धर्मशाला: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह आगजनी का खतरा भी मंडराने लगता है. ऐसे में वन विभाग ने हिमाचल प्रदेश के जंगलों को आग के कहर से बचाने के लिए अपनी कमर कस ली है. ऐसे में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए वन मंडल धर्मशाला ने कांगड़ा के लोगों के लिए कुछ जरुरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसके अनुसार अब लोगों को फायर सीजन में अपनी घासनी में आग लगाने से पहले वन विभाग के बीट अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी होगी. यदि कोई भी वन विभाग के निर्देशों की अवहेलना करता पाया जाता है तो उस पर विभाग कड़ी कार्रवाई करने से बिलकुल भी संकोच नहीं करेगा. अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ वन विभाग FIR दर्ज कर विभागीय कार्रवाई अमल में लाएगा. ये जानकारी DFO वन मंडल धर्मशाला दिनेश शर्मा ने दी है.
वन विभाग ने स्थापित किए 6 कंट्रोल रुम: दिनेश शर्मा ने कहा कि वन विभाग फायर सीजन में होने वाली आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी तरह से सजग है. उन्होंने कहा कि फायर सीजन में कम से कम जंगलों में आग लगे, इसके लिए स्थानीय लोगों को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. DFO दिनेश शर्मा का कहना है कि फायर सीजन के दौरान जंगलों में आगजनी की घटनाओं पर नजर रखने व आगजनी की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्य किया जाए उसके लिए वन विभाग ने 6 कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं. इन कंट्रोल रूम के माध्यम से वन विभाग आग की घटनाओं पर काबू पा सकते हैं. बता दें कि डिवीजन लेवल का कंट्रोल रूम धर्मशाला में और 5 रेंज हेड क्वार्टर जैसे 1 शाहपुर रेंज में, लपयाना रेंज में, मलां और कांगड़ा रेंज में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. वहीं जंगलों में आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए वन मंडल के साथ बीएमएफएस व जीएमएससी मिलकर काम करेंगी.
'वन कर्मचारियों की छुट्टियां होगीं रद्द': डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि फायर सीजन शुरू होते ही वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद की जाएंगी. इसके अतिरिक्त वन विभाग पंचायत व ब्लॉक स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, ताकि लोग आगजनी जैसी घटनाओं के बारे जागरूक हो सकें. वन विभाग ने आगजनी से बचाव के लिए स्पेशल टीमें भी गठित कर ली हैं. वहीं अगर पिछले वर्ष की बात करें तो पिछले वर्ष जनवरी माह में ही फायर सीजन शुरु हो गया था. जिसके चलते वन विभाग को 8 लाख के करीब नुकसान हुआ था, लेकिन मौजूदा साल में वन विभाग पहले से ही सतर्क हो गया है और अपनी पूरी तैयारियों के साथ है.
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