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हिमाचल प्रदेश उपोषण कटिबंधीय बागवानी परियोजना से प्रदेश में बढ़ेगा स्वरोजगार: महेंद्र सिंह

हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग द्वारा कार्यान्वित हिमाचल प्रदेश उपोषण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना, बागवानी से जुड़े लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है. इस महत्वकांक्षी परियोजना की बागडोर स्वयं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने संभाली है.

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Published : May 19, 2021, 3:21 PM IST

धर्मशाला: वर्तमान में कोरोना के चलते देश भर में लोग अपने घरों में बैठने को मजबूर हैं. इस महामारी ने न केवल रोजगार के अवसर कम किए , बल्कि बेरोजगारी को बढ़ा दिया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग द्वारा कार्यान्वित हिमाचल प्रदेश उपोषण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना, बागवानी से जुड़े लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है.

इस महत्वकांक्षी परियोजना की बागडोर स्वयं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने संभाली है. परियोजना का प्रारूप राज्य में बागवानी के सर्वांगीण विकास और ग्रामीण युवा शक्ति को बागवानी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इसके तहत जिला कांगड़ा के जिन सात विकास खंडों बैजनाथ, भवारना, सुलह, पंचरूखी, लम्बागांव, देहरा तथा पालमपुर का चयन किया गया है वो सभी लाभान्वित होंगे.

कृषि क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाएं तैयार

परियोजना में शामिल मुख्य गतिविधियां बागवानी विकास समूह एवं जल उपयोगकर्ता संघ का गठन, सामूहिक कलस्टरों को चिन्हित कर उनमें जंगली जानवरों एवं बंदरों से फसल को बचाने के लिए बाड़बंदी, सघन बागवानी हेतु बगीचों की रूपरेखा, सर्वोत्तम फल किस्म का चयन तथा रोपण, सुनिश्चित सिंचाई हेतु परियोजना तैयार की गई है.

आर्थिकी का होगा विकास

उप निदेशक, उद्यान कमल शील नेगी ने बताया कि जिन समूहों का चुनाव इन सात विकास खंडों में किया गया है. उन लाभार्थियों को इस परियोजना में बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

किसानों को वर्ष भर मिलेगा बीज

परियोजना के तहत भूस्वामियों या लाभार्थियों को एक निश्चित फसल लगा कर दी जाएगी. जिसकी आयु कम से कम 35-40 वर्ष तक होगी. इससे किसानों को वर्ष भर बीज खाद, फसल कटाई, फसल खराब होने, मौसम की मार जैसी विषमताओं का सामना नहीं करना पडे़गा. इस परियोजना के तहत एक कनाल भूमि में 60-80 पौधे लगेंगे, जो दूसरे वर्ष से फल देना आंरभ कर देंगे.

युवाओं से सक्रिय योगदान करने की अपील

इससे किसानों को 50-60 हजार रुपए सालाना लाभ प्राप्त हो सकेगा. लाभ के अवसर अधिक होने के कारण यह परियोजना नौजवान पीढ़ी के लिए बेहतरीन विकल्प उपलब्ध करवाएगी. कमल शील ने चयनित कलस्टर के ग्राम प्रधान, वार्ड पंच तथा जिला परिषद् के सदस्यों से इस परियोजना में सक्रिय योगदान देने की अपील की है. इससे वर्तमान पीढ़ी को घर बैठे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा आने वाली नस्लों के लिए पर्यावरण को सहेजने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- 15 जून तक फॉर्म भर सकेंगे IGNOU के विद्यार्थी, ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू

धर्मशाला: वर्तमान में कोरोना के चलते देश भर में लोग अपने घरों में बैठने को मजबूर हैं. इस महामारी ने न केवल रोजगार के अवसर कम किए , बल्कि बेरोजगारी को बढ़ा दिया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग द्वारा कार्यान्वित हिमाचल प्रदेश उपोषण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना, बागवानी से जुड़े लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है.

इस महत्वकांक्षी परियोजना की बागडोर स्वयं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने संभाली है. परियोजना का प्रारूप राज्य में बागवानी के सर्वांगीण विकास और ग्रामीण युवा शक्ति को बागवानी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इसके तहत जिला कांगड़ा के जिन सात विकास खंडों बैजनाथ, भवारना, सुलह, पंचरूखी, लम्बागांव, देहरा तथा पालमपुर का चयन किया गया है वो सभी लाभान्वित होंगे.

कृषि क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाएं तैयार

परियोजना में शामिल मुख्य गतिविधियां बागवानी विकास समूह एवं जल उपयोगकर्ता संघ का गठन, सामूहिक कलस्टरों को चिन्हित कर उनमें जंगली जानवरों एवं बंदरों से फसल को बचाने के लिए बाड़बंदी, सघन बागवानी हेतु बगीचों की रूपरेखा, सर्वोत्तम फल किस्म का चयन तथा रोपण, सुनिश्चित सिंचाई हेतु परियोजना तैयार की गई है.

आर्थिकी का होगा विकास

उप निदेशक, उद्यान कमल शील नेगी ने बताया कि जिन समूहों का चुनाव इन सात विकास खंडों में किया गया है. उन लाभार्थियों को इस परियोजना में बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

किसानों को वर्ष भर मिलेगा बीज

परियोजना के तहत भूस्वामियों या लाभार्थियों को एक निश्चित फसल लगा कर दी जाएगी. जिसकी आयु कम से कम 35-40 वर्ष तक होगी. इससे किसानों को वर्ष भर बीज खाद, फसल कटाई, फसल खराब होने, मौसम की मार जैसी विषमताओं का सामना नहीं करना पडे़गा. इस परियोजना के तहत एक कनाल भूमि में 60-80 पौधे लगेंगे, जो दूसरे वर्ष से फल देना आंरभ कर देंगे.

युवाओं से सक्रिय योगदान करने की अपील

इससे किसानों को 50-60 हजार रुपए सालाना लाभ प्राप्त हो सकेगा. लाभ के अवसर अधिक होने के कारण यह परियोजना नौजवान पीढ़ी के लिए बेहतरीन विकल्प उपलब्ध करवाएगी. कमल शील ने चयनित कलस्टर के ग्राम प्रधान, वार्ड पंच तथा जिला परिषद् के सदस्यों से इस परियोजना में सक्रिय योगदान देने की अपील की है. इससे वर्तमान पीढ़ी को घर बैठे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा आने वाली नस्लों के लिए पर्यावरण को सहेजने में मदद मिलेगी.

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