धर्मशाला: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान में क्रिकेट कमेंटेटर मुरली कार्तिक व भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी अजय जड़ेजा, कीर्ति आजाद ने निर्वासित तिब्बत सरकार की संसद का दौरा किया. इस दौरान उप सभापति आचार्य येशी फुंटसोक ने संसदीय सचिवालय में मुरली कार्तिक व अन्य खिलाड़ियों का स्वागत किया.
स्वागत के दौरान आचार्य येशी फुंटसोक ने बुद्ध की तिब्बती पारंपरिक थानका के साथ तिब्बत के मुद्दे पर 12 पुस्तकें भी मुरली कार्तिक सहित अन्य खिलाड़ियों को भेंट की उप सभापति ने तिब्बती संसद-में-निर्वासन के संरचनात्मक कामकाज पर मुरली कार्तिक के साथ लंबी बातचीत की.
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लोकतंत्र के साथ हुआ तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति का विकास
उप सभापति ने मुरली कार्तिक को इस बात से भी अवगत कराया कि किस तरह से तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति का विकास लोकतंत्र के साथ हुआ है. निर्वासन के बाद अब तक चार लाख तिब्बती अभी भी तिब्बत की आजादी के लिए आंदोलन को बड़े पैमाने पर चलाए हुए हैं. इसके परिणामस्वरूप उन्हें मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त हुआ है. तिब्बत के लिए ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम का गठन किया गया है.
पड़ोसी देशों की सुरक्षा महत्वपूर्ण
आचार्य येशी फुंटसोक ने वंश, नस्ल, संस्कृति, धर्म, पर्यावरण, सीमा और अन्य के संदर्भ में भारत और तिब्बत की ओर से साझा किए गए विशेष बंधन पर बोलते हुए तिब्बत के मुद्दे पर जोर दिया जो भारत और अन्य पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन अहिंसक तरीकों से तिब्बत के मुद्दे को हल करने का प्रयास करता है, जबकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हिंसक साधनों में शामिल है और यहां तक कि दलाई लामा की पुर्नजन्म प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती है. इस मौके पर मुरली कार्तिक के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी अजय जड़ेजा, कीर्ति आजाद ने भी तिब्बत के मुद्दे का समर्थन किया.
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