धर्मशाला: जिला मुख्यालय धर्मशाला में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता में दिशा की बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से चलाए हुए कार्यक्रमों के बारे में जानकारी ली. इस बैठक में जिन विभागों ने अच्छा काम किया है, उन्हें प्रोत्साहन किया है और जहां कमियां रही हैं, उन्हें दूर करने की बात कही गई है.
बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में करते अनुराग ने कहा कि जिला कांगड़ा व चंबा को टीबी, एचआईवी एड्स और कुष्ठ रोग व कुपोषण मुक्त बनाने के लिए जमीन पर कार्रवाई होनी चाहिए और इसमें पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और अधिकारी ऐसी योजनाओं को लेकर धरातल पर जाएं. पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर अनुराग ने कहा कि यह एक समस्या हमारे सामने हैं, उसको लेकर दुनिया भर के देशों में भी इम्पेक्ट हो रहा है.
केंद्र की टीम ने सीयू की जमीन पर लगाए आब्जेक्शन
वहीं, सीयू के मुद्दे पर अनुराग ने कहा कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने इस विषय पर विस्तार से बात रखी है. सीयू को लेकर प्रदेश सरकार ने जदरांगल में जो जमीन चिन्हित की है, उसका विजिट सांसद किशन कपूर ने करवाया है. केंद्र की टीम यहां आकर जो आब्जेक्शन लगाए होंगे, उसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट आती है तो उन त्रुटियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार व अधिकारी उस पर काम करेंगे.
सीयू की देहरा की जमीन का पैसा वर्ष 2017 में जमा करवा दिया गया था, उस जमीन को विभाग के नाम होने के लिए 3 साल का समय लगा है. जो 3 साल में नहीं हुआ, वो हमने 3-4 माह में कर दिया.
सीएम के समक्ष उठाए ये मुद्दे
देहरा उपमंडल के अंतर्गत सड़कों की बदहाली पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन मामलों को दिशा की पिछली बैठक में उठाया था और सीएम के प्रवास के दौरान भी इन बातों को उठाया गया था. बढलठोर में पानी एकत्रित होने की वजह से आना-जाना मुश्किल हो जाता था. विभाग ने उस पर उचित कार्रवाई की और जो अमृतसर के ठेकेदार थे उन्हें 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और शेष कार्य को जो रुका था, उसे शुरू किया गया है. वहीं, दूसरे जो ठेकेदार थे उन्हें ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और काम तेजी से करने को कहा गया है.
वर्ष 2021-22 वित्तीय वर्ष में मनरेगा का बढ़ाया वजट
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि 15वें वित्तायोग ने अपनी संस्तुतियां दी हैं. मनरेगा में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 30 करोड़ रुपये खर्च होते थे, निचले स्तर पर धांधली होने की वजह से काम करने वालों को पैसा नहीं मिल पाता था. मोदी सरकार ने मनरेगा कार्यों की जियो टैगिंग की और हर मनरेगा वर्कर के खाते में सीधा पैसा आता है. मनरेगा का बजट भी 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 वित्तीय वर्ष में 73 करोड़ रुपये किया गया है, दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी है.
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