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Himachal Disaster: पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय, आपदा में लोगों के मकान ही नहीं, बल्कि दिल भी टूटे: मुकेश अग्निहोत्री - मुकेश अग्निहोत्री का प्रभावित क्षेत्रों में दौरा

हिमाचल में आई आपदा के बाद से ही डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने धर्मशाला का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय है. इस आपदा में सिर्फ लोगों के घर नहीं , बल्कि मकान भी टूटे हैं. (Himachal Disater) (Mukesh Agnihotri on Himachal Disater).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 5:40 PM IST

धर्मशाला: प्रदेश में पहाड़ बेतरतीब तरीके से काटे गए हैं. मैंने पूर्व में बतौर उद्योग मंत्री भी यह बात कही थी कि पहाड़ों का कटान सही से नहीं हो रही है. यह बात डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय के सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान कही. डिप्टी सीएम ने कहा बेतरतीब पहाड़ काटकर उसकी सामग्री को ठेकेदारों ने यूज कर लिया. पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय है, आपदा में लोगों के मकान ही नहीं टूटे, बल्कि दिल भी टूटे हैं.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल में आए संकट को पूरा देश देख रहा है. त्रासदी अपने पीछे कई सवाल छोड़ जाती है. जिला कांगड़ा में पहाड़ियां दरकने से ज्यादा नुकसान हुआ है. मेरी आज भी डीसी कांगड़ा से बात हुई है कि पहाड़ियां दरकने की असली वजह क्या है? यह जानने के लिए बड़ी एजेंसियां हायर की जाएं. आपदा के लिए डैम, फोरलेन, पहाड़ियों को दोषी ठहराया जा रहा है. असली वजह क्या है, यह तो भू-वैज्ञानिक की बता पाएंगे.

डिप्टी सीएम ने कहा जिला कांगड़ा में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरफ, एनडीआरएफ द्वारा 3000 लोगों को रेस्क्यू किया गया. जिला में अभी भी करीब 500 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. इस त्रासदी में जिला में 9 मौतें भी हुई हैं। जिला में 1300 मकानों को आपदा से नुकसान पहुंचा है, जिनमें 400 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. जिला में आपदा से हुए नुकसान पर 4 करोड़ की राशि की फौरी राहत के तौर पर वितरित की जा चुकी है.

डिप्टी सीएम ने कहा प्रदेश का स्वच्छ व गुणवत्तापूर्ण पानी देश से लेकर विदेश तक पहुंच गया है. कई लोगों ने हिमाचल का पानी बेचकर अरबों रुपये कमा लिए और हमारे लोग बोतलों की तरफ भाग रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि अब प्रदेश के गुणवत्तायुक्त पानी को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि आपदा के दौरान जान जोखिम में डालकर राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा. जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के सहयोग से तत्परता से कार्य करते हुए जिला में जानी नुकसान को कम करने का प्रयास किया है. प्रभावितों के जख्मों पर सरकार मरहम लगाने का काम कर रही है.

नेता प्रतिपक्ष आंकड़ों को लेकर उठाए सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि त्रासदी राजनीति का विषय नहीं है. इस त्रास्दी का मंजर कोरोना से भी भयानक रहा है. बस्तियां, मोहल्ले उजड़ गए. उन्होंने कहा हम राजनीति नहीं करना चाहते, यदि विपक्ष को लगता है कि कुछ और किया जाना चाहिए तो बताएं, हम काम करने को तैयार हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal Disaster: केंद्र से नहीं मिला कोई बड़ा आर्थिक पैकेज, राहत कार्यों में पैसों की कमी बन रही रोड़ा: विक्रमादित्य सिंह

धर्मशाला: प्रदेश में पहाड़ बेतरतीब तरीके से काटे गए हैं. मैंने पूर्व में बतौर उद्योग मंत्री भी यह बात कही थी कि पहाड़ों का कटान सही से नहीं हो रही है. यह बात डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय के सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान कही. डिप्टी सीएम ने कहा बेतरतीब पहाड़ काटकर उसकी सामग्री को ठेकेदारों ने यूज कर लिया. पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय है, आपदा में लोगों के मकान ही नहीं टूटे, बल्कि दिल भी टूटे हैं.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल में आए संकट को पूरा देश देख रहा है. त्रासदी अपने पीछे कई सवाल छोड़ जाती है. जिला कांगड़ा में पहाड़ियां दरकने से ज्यादा नुकसान हुआ है. मेरी आज भी डीसी कांगड़ा से बात हुई है कि पहाड़ियां दरकने की असली वजह क्या है? यह जानने के लिए बड़ी एजेंसियां हायर की जाएं. आपदा के लिए डैम, फोरलेन, पहाड़ियों को दोषी ठहराया जा रहा है. असली वजह क्या है, यह तो भू-वैज्ञानिक की बता पाएंगे.

डिप्टी सीएम ने कहा जिला कांगड़ा में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरफ, एनडीआरएफ द्वारा 3000 लोगों को रेस्क्यू किया गया. जिला में अभी भी करीब 500 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. इस त्रासदी में जिला में 9 मौतें भी हुई हैं। जिला में 1300 मकानों को आपदा से नुकसान पहुंचा है, जिनमें 400 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. जिला में आपदा से हुए नुकसान पर 4 करोड़ की राशि की फौरी राहत के तौर पर वितरित की जा चुकी है.

डिप्टी सीएम ने कहा प्रदेश का स्वच्छ व गुणवत्तापूर्ण पानी देश से लेकर विदेश तक पहुंच गया है. कई लोगों ने हिमाचल का पानी बेचकर अरबों रुपये कमा लिए और हमारे लोग बोतलों की तरफ भाग रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि अब प्रदेश के गुणवत्तायुक्त पानी को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि आपदा के दौरान जान जोखिम में डालकर राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा. जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के सहयोग से तत्परता से कार्य करते हुए जिला में जानी नुकसान को कम करने का प्रयास किया है. प्रभावितों के जख्मों पर सरकार मरहम लगाने का काम कर रही है.

नेता प्रतिपक्ष आंकड़ों को लेकर उठाए सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि त्रासदी राजनीति का विषय नहीं है. इस त्रास्दी का मंजर कोरोना से भी भयानक रहा है. बस्तियां, मोहल्ले उजड़ गए. उन्होंने कहा हम राजनीति नहीं करना चाहते, यदि विपक्ष को लगता है कि कुछ और किया जाना चाहिए तो बताएं, हम काम करने को तैयार हैं.

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