के अंतर्गत 1 लाख हेक्टेयर लैंटाना प्रभावित क्षेत्र में से 16 हजार से लैंटाना हटाया गया है. लैंटाना हटाने के लिए काफी पैसे की जरूरत है. सर्दियों में सूखे लैंटाना में लगी आग पर काबू पाना मुश्किल होता है. जहां से लैंटाना हटाया गया है, उन वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं शून्य हो गई हैं.

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