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भांग की खेती को वैध करने की वकालत, धर्मशाला में इट्स हेम्प ऑनलाइन बाजार लॉन्च

स्मार्ट सिटी धर्मशाला में इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार शुरू किया गया है. इससे प्लास्टिक, यूरिया व खाद वाली चीजों का उपयोग कम किया जाएगा. हेम्प भांग का एक प्रकार है. ये जानकारी म्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार के स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा और अपूर्वा शील ने दी.

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Published : Nov 2, 2019, 7:50 PM IST

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी धर्मशाला में इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार शुरू किया गया है. ये जानकारी इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार के स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा और अपूर्वा शील ने प्रेसवार्ता के दौरान दी.

स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा ने बताया कि हेम्प यानी भांग हिमाचल में प्राकृतिक तौर पर बहुत ज्यादा मात्रा में उगती है और इसे उगाने में मेहनत भी नहीं लगती है. उन्होंने बताया कि हेम्प भांग का एक प्रकार है. साथ ही कहा कि प्रदेश में हिमाचल या मेक इन इंडिया के तहत आने वाले उत्पादों के लिए नई इंडस्ट्री शुरू की जाएगी.

वीडियो.

श्रीजन ने माना कि भांग की खेती हिमाचल में कानूनी तौर पर वैध नहीं है, ऐसे में हमारा प्रयास है कि हिमाचल में भांग की खेती और इसकी प्रक्रिया को जितना जल्द हो सके वैध करवाया जाए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम ब्यूरोक्रेट्स से भी मिल रहे हैं, क्योंकि इससे हमारा आर्थिक प्रभाव ग्रासरूट लेवल तक जाएगा.

इससे किसान, खरीददार को लाभ मिलेगा, क्योंकि ये बहुत ईको फ्रेंडली तरीका है. श्रीजन शर्मा ने बताया कि इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार से प्लास्टिक और यूरिया व खाद वाली चीजों का उपयोग कम किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अभी तक 150 प्रोडक्ट्स के साथ वेबसाइट लॉन्च कर रहे हैं. उसमें से हमारे कई विक्रेता हिमाचल, मुंबई, कर्नाटक, उड़ीसा में हैं.

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी धर्मशाला में इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार शुरू किया गया है. ये जानकारी इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार के स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा और अपूर्वा शील ने प्रेसवार्ता के दौरान दी.

स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा ने बताया कि हेम्प यानी भांग हिमाचल में प्राकृतिक तौर पर बहुत ज्यादा मात्रा में उगती है और इसे उगाने में मेहनत भी नहीं लगती है. उन्होंने बताया कि हेम्प भांग का एक प्रकार है. साथ ही कहा कि प्रदेश में हिमाचल या मेक इन इंडिया के तहत आने वाले उत्पादों के लिए नई इंडस्ट्री शुरू की जाएगी.

वीडियो.

श्रीजन ने माना कि भांग की खेती हिमाचल में कानूनी तौर पर वैध नहीं है, ऐसे में हमारा प्रयास है कि हिमाचल में भांग की खेती और इसकी प्रक्रिया को जितना जल्द हो सके वैध करवाया जाए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम ब्यूरोक्रेट्स से भी मिल रहे हैं, क्योंकि इससे हमारा आर्थिक प्रभाव ग्रासरूट लेवल तक जाएगा.

इससे किसान, खरीददार को लाभ मिलेगा, क्योंकि ये बहुत ईको फ्रेंडली तरीका है. श्रीजन शर्मा ने बताया कि इट्स हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार से प्लास्टिक और यूरिया व खाद वाली चीजों का उपयोग कम किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अभी तक 150 प्रोडक्ट्स के साथ वेबसाइट लॉन्च कर रहे हैं. उसमें से हमारे कई विक्रेता हिमाचल, मुंबई, कर्नाटक, उड़ीसा में हैं.

Intro:धर्मशाला- स्मार्ट सिटी धर्मशाला में इटस हेम्प स्टार्टअप ऑनलाइन बाजार शुरू किया गया है। हेम्प जो कि भांग का एक प्रकार है, जिससे भारत भर में सामान बन रहा है, उसे हम आनलाइन पोर्टल बनाकर बेच रहे हैं। यह बात इटस हेम्प के स्थानीय प्रतिनिधि श्रीजन शर्मा और अपूर्वा शील ने प्रेसवार्ता में कही। श्रीजन ने बताया कि हेम्प यानी भांग हिमाचल में प्राकृतिक तौर पर बहुत ज्यादा मात्रा में उगती है तथा इसे उगाने में मेहनत भी नहीं लगती। हमारा प्रयास रहेगा कि हिमाचल में एक नई इंडस्ट्री शुरू करवाएं जिसमें हिमाचल में बने उत्पाद  जो कि मेक इन हिमाचल या मेक इन इंडिया के अंतर्गत आते हैं।





Body: इन प्रोडक्ट को बनाकर हम पूरी दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं। श्रीजन ने माना कि भांग की खेती हिमाचल में कानूनी तौर पर वैध नहीं है, ऐसे में हमारा प्रयास है कि हिमाचल में भांग की खेती और इसकी प्रोसेसिंग को जितनी जल्दी हो सके वैध करवाया जाए, इस संबंध में हम ब्यूरोक्रेटस से भी मिल रहे हैं, क्योंकि इससे हमारा इकोनोमिक इम्पेक्ट ग्रासरूट लेवल तक जाएगा। इससे किसान सहित खरीददार को लाभ मिलेगा, क्योंकि यह बहुत ईको फ्रेंडली और सस्टेनेबल तरीका है । 





Conclusion:नए प्रोडक्टस बनाने का जो कि आम लोग प्रतिदिन प्रयोग में लाते हैं। इससे जहां प्लास्टिक का यूज कम होगा, वहीं यूरिया व खाद वाली चीजें हैं, उनका यूज कम होगा। श्रीजन ने बताया कि अभी तक 150 प्रोडक्टस के साथ वेबसाइट लांच कर रहे हैं, उनमें से हमारे कई विक्रेता हिमाचल, मुंबई, कर्नाटक, उड़ीसा में है, देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित होकर वे हमारे पास आ रहे हैं।  

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