धर्मशाला: पूर्व मंत्री जीएस बाली ने प्रेस से बातचीत करते हुए, सरकार के किए गए कार्यों पर सवाल खड़े किये हैं. शिमला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी पर जीएस बाली ने कहा कि लगातार सरकार को सचेत करने के बावजूद सरकार ने उसे माना नहीं और आज नतीजा सबके सामने है.
जीएस बाली ने कहा कि गिरफ्तार अधिकारी जिस स्तर के हैं, इससे ये लग रहा है कि इसमें सब कुछ सामान्य नहीं है. विजिलेंस को इस मामले में तह तक जाकर जांच करनी चाहिए.
कोरोना संकमित लोगों की बढ़ती संख्या पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि ये चिंताजनक है. बाहरी राज्यों से आए लोग अपने घर आ रहे हैं. सरकार ने बॉर्डर पर इन लोगों की सही से जांच नहीं की. उन्होंने कहा कि बाहर से आए लोगों को यहां पर काम मिले, ये बात सरकार सुनिश्चित करे. कहीं ऐसा न हो कि बेरोजगारी का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ जाए. इसके लिए सरकार को बेरोजगारी भत्ता तत्काल जारी करना चाहिए.
इसके साथ ही सीएम रिलीफ फंड पर बोलते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता के लिए सरकार को इसे सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि आम लोगों को पता चले कि कितना पैसा आया और कहां खर्च किया गया. ये पैसा भी जनता का ही दिया हुआ है.
जीएस बाली ने जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से लोग फंड में और ज्यादा मदद करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जरूरतमंद लोगों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर कर के मदद पहुंचाए.
साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र नगरोटा बगवां के बारे में बात करते हुए जीएस बाली ने कहा कि नगरोटा के वेटनरी अस्पताल को जोनल अस्पताल बनाने की मांग की गई है, ताकि किसानों को दिक्कत न हो. उन्होंने परिवहन सेवाओं को बहाल करने की मांग है, ताकि आम जनता को कम परेशानी हो.
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