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हिमाचल बजट 2023 में कांगड़ा को बड़ी सौगातें: टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित होगा जिला, इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स का भी ऐलान - Kangra district in Himachal budget

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल बजट 2023 पेश कर दिया है. बजट पेश करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी विकसित करने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही हिमाचल की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कांगड़ा जिले को कई सौगातें दी हैं. बजट में कांगड़ा जिले के क्या कुछ मिला है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Announcement for Kangra district in Himachal budget)

Himachal Budget 2023
बजट में कांगड़ा जिले को सौगात
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Published : Mar 17, 2023, 7:55 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट में जिला कांगड़ा को भी विशेष सौगातें मिली हैं. अपने पहले बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की घोषणा की है, जिसमें कांगड़ा के बनखंडी में 300 करोड़ की लगात से चिड़ियाघर का निर्माण, जिले में हेलीपोर्ट का निर्माण, शिमला से कांगड़ा तक मटौर सड़क को पूरी तरह से फोरलेन की मंजूरी, कांगड़ा जिले को टूरिज्म कैपिटल बनाने का ऐलान, केंद्र से कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए 1000 करोड़ रुपए देने का आग्रह, कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए अगले वित्त वर्ष तक भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य तय करने की बात कही है.

इसके अलावा कांगड़ा जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स के निर्माण की दिशा में भी सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी. स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की घोषणा भी की गई है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित करने के भी लक्ष्य तय किए गए हैं. आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण करने की भी बात कही गई है.

जिला कांगड़ा में पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स शिकारा, क्रूज याट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके. एडीबी के माध्यम से 1311 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन विकास योजना के अंतर्गत कांगड़ा जिले में हेरिटेज साइट के सौंदर्यीकरण, इको टूरिज्म एवं पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्य योजना तैयार करने का भी लक्ष्य तय किया गया है.

कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने को लेकर राज्य सरकार धौलाधार के आधार शिविर में टेंट सिटी के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को प्रस्ताव देगी. परियोजना के लिए पर्याप्त भूमि और सड़क संपर्क सुनिश्चित किया जाएगा, जिसमें सभी विलासिता और आराम के साथ 200 से अधिक शिविर होंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांगड़ा को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और जिले में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन स्थलों में पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं होंगी. हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाओं से संपन्न है. इसमें कई जल निकाय, धार्मिक स्थल, साहसिक खेल केंद्र और आकर्षक पर्वत श्रृंखलाएं हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget 2023: ग्रीन स्टेट बनाने की पहल, ई-बस और ई ट्रक खरीद पर 50 लाख और कार पर 50% की सब्सिडी मिलेगी

स्वदेश दर्शन योजना-द्वितीय के तहत कांगड़ा जिले में पौंग डैम जलाशय को विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से धर्मशाला में एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाएगा. कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. राज्य सरकार हेलीपोर्ट बनाने की योजना बना रही है, क्योंकि हवाई संपर्क पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है.

कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में सरकार विकसित करेगी. हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियां, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का एक बड़ा आधार है. कांगड़ा हवाई के रनवे का विस्तार एक साल में पूरा होगा. इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget 2023: शिक्षा पर 8,828 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार, अब टाट पर नहीं बैठेंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे

बनखंडी में 190 हेक्टेयर में प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनने जा रहा है. वहीं, कांगड़ा में इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स के लिए भूमि चिन्हित कर भूमि की अप्रूवल सरकार को भेज दी गई है. सीएम सुखविंदर सिंह ने जिला कांगड़ा को टूरिज्म हब बनाने का ऐलान किया है, जिसके तहत जिले में पर्यटन विकास के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स शुरू किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में देहरा उपमंडल के अंतर्गत बनखंडी मोहाल में 190 हेक्टेयर भूमि प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाने के लिए चिन्हित की गई है.

इतना ही नहीं जिला कांगड़ा के ही हेरिटेज विलेज परागपुर में अंतरराष्ट्रीय गोल्फ कोर्स के लिए साढ़े बारह हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है. इसके लिए प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया गया है तथा कमेटी चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर चुकी है. गोल्फ कोर्स के लिए चयनित भूमि सरकारी व गैर वन भूमि है. जिसकी अप्रूवल तैयार कर सरकार को भेजी गई है, स्वीकृति मिलते ही भूमि पर्यटन विभाग को ट्रांसफर कर आगामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

ये भी पढ़ें: किसान और पशुपालकों के लिए हिमगंगा योजना होगी शुरू, 500 करोड़ की घोषणा

धर्मशाला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट में जिला कांगड़ा को भी विशेष सौगातें मिली हैं. अपने पहले बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की घोषणा की है, जिसमें कांगड़ा के बनखंडी में 300 करोड़ की लगात से चिड़ियाघर का निर्माण, जिले में हेलीपोर्ट का निर्माण, शिमला से कांगड़ा तक मटौर सड़क को पूरी तरह से फोरलेन की मंजूरी, कांगड़ा जिले को टूरिज्म कैपिटल बनाने का ऐलान, केंद्र से कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए 1000 करोड़ रुपए देने का आग्रह, कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए अगले वित्त वर्ष तक भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य तय करने की बात कही है.

इसके अलावा कांगड़ा जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स के निर्माण की दिशा में भी सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी. स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की घोषणा भी की गई है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित करने के भी लक्ष्य तय किए गए हैं. आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण करने की भी बात कही गई है.

जिला कांगड़ा में पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स शिकारा, क्रूज याट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके. एडीबी के माध्यम से 1311 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन विकास योजना के अंतर्गत कांगड़ा जिले में हेरिटेज साइट के सौंदर्यीकरण, इको टूरिज्म एवं पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्य योजना तैयार करने का भी लक्ष्य तय किया गया है.

कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने को लेकर राज्य सरकार धौलाधार के आधार शिविर में टेंट सिटी के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को प्रस्ताव देगी. परियोजना के लिए पर्याप्त भूमि और सड़क संपर्क सुनिश्चित किया जाएगा, जिसमें सभी विलासिता और आराम के साथ 200 से अधिक शिविर होंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांगड़ा को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और जिले में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन स्थलों में पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं होंगी. हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाओं से संपन्न है. इसमें कई जल निकाय, धार्मिक स्थल, साहसिक खेल केंद्र और आकर्षक पर्वत श्रृंखलाएं हैं.

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स्वदेश दर्शन योजना-द्वितीय के तहत कांगड़ा जिले में पौंग डैम जलाशय को विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से धर्मशाला में एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाएगा. कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. राज्य सरकार हेलीपोर्ट बनाने की योजना बना रही है, क्योंकि हवाई संपर्क पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है.

कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में सरकार विकसित करेगी. हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियां, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का एक बड़ा आधार है. कांगड़ा हवाई के रनवे का विस्तार एक साल में पूरा होगा. इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा.

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बनखंडी में 190 हेक्टेयर में प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनने जा रहा है. वहीं, कांगड़ा में इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स के लिए भूमि चिन्हित कर भूमि की अप्रूवल सरकार को भेज दी गई है. सीएम सुखविंदर सिंह ने जिला कांगड़ा को टूरिज्म हब बनाने का ऐलान किया है, जिसके तहत जिले में पर्यटन विकास के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स शुरू किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में देहरा उपमंडल के अंतर्गत बनखंडी मोहाल में 190 हेक्टेयर भूमि प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाने के लिए चिन्हित की गई है.

इतना ही नहीं जिला कांगड़ा के ही हेरिटेज विलेज परागपुर में अंतरराष्ट्रीय गोल्फ कोर्स के लिए साढ़े बारह हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है. इसके लिए प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया गया है तथा कमेटी चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर चुकी है. गोल्फ कोर्स के लिए चयनित भूमि सरकारी व गैर वन भूमि है. जिसकी अप्रूवल तैयार कर सरकार को भेजी गई है, स्वीकृति मिलते ही भूमि पर्यटन विभाग को ट्रांसफर कर आगामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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