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SOS के छात्र IGNOU की तर्ज पर करेंगे पढ़ाई, छुट्टी के दिन मिलेगी असाइनमेंट - एसओएस छात्रों को पढ़ाने के लिए

प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की धर्मशाला में आयोजित बैठक एसओएस की शिक्षा प्रणाली को इग्रू की तर्ज पर बदलने का निर्णय लिया गया. साथ ही स्कूलों में बैग फ्री डे जैसी विभिन्न गतिविधियां शुरु की जाएंगी.

HPSEB meeting in dharmashala over sos
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Published : Nov 22, 2019, 11:35 PM IST

धर्मशालाः प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहली बार शुक्रवार को एसओएस की कार्यशाला का आयोजन किया. शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित बैठक में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इग्रू की तर्ज पर स्टेट ओपन स्कूल (एसओएस) की शिक्षा प्रणाली को बदलने का निर्णय लिया है. इसके तहत एसओएस से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रों के लिए रविवार या छुट्टी का दिन काउंसलिंग सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को कोई न कोई असाइनमेंट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा.

वीडिओ.

बता दें कि एसओएस संबंधी कार्यों के लिए बोर्ड में अलग से एक विंग स्थापित किया गया है. इस विंग की अध्यक्षता प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेटरी कर रहे हैं. वहीं, एसओएस स्टडी सेंटर्स के छात्रों की समस्याओं के हल के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया गया है. बोर्ड चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि एसओएस छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो, उनकी परिचय सभा हो, जिसमें सभी बच्चों का शिक्षक से परिचय करवाया जाए, छात्रों को असाइनमेंट दी जाए, इन सब बातों का खास ध्यान दिया जाएगा.

एसओएस को सुदृढ़ करने एडमिट कार्ड जारी करने के बाद औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. पहले शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट कमजोर थी, जिसे अब और बेहतर किया गया है. प्रदेश में एसओएस के स्टडी सेंटर्स की संख्या 249 हो गई है, जिनमें 95 प्राइवेट स्टडी सेंटर हैं. प्रदेश के सभी स्टडी सेंटर्स को एक्टिव किया जाएगा और इन स्टडी सेंटर्स के लिए जो भी आवश्यक मैटीरियल होगा वो दिया जाएगा.

एसओएस के स्टडी सेंटरों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेरोजगार शिक्षकों को पढ़ाने का मौका दिया जाएगा. डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बैग फी डे पर स्कूलों में बच्चों का हैप्पीनेस लेवल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. बैग फ्री डे पर बच्चों की विभिन्न गतिविधियां शुरु की जाएंगी, जिससे कि बच्चे को खुद को व्यस्त रख सकेंगे.

धर्मशालाः प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहली बार शुक्रवार को एसओएस की कार्यशाला का आयोजन किया. शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित बैठक में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इग्रू की तर्ज पर स्टेट ओपन स्कूल (एसओएस) की शिक्षा प्रणाली को बदलने का निर्णय लिया है. इसके तहत एसओएस से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रों के लिए रविवार या छुट्टी का दिन काउंसलिंग सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को कोई न कोई असाइनमेंट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा.

वीडिओ.

बता दें कि एसओएस संबंधी कार्यों के लिए बोर्ड में अलग से एक विंग स्थापित किया गया है. इस विंग की अध्यक्षता प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेटरी कर रहे हैं. वहीं, एसओएस स्टडी सेंटर्स के छात्रों की समस्याओं के हल के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया गया है. बोर्ड चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि एसओएस छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो, उनकी परिचय सभा हो, जिसमें सभी बच्चों का शिक्षक से परिचय करवाया जाए, छात्रों को असाइनमेंट दी जाए, इन सब बातों का खास ध्यान दिया जाएगा.

एसओएस को सुदृढ़ करने एडमिट कार्ड जारी करने के बाद औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. पहले शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट कमजोर थी, जिसे अब और बेहतर किया गया है. प्रदेश में एसओएस के स्टडी सेंटर्स की संख्या 249 हो गई है, जिनमें 95 प्राइवेट स्टडी सेंटर हैं. प्रदेश के सभी स्टडी सेंटर्स को एक्टिव किया जाएगा और इन स्टडी सेंटर्स के लिए जो भी आवश्यक मैटीरियल होगा वो दिया जाएगा.

एसओएस के स्टडी सेंटरों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेरोजगार शिक्षकों को पढ़ाने का मौका दिया जाएगा. डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बैग फी डे पर स्कूलों में बच्चों का हैप्पीनेस लेवल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. बैग फ्री डे पर बच्चों की विभिन्न गतिविधियां शुरु की जाएंगी, जिससे कि बच्चे को खुद को व्यस्त रख सकेंगे.

Intro:धर्मशाला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इग्रू की तर्ज पर स्टेट ओपन स्कूल (एसओएस) की पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत  एसओएस स्टूडेंटस के लिए संडे या छुटटी के दिन उनकी काउंसलिंग सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को कोई न कोई असाइनमेंट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा। एसओएस संबंधी कार्यों हेतू बोर्ड में अलग से विंग स्थापित किया गया है, जिसे ज्वाइंट सेक्रेटरी हैड कर रहे हैं। वहीं एसओएस स्टडी सेंटर्स समन्वयकों व स्टूडेंटस की समस्याओं के हल के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया गया है, ताकि कोई भी स्टडी सेंटर अनअटेंडेंट न रहे।





Body: यह जानकारी बोर्ड चेयरमैन डा. सुरेश कुमार सोनी ने प्रेसवार्ता में कही। एसओएस स्टूडेंटस को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो, उनकी परिचय सभा हो, जिसमें सभी बच्चों का शिक्षक से परिचय करवाया जाए। उन्हें असाइनमेंट दी जाए, जिससे वह आनंद में शिक्षा ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि एसओएस को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया रहा है। जिसके तहत एडमिट कार्ड जारी करने के बाद औपचारिकताएं पूर्ण करने हेतू 15 दिन का समय दिया जाएगा। पहले बोर्ड की वेबसाइट कमजोर थी, जिसे भी फास्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एसओएस के स्टडी सेंटर्स की संख्या 249 हो गई है, जिनमें 95 प्राइवेट स्टडी सेंटर  हैं। प्रदेश के सभी स्टडी सेंटर्स को एक्टिव किया जाएगा और इन स्टडी सेंटर्स के लिए जो भी आवश्यक मैटीरियल होगा वो दिया जाएगा। 






Conclusion:डा. सोनी ने बताया कि एसओएस के स्टडी सेंटरों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेरोजगार शिक्षकों को पढ़ाने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए बेरोजगार शिक्षकों को मानदेय दिया जाएगा। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहली बार एसओएस की कार्यशाला का आयोजन धर्मशाला में किया गया। धर्मशाला मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला में जिला कांगड़ा के एसओएस स्टडी सेंटर के समन्वयक व प्रधानाचार्य ने भाग लिया। 


बैग फ्री डे पर बढ़ाएंगे स्टूडेंटस का हैप्पीनेस 
डा. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बैग फी डे पर स्कूलों में बच्चों का हैप्पीनेस लेवल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। बैग फ्री डे पर बच्चों की विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिससे कि बच्चे को खुद को बिजी रखें और फ्रेश रहें। 

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