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कब्जाधारकों के कब्जों को किया जाए नियमित: तिलक राज

पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कहा कि उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे. वर्ष 2002 में उस समय हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जो परिवार सरकारी भूमि जिसमें लोगों ने अपने मकान दुकान गौशाला आंगन बगीचा या अन्य जरूरतों हेतु काबिज किए हुए थे.

Baijnath News, बैजनाथ न्यूज
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Published : Jul 27, 2020, 12:26 PM IST

बैजनाथ: वर्ष 2002 में बैजनाथ विधानसभा के लगभग 3400 गरीब व असहाय परिवारों से कब्जा भूमि के नियमितीकरण हेतु सरकार द्वारा आवेदन करवाए गए थे, लेकिन आज 18 वर्ष बीत जाने पर भी सरकार द्वारा आवेदनकर्ताओं को कोई राहत नहीं दी गई.

यह बात पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कही. तिलक राज ने इस मुद्दे को उठाने के लिए पहल की है, ताकि असहाय लोगों की भूमि नियमित हो सके.

तिलक राज ने कहा कि उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे. वर्ष 2002 में उस समय हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जो परिवार सरकारी भूमि जिसमें लोगों ने अपने मकान दुकान गौशाला आंगन बगीचा या अन्य जरूरतों हेतु काबिज किए हुए थे.

वीडियो.

उस समय की सरकार ने एक बहुत बड़े तबके को राहत देने के लिए यह एक योजना रूपी मुहिम शुरू की थी कि लोग स्वयं ऐसी सरकारी भूमि की जानकारी सरकार को दें जिस पर लोगों ने बरसों से कब्जा करके रखा हो और सरकार उसका नियमितीकरण कर सकें.

इसके लिए लोगों ने उस समय सरकार को अपनी पूर्ण भूमि का ब्यौरा दिया साथ ही जो सरकार ने फार्म आवेदन शुल्क 50 रुपए निर्धारित प्रति आवेदन कर्ता से लिया गया. प्रक्रिया में एक परिवार का 18 वर्ष पहले आर्थिक तौर पर लगभग 500 रुपए से लेकर 2000 रुपए के बीच में खर्च हुआ था. जिसमें पंचायतों ने कुछ गांव वासियों को कागजी कुछ जुबानी पट्टे दिए थे जिसके कारण लोगों ने अपने मकान, गोशाला, दुकान, आंगन व अन्य गैर मुमकिन निर्माण किए थे.

तिलक राज ने कहा कि आज की वास्तविक धरातलीय सच्चाई यह है कि जो गरीब व असहाय जनता उपरोक्त शासन व प्रशासन की उपेक्षा के कारण आज भी खामियाजा भुगत रही है. इसलिए इस विषय को माननीय उच्च न्यायालय में रखा गया था.

उन्होंने कहा कि 18 वर्ष बीत जाने पर भी न्याय नहीं मिल रहा है जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आशा की किरण नियमितीकरण को लेकर दिखाई थी वह अब तक क्यों नहीं पूरा हो रही है, यदि सरकार चाहे तो पूरा इस विषय को लेकर न्यायालय में अपना पक्ष रखे और जनहित के लिए सरकार यदि न्यायालय से गुहार वास्तविकता के आधार पर लगाएगी तो मुझे न्यायालय के निर्णय पर पूर्ण विश्वास है कि जो निर्णय होगा वह आम जनमानस के हित के लिए ही होगा.

तिलक राज ने कहा कि मेरा सभी लोगों से निवेदन है कि इस विषय को लेकर स्वयं एक कमेटी का गठन कर रहा हूं जिसके लिए आप सभी लोग जो इससे ग्रसित हैं. वह कमेटी के सदस्य बन सकते हैं साथ ही आने वाले कुछ महीनों में हम सरकार के सहयोग से उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे जिसके लिए आप सभी मुझसे दूरभाष के माध्यम से या अन्य साधनों से संपर्क कर सकते हैं.

तिलक राज ने कहा कि इस विषय को लेकर प्रार्थना पत्र के रूप में बैजनाथ विधानसभा कि गरीब व असहाय जनता के हित के लिए पूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पंचायती राज मंत्री चुनाव अधिकारी वह जिला उपायुक्त कांगड़ा को ई-मेल द्वारा दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- चरस सप्लायर गिरफ्तार, पकड़े गए 2 युवकों की निशानदेही पर हुई गिरफ्तारी

बैजनाथ: वर्ष 2002 में बैजनाथ विधानसभा के लगभग 3400 गरीब व असहाय परिवारों से कब्जा भूमि के नियमितीकरण हेतु सरकार द्वारा आवेदन करवाए गए थे, लेकिन आज 18 वर्ष बीत जाने पर भी सरकार द्वारा आवेदनकर्ताओं को कोई राहत नहीं दी गई.

यह बात पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कही. तिलक राज ने इस मुद्दे को उठाने के लिए पहल की है, ताकि असहाय लोगों की भूमि नियमित हो सके.

तिलक राज ने कहा कि उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे. वर्ष 2002 में उस समय हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जो परिवार सरकारी भूमि जिसमें लोगों ने अपने मकान दुकान गौशाला आंगन बगीचा या अन्य जरूरतों हेतु काबिज किए हुए थे.

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उस समय की सरकार ने एक बहुत बड़े तबके को राहत देने के लिए यह एक योजना रूपी मुहिम शुरू की थी कि लोग स्वयं ऐसी सरकारी भूमि की जानकारी सरकार को दें जिस पर लोगों ने बरसों से कब्जा करके रखा हो और सरकार उसका नियमितीकरण कर सकें.

इसके लिए लोगों ने उस समय सरकार को अपनी पूर्ण भूमि का ब्यौरा दिया साथ ही जो सरकार ने फार्म आवेदन शुल्क 50 रुपए निर्धारित प्रति आवेदन कर्ता से लिया गया. प्रक्रिया में एक परिवार का 18 वर्ष पहले आर्थिक तौर पर लगभग 500 रुपए से लेकर 2000 रुपए के बीच में खर्च हुआ था. जिसमें पंचायतों ने कुछ गांव वासियों को कागजी कुछ जुबानी पट्टे दिए थे जिसके कारण लोगों ने अपने मकान, गोशाला, दुकान, आंगन व अन्य गैर मुमकिन निर्माण किए थे.

तिलक राज ने कहा कि आज की वास्तविक धरातलीय सच्चाई यह है कि जो गरीब व असहाय जनता उपरोक्त शासन व प्रशासन की उपेक्षा के कारण आज भी खामियाजा भुगत रही है. इसलिए इस विषय को माननीय उच्च न्यायालय में रखा गया था.

उन्होंने कहा कि 18 वर्ष बीत जाने पर भी न्याय नहीं मिल रहा है जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आशा की किरण नियमितीकरण को लेकर दिखाई थी वह अब तक क्यों नहीं पूरा हो रही है, यदि सरकार चाहे तो पूरा इस विषय को लेकर न्यायालय में अपना पक्ष रखे और जनहित के लिए सरकार यदि न्यायालय से गुहार वास्तविकता के आधार पर लगाएगी तो मुझे न्यायालय के निर्णय पर पूर्ण विश्वास है कि जो निर्णय होगा वह आम जनमानस के हित के लिए ही होगा.

तिलक राज ने कहा कि मेरा सभी लोगों से निवेदन है कि इस विषय को लेकर स्वयं एक कमेटी का गठन कर रहा हूं जिसके लिए आप सभी लोग जो इससे ग्रसित हैं. वह कमेटी के सदस्य बन सकते हैं साथ ही आने वाले कुछ महीनों में हम सरकार के सहयोग से उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे जिसके लिए आप सभी मुझसे दूरभाष के माध्यम से या अन्य साधनों से संपर्क कर सकते हैं.

तिलक राज ने कहा कि इस विषय को लेकर प्रार्थना पत्र के रूप में बैजनाथ विधानसभा कि गरीब व असहाय जनता के हित के लिए पूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पंचायती राज मंत्री चुनाव अधिकारी वह जिला उपायुक्त कांगड़ा को ई-मेल द्वारा दी जाएगी.

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