धर्मशालाः प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहली बार शुक्रवार को एसओएस की कार्यशाला का आयोजन किया. शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित बैठक में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इग्रू की तर्ज पर स्टेट ओपन स्कूल (एसओएस) की शिक्षा प्रणाली को बदलने का निर्णय लिया है. इसके तहत एसओएस से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रों के लिए रविवार या छुट्टी का दिन काउंसलिंग सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को कोई न कोई असाइनमेंट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा.
बता दें कि एसओएस संबंधी कार्यों के लिए बोर्ड में अलग से एक विंग स्थापित किया गया है. इस विंग की अध्यक्षता प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेटरी कर रहे हैं. वहीं, एसओएस स्टडी सेंटर्स के छात्रों की समस्याओं के हल के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया गया है. बोर्ड चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि एसओएस छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो, उनकी परिचय सभा हो, जिसमें सभी बच्चों का शिक्षक से परिचय करवाया जाए, छात्रों को असाइनमेंट दी जाए, इन सब बातों का खास ध्यान दिया जाएगा.
एसओएस को सुदृढ़ करने एडमिट कार्ड जारी करने के बाद औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. पहले शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट कमजोर थी, जिसे अब और बेहतर किया गया है. प्रदेश में एसओएस के स्टडी सेंटर्स की संख्या 249 हो गई है, जिनमें 95 प्राइवेट स्टडी सेंटर हैं. प्रदेश के सभी स्टडी सेंटर्स को एक्टिव किया जाएगा और इन स्टडी सेंटर्स के लिए जो भी आवश्यक मैटीरियल होगा वो दिया जाएगा.
एसओएस के स्टडी सेंटरों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेरोजगार शिक्षकों को पढ़ाने का मौका दिया जाएगा. डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बैग फी डे पर स्कूलों में बच्चों का हैप्पीनेस लेवल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. बैग फ्री डे पर बच्चों की विभिन्न गतिविधियां शुरु की जाएंगी, जिससे कि बच्चे को खुद को व्यस्त रख सकेंगे.