धर्मशाला: जिला दंडाधिकारी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कांगड़ा ने कोरोना से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 की धारा 34 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में शादियों, अंतिम संस्कार और पालमपुर, धर्मशाला नगर निगम के चुनाव प्रक्रिया में कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना के साथ पचास से ज्यादा लोगों के भाग लेने पर रोक लगाई गई, जबकि कांगड़ा जिला में अन्य सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर पूर्णतय रोक रहेगी.
इसी तरह से होली पर्व पर भी सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक तौर पर जत्था, टोलियों इत्यादि द्वारा होली खेलने पर रोक लगाई गई है. जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेशों में मंदिरों, गुरुद्वारा, मस्जिदों, मॉनेस्टरी व अन्य धार्मिक स्थलों में लंगर और सामूहिक भोज पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा और धार्मिक स्थलों की प्रबंधक समितियों को सामजिक दूरी, मास्क पहनना तथा सेनिटाइजर का उपयोग तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल की अनुपालना सुनिश्चित करवानी होगी.
नगर निगम निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर आदेश
नगर निगम में डोर-टू-डोर प्रचार में शामिल होने वाले सभी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को कोविड-19 की आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा. सभी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या ब्लॉक मेडिकल ऑफिस में कोविड-19 टेस्ट करवा सकते हैं. इसके साथ ही सभी प्रत्याशियों तथा डोर टू डोर प्रचार अभियान में शामिल होने वाले सभी समर्थकों को सामाजिक दूरी, मास्क पहनना तथा सेनिटाइजर का प्रयोग करना जरूरी होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सभी हेल्थ केयर सेंटर में कोविड-19 की टेस्टिंग की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करें.
सरकारी, प्राइवेट कार्यालयों व शिक्षण संस्थानों के लिए आदेश
उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थान 4 अप्रैल तक बंद रहेंगे केवल वहीं संस्थान खुले रहेंगे, जिनमें परीक्षाएं चल रही हैं, परीक्षाओं के संचालन में कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना करना जरूरी है. इसके साथ ही शैक्षणिक संस्थानों के छात्रावासों को बंद करने की आवश्यकता नहीं है. छात्रावासों में कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा. इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाने के लिए एक अनुपालना अधिकारी की नियुक्ति भी करनी जरूरी होगी.
प्रवासी मजदूरों के जिला में प्रवेश करने से सम्बन्धित आदेश
उपायुक्त ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों को जिला कांगड़ा की सीमा में उनके प्रवेश के दिन से 7 दिनों के लिए आइसोलेट कर दिया जाएगा. प्रवासी मजदूरों के आइसोलेशन के दौरान उनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सम्बन्धित ठेकेदार की होगी. उन्होंने कहा कि ठेकेदार 25 मार्च, 2021 के बाद जिला कांगड़ा में प्रवेश करने वाले प्रवासी मजदूरों के बारे में सम्बन्धित श्रम निरीक्षक को सूचित/जानकारी सांझा करेंगे. उन्होंने बताया कि आदेशों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51-60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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