धर्मशाला: स्मार्ट सिटी का दर्जा तो धर्मशाला शहर को दे दिया गया है, लेकिन शहर में विकास कार्य करने के लिए प्रस्तावित कार्यों के लिए प्रदेश सरकार से स्वीकृतियां समय पर नहीं मिल पा रही हैं. यही कारण है कि स्मार्ट सिटी के तहत प्रस्तावित कार्यों अधर में लटके हुए हैं.
बता दें कि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट रोड, ई-बसिस और कमांड कंट्रोल सेंटर का कार्य अधर में लटका हुआ है. इन कार्यों के लिए करीब 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है. सरकार की ओर इस संबंध में अनुमतियां नहीं दी जा रही हैं.
10 करोड़ से अधिक के कार्यों की शक्तियां सरकार के पास हैं, जबकि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अधिकतर कार्य 10 करोड़ से अधिक लागत के हैं. ऐसे में सरकार की ओर से अनुमतियां देने में किए जा रहे विलंब की वजह से धर्मशाला स्मार्ट सिटी के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
जगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी में हर प्रोजेक्ट 10 करोड़ से अधिक के है और प्रोजेक्ट के अप्रूव के लिए शिमला भेजा गया है, लेकिन अभी तक वो पेंडिंग पड़े हुए है.
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