ETV Bharat / state

84 साल के हुए धर्मगुरु दलाई लामा, धर्मशाला में लंबी आयु के लिए हुई विशेष प्रार्थना सभा

author img

By

Published : Jul 5, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Jul 6, 2019, 6:43 AM IST

दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु और वर्तमान में तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष हैं. दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई सन 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में एक ओमान परिवार में हुआ था. शान्ति के क्षेत्र में अपना लगातार योगदान देने वाले दलाई लामा आज पूरे विश्व के लिए बड़ा उदाहरण है, जिसके लिए उन्हें नोबल पुरस्कार भी मिला है.

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा शनिवार को 84 साल के हो गए हैं. धर्मगुरु दलाईलामा की दीर्घायु के लिए शुक्रवार को धर्मशाला में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. विशेष प्रार्थना को स्वीकार करते हुए दलाईलामा ने कहा कि वह 100 साल से अधिक उम्र तक जीएंगे. उनके जन्मदिवस के अवसर पर शनिवार को मैक्लोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.

तिब्बत निर्वासित सरकार के 300 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में करीब तीन हजार लोगों ने भाग लिया.कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी ऐसे थे जो कि साल 1959 के बाद से निर्वासित सरकार में कार्यरत थे, जिनकी आयु करीब 100 वर्ष के करीब थी. नमग्याल बौद्ध मठ के लामाओं ने इस विशेष प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया.

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

बता दें कि शान्ति के क्षेत्र में अपना लगातार योगदान देने वाले दलाई लामा आज पूरे विश्व के लिए बड़ा उदाहरण है. शांति के लिए दलाई लामा ने कई ऐसे सराहनीय काम किये हैं, जिस कारण उन्हें नोबल पुरस्कार से नवाजा गया है.
दलाई लामा तिब्बत के 14 वें धर्मगुरु हैं. इनका पूरा नाम ल्हामो घोड्ख है और दलाई लामा के नाम से विश्व में विख्यात हैं. दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु और वर्तमान में तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष हैं. दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई सन 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में एक ओमान परिवार में हुआ था.

धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा शनिवार को 84 साल के हो गए हैं. धर्मगुरु दलाईलामा की दीर्घायु के लिए शुक्रवार को धर्मशाला में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. विशेष प्रार्थना को स्वीकार करते हुए दलाईलामा ने कहा कि वह 100 साल से अधिक उम्र तक जीएंगे. उनके जन्मदिवस के अवसर पर शनिवार को मैक्लोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.

तिब्बत निर्वासित सरकार के 300 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में करीब तीन हजार लोगों ने भाग लिया.कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी ऐसे थे जो कि साल 1959 के बाद से निर्वासित सरकार में कार्यरत थे, जिनकी आयु करीब 100 वर्ष के करीब थी. नमग्याल बौद्ध मठ के लामाओं ने इस विशेष प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया.

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

बता दें कि शान्ति के क्षेत्र में अपना लगातार योगदान देने वाले दलाई लामा आज पूरे विश्व के लिए बड़ा उदाहरण है. शांति के लिए दलाई लामा ने कई ऐसे सराहनीय काम किये हैं, जिस कारण उन्हें नोबल पुरस्कार से नवाजा गया है.
दलाई लामा तिब्बत के 14 वें धर्मगुरु हैं. इनका पूरा नाम ल्हामो घोड्ख है और दलाई लामा के नाम से विश्व में विख्यात हैं. दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु और वर्तमान में तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष हैं. दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई सन 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में एक ओमान परिवार में हुआ था.

3 items
PRAYERS - BYTE - 2.wmv
68 MB
PRAYERS - BYTE -1.wmv
29.5 MB
Prayers for DL DMA - VISUAL.wmv
81.4 MB
Last Updated : Jul 6, 2019, 6:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.