शिमला: प्रदेश विधानसभा के 7 से 11 दिसंबर तक होने वाले शीतकालीन सत्र के लिए प्रदेश सरकार अभी फैसला लेगी. ये सत्र धर्मशाला में होना है या शिमला में अभी तय नहीं हुआ है. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सत्र 31 मार्च तक कभी भी हो सकता है. दिसंबर में शीतकालीन सत्र करवाने की बाध्यता नहीं है. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में फैसला हुआ है कि सत्र के संबंध में फैसला प्रदेश कैबिनेट को लेना है.
प्रदेश कैबिनेट ने सत्र बुलाने का फैसला ले लिया है और राज्यपाल की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. विपक्ष के लिए कुछ खास नहीं बचता, लेकिन जहां तक धर्मशाला या शिमला की बात है तो यह निर्णय भी कैबिनेट को ही करना है कि कहां सत्र के लिए उचित व्यवस्था हो सकती है.
सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक राकेश सिंघा और विधायक होशियार सिंह मौजूद रहे. सीपीआईएम के विधायक राकेश सिंघा स्पष्ट तौर पर विधानसभा सत्र बुलाने के पक्ष में हैं.
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार इस असमंजस में है कि विधानसभा सत्र बुलाया जाए या नहीं क्योंकि प्रदेश सरकार को दिसंबर में सत्र करवाने की कोई बाध्यता नही हैं. मार्च महीने तक कभी भी सत्र बुलाया जा सकता है.