धर्मशाला: कागंड़ा जिले में देर रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार रात 10:38 बजे धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश से 56 किमी उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप की तीव्रता 3.6 थी, जबकि भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. वहीं, चंबा में भी भूकंप के झटके महसूस होने की खबर है.
1905 में आया था जलजला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 1905 में भयंकर जलजले ने तबाही मचाई थी. जानकारी के मुताबिक उस दौरान 7.8 की तीव्रता के भूकंप से करीब 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, हिमाचल के चंबा, धर्मशाला में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जाते है. हालांकि इसकी तीव्रता कम होने के कारण कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन लोगों में हमेशा भय बना रहता है.
मंदिर हो गया था टेढ़ा: वहीं जानकारी के मुताबिक उस समय मां ज्वाला शक्तिपीठ से करीब 2 किलोमीटर दूर पर स्थित टेढ़ा मंदिर नाम का रघुनाथथेश्वर (राम सीता) का मंदिर है. बताया जाता है कि भंयकर भूंकप के चलते 1905 में यह मंदिर टेढ़ा हो गया था.इसलिए इस मंदिर का नाम ही अब टेढ़ा मंदिर पड़ गया.
भूकंप से सर्तक रहने की आश्यकता: हिमाचल में चंबा,मंडी, कांगड़ा और किन्नौर में हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है. भूकंप के जानकारों का कहना है कि भूकंप से डरने की आवश्यकता नहीं है,लेकिन सर्तक हमेशा रहना होगा. भूकंप जब भी आए तो जल्दी से खुले स्थान में जाने की कोशिश करना चाहिए. आज के दौर में भूकंप से नुकसान का ज्यादा खतरा रहता है. जानकारों के मुताबिक भूकंप को लेकर अब लोगों को आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन करना चाहिए और दूसरे लोगों को भी जागरूक करना चाहिए.
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