धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए इस बार उनके अंक नहीं, बल्कि ग्रेडिंग मार्कशीट पर दर्शाई जाए. साथ ही हिंदी विषय के पेपर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर मिले अंकों को आधार बनाने की सलाह बीओडी सदस्यों ने बोर्ड को दी है.
वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में बीओडी के सदस्यों ने यह सुझाव बोर्ड प्रबंधन को दिया. जानकारी के अनुसार 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के सरकार की ओर से जारी-निर्देशों के चलते स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रशासन बुद्धिजीवियों से इस संबंध में चर्चा कर रहा है.
अंकों के स्थान पर ग्रेडिंग दर्शाई जाए
इसी कड़ी में वीरवार को बोर्ड प्रशासन ने बीओडी के सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की. बीओडी के सदस्यों की एक राय थी कि नियमित मैट्रिक के परीक्षार्थियों को फर्स्ट व सेकेंड टर्म, प्री-बोर्ड, इंटरनल असेसमेंट और प्रैक्टिकल एग्जाम के आधार पर अंक आवंटित करने के लिए एक प्रक्रिया अपनाई जाए, जिसमें मैट्रिक कक्षा के हिंदी के पेपर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाकर प्राप्त अंकों को आधार मानकर एक प्रक्रिया भी बनाई जाए. परीक्षा परिणाम पर अंकों के स्थान पर ग्रेडिंग दर्शाई जाए.
बीओडी सदस्यों ने एसओएस के मैट्रिक परीक्षार्थियों को प्रमोट करने के लिए भी ठोस नीति बनाने का सुझाव दिया. बैठक में बीओडी के सदस्य रमेश शर्मा, भाग चंद चौहान, दिले राम, डॉ. शिव दयालन, जगवीर चंदेल, नीना शर्मा, राजेश ठाकुर, पवन सांख्यान, नरेंद्र सूद, आरके दिपटा उपस्थित रहे.
प्रमोट करने के लिए ठोस नीति बनाना असंभव
बोर्ड की ओर से चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी व सचिव अक्षय सूद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया. बोर्ड चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि बीओडी के सदस्यों व बुद्धिजीवियों के सुझाव के बिना मैट्रिक परीक्षार्थियों को जमा एक में प्रमोट करने के लिए ठोस नीति बनाना असंभव है.
परीक्षार्थियों के भविष्य के मद्देनजर प्राप्त सुझावों पर चर्चा के बाद इन्हें क्रियान्वित कर एक नीति बनाई जाएगी, उसी अनुरूप मैट्रिक परीक्षार्थियों को जमा एक कक्षा में प्रमोट किया जाएगा.
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