धर्मशाला: हाल ही में कोरोना की बीमारी से उभर कर आए उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने जारी प्रेस बयान में कहा कि कोरोना संकट से हिमाचल की जनता को बचाने के लिए जयराम सरकार जी तोड़ मेहनत कर रही है. जयराम सरकार की ओर से सही समय पर लिए गए सही निर्णयों की वजह से ही हिमाचल में स्थिति विकराल नहीं हुई. दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब सरीखे अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में कोरोना मरीजों का अच्छा इलाज हो रहा है.
हिमाचल में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की नहीं है कमी
जयराम सरकार ने हिमाचल में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी नहीं आने दी. किसी भी मरीज की ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी से मृत्यु नहीं हुई है. बल्कि अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों का हौसला बढ़ाने के लिए कई संक्रिमितों का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया. बिक्रम ठाकुर ने कहा कि सूबे में कोरोना मरीजों के लिए 3,670 बिस्तर उपलब्ध हैं. राज्य में 244 आईसीयू बेड हैं. 1804 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर हैं. इनमें से करीब 400 बिस्तर खाली हैं. मोदी सरकार ने प्रदेश को 75 हजार पीपीई किट्स और 75,000 एन 95 मास्क भेजे हैं.
जयराम सरकार की 3 तरह लड़ाई
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच जयराम सरकार की लड़ाई 3 तरह की है. इसमें मरीजों को बेहतर सेवाएं मुहैया करवाना, बेरोजगार हो रहे युवाओं को रोजगार देना और लोगों के व्यवसाय पर पड़ रही मार सरकार के लिए चिंता का विषय हैं. सरकार इन पर काम कर रही है.
उद्योग मंत्री ने जनता से की ये अपील
उद्योग मंत्री ने जनता से अपील है कि वह पुलिस, डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी व पत्रकारों का मनोबल बढ़ाएं, जो ऐसे समय में निडरता व निष्ठा के साथ समाज की सेवा में लगे हुए हैं. सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिये प्रदेश में उद्योग के उपयोग में आने वाली तरल ऑक्सीजन को पहले ही बैन कर दिया है. उद्योगों को निर्देश जारी किये गए हैं कि वह ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाएं. ऑक्सीजन के सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग पर सरकार ने सख्ती बरती है.
उन्होंने कहा कि वह अभी हाल में ही कोरोना बीमारी से उभर कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. बिक्रम ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे सभी फ्रंटलाइन कर्मियों का धन्यवाद किया है, जिनके प्रयासों से वह इस जंग को जीतने में सफल हुए हैं.
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