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तिब्बती लोग भी करेंगे लोकसभा चुनाव में मतदान, छोड़ना पड़ेगा विशेष शरणार्थी का दर्जा - वोटर पहचान पत्र

भारत सरकार ने दोबारा तिब्बत के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है. तिब्बत के जो भी लोग मतदान करेंगे, उन्हें भारत से अपना वोटर पहचान पत्र बनाना होगा. धर्मशाला में 300 से अधिक तिब्बत लोगों ने भारत का वोटर कार्ड बनाया है.

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल
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Published : Mar 16, 2019, 10:03 AM IST

धर्मशाला: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. हर दल तैयारियों में जुटा हुआ है. जीत के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. वहीं, भारत सरकार ने दोबारा तिब्बत के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है. तिब्बत के जो भी लोग मतदान करेंगे, उन्हें भारत से अपना वोटर पहचान पत्र बनाना होगा. धर्मशाला में 300 से अधिक तिब्बत लोगों ने भारत का वोटर कार्ड बनाया है. भारत सरकार ने दोबारा कुछ निर्देश भी दिए हैं जिसमें जो भी तिब्बत नागरिक भारतीय वोटर कार्ड बनाएगा, उसको अपना विदेशी पंजीकरण प्रमाणपत्र जमा करवाना होगा. इसके साथ ही उन्हें अपना विशेष शरणार्थी का दर्जा भी छोड़ना पड़ेगा.

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल
tibetians

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो ने कहा कि जो निर्वासित तिब्बती है वो भारतीय संविधान के मुताबिक मतदान नहीं कर सकते. तिब्बत के जिन लोगों ने जनवरी 1950 से जून 1988 के बीच में जन्म लिया है वो भारतीय संविधान के मुताबिक अपना वोट बना सकता है. इस आधार पर उन्हें भारतीय नागरिकता मिल सकती है. तय तारीख में अगर जन्म हुआ है और आरसी है तो वह भारतीय नागरिकता ले सकता है कोई भी व्यक्ति दोनों देशों की नागरिकता नहीं ले सकता है.वहीं, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल कहते हैं कि वह भारत में पैदा हुए हैं, लेकिन उनके माता-पिता तिब्बत से आये हैं. 2014 में उन्हें वोट का अधिकार मिला था और उन्होंने अपने मतदान का प्रयोग किया था. उनके पास हिमाचली बोनाफाइड के अलावा भारत के तमाम पहचान पत्र उनके पास हैं.
निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल
tibetians

धर्मशाला: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. हर दल तैयारियों में जुटा हुआ है. जीत के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. वहीं, भारत सरकार ने दोबारा तिब्बत के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है. तिब्बत के जो भी लोग मतदान करेंगे, उन्हें भारत से अपना वोटर पहचान पत्र बनाना होगा. धर्मशाला में 300 से अधिक तिब्बत लोगों ने भारत का वोटर कार्ड बनाया है. भारत सरकार ने दोबारा कुछ निर्देश भी दिए हैं जिसमें जो भी तिब्बत नागरिक भारतीय वोटर कार्ड बनाएगा, उसको अपना विदेशी पंजीकरण प्रमाणपत्र जमा करवाना होगा. इसके साथ ही उन्हें अपना विशेष शरणार्थी का दर्जा भी छोड़ना पड़ेगा.

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल
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निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो ने कहा कि जो निर्वासित तिब्बती है वो भारतीय संविधान के मुताबिक मतदान नहीं कर सकते. तिब्बत के जिन लोगों ने जनवरी 1950 से जून 1988 के बीच में जन्म लिया है वो भारतीय संविधान के मुताबिक अपना वोट बना सकता है. इस आधार पर उन्हें भारतीय नागरिकता मिल सकती है. तय तारीख में अगर जन्म हुआ है और आरसी है तो वह भारतीय नागरिकता ले सकता है कोई भी व्यक्ति दोनों देशों की नागरिकता नहीं ले सकता है.वहीं, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल कहते हैं कि वह भारत में पैदा हुए हैं, लेकिन उनके माता-पिता तिब्बत से आये हैं. 2014 में उन्हें वोट का अधिकार मिला था और उन्होंने अपने मतदान का प्रयोग किया था. उनके पास हिमाचली बोनाफाइड के अलावा भारत के तमाम पहचान पत्र उनके पास हैं.
निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो, तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल
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Intro:धर्मशाला- लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। हर दल तैयारियो में जुटा हुआ है जीत के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। वही भारत सरकार दोबारा तिब्बित लोगो को भी मतदान करने का अधिकार दिया गया है वही तिब्बत के जो भी लोग मतदान करेगे उन्हें भारत से अपना वोटर पहचान पत्र बनाना होगा। वही धर्मशाला में 300 से अधिक तिब्बित लोगो ने भारत का वोट बनाया है। वही भारत सरकार दोबारा कुछ निर्देश भी दिए गए है जिसमे से जो भी तिब्बित नागरिक भारतीय वोट बनाया गा उसको अपना विदेशी पंजीकरण प्रमाणपत्र जमा करवाना होगा। वही इसके साथ उन्हें अपना विशेष शरणार्थि का दर्जा भी छोड़ना पड़ेगा। वही तिब्बित लोग इस भारतीय मतदान बनाने में अपनी दिलचस्पी कम दिखा रहे है । वही इसका कारण यह भी है कि तिबत आजादी आंदोलन के चलते भी निर्वशीत तिब्बित अपना वोट नही बना रहे है।


Body:वही निर्वशीत तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम दगपो ने कहा की जो निर्वशीत तिब्बती है वो भारतीय सविधान के मुताबिक मतदान नही कर सकते है । उन्होने कहा कि जो तिब्बित जनवरी 1950 से जून 1988 के बीच मे जिसने जन्म लिया है वो भारतीय सविधान के मुताबिक अपना वोट बना सकता है। वही इस आधार पर उन्हें भारतीय नागरिकता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि तय तारीख में अगर जन्म हुआ है और आरसी है तो वह भारतीय नागरिकता ले सकता है वही उन्होंने कहा कि कोई भी व्यकित दोनों देशों की नागरिकता नही ले सकता है।


Conclusion:वही तिब्बती से भारतीय मतदाता बने लोभ संघ वग्याल कहते है कि वह भारत मे पैदा हुए है लेकिन उनके माता पिता तिब्बत से आये है उन्होंने कहा कि 2014 में उन्हें वोट का अधिकार मिला था और उन्होंने अपने मतदान का प्रयोग किया था। वही उन्होंने कहा कि उनके पास हिमाचली बोनाफाइड के अलावा भारत के तमाम पहचान पत्र उनके पास है।
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