कांगड़ा: बज्रेश्वरी देवी कांगड़ा (Bajreshwari Mata Temple) में माथा टेकने आया मुंबई का एक परिवार पिछले 56 दिनों से कांगड़ा में फंसा हुआ है. जनता कर्फ्यू लगने के बाद से यह परिवार कांगड़ा के एक होटल में रुका हुआ है और अब हिमाचल सरकार से घर जाने की गुहार लगा रहा है.
पिछले दो सप्ताह से यह परिवार ई-पास का इंतजार कर रहा है, लेकिन इनका इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. मुंबई में हालात ठीक ना होने के कारण परिवार ने सरकार से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में उनके पुश्तैनी घर पहुंचाने की मांग की है.
परिवार के सदस्य अमित भेनवाल ने बताया कि वह अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ 14 मार्च को मुंबई से चले थे और माता वैष्णो देवी के दर्शनों के बाद 18 मार्च को कांगड़ा पहुंचे थे. उन्हें कांगड़ा पहुंच कर पता चला कि मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं.
अमित भेनवाल ने बताया कि 25 अप्रैल को उनकी अमृतसर से वापिसी थी, लेकिन 22 मार्च को ही हवाई सेवाएं कर दी गई थी. उन्होंने बताया कि वापस जाने के लिए एयरलाइन के जरिए टिकट बुक की थी, लेकिन वहां भी उनके 60000 रुपये फंसे हुए हैं.
ऐसे में उनके पास अब इतने पैसे नहीं बचे हैं कि वह टैक्सी करके अपने घर पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह सरकार और प्रशासन से भी संपर्क कर रहे है, लेकिन वहां से केवल आश्वासन ही मिल रहे है. परिवार के सदस्यों ने सरकार से उन्हें उत्तर प्रदेश पहुचाने की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है.
होटल मालिक ने दिया साथ, दिन में एक बार खा रहे खानाअमित भेनवाल ने बताया कि जब से उनका परिवार यहां फंसा हुआ है तब से होटल मालिक ने उनसे किराया नही लिया है. उन्होंने इस दरियादिली के लिए होटल मालिक का आभार व्यक्त किया है.
अमित भेनवाल ने बताया कि 26 अप्रैल तक वह कभी कभार 3 व कभी 2 समय का खाना होटल में खाते रहे, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अब ठीक नहीं है कि वह होटल संचालक पर अधिक आर्थिक बोझ डालें. ऐसे में पैसे बचाने के लिए परिवार ने सिर्फ एक समय का खाना खाने का निर्णय किया है.