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जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य बंद, ग्रामीणों में रोष, स्थिति स्पष्ट करने की मांग - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के जदरांगल में निर्माण को लेकर जहां कार्य शुरू हुआ था, वहां से मशीनरी को हटा लिया गया है. ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी बेशकीमती भूमि सीयू निर्माण के लिए दी है, जो कि सीयू प्रशासन के नाम हस्तांतरित भी हो चुकी है. ऐसे में अगर सीयू को यहां से शिफ्ट किया गया तो वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Construction work of Central University
जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य बंद होने से ग्रामीणों में रोष.
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Published : Mar 23, 2023, 7:37 PM IST

जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य बंद होने से ग्रामीणों में रोष.

धर्मशाला: केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के जदरांगल में निर्माण को लेकर जहां कार्य शुरू हुआ था, वहां से मशीनरी को हटा लिया गया है. ऐसे में ग्रामीण असमंजस में हैं कि यहां यूनिवर्सिटी बनेगी या नहीं. ऐसे में ग्रामीणों ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेता दिया है कि स्थिति स्पष्ट की जाए साथ ही सीयू को यदि धर्मशाला से शिफ्ट किया गया तो सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी ग्रामीणों ने दी है. ग्रामीणों का कहना है कि सीयू वैसे तो धर्मशाला के लिए स्वीकृत हुई और सौ फीसदी निर्माण धर्मशाला में होना था, लेकिन बाद में इसका विभाजन करके 70 फीसदी देहरा और 30 फीसदी निर्माण धर्मशाला में करने की बात कही गई, लेकिन अब जो सूचनाएं मिल रही हैं, उससे तो यही लग रहा है कि 30 फीसदी को भी शिफ्ट किया जा रहा है यदि ऐसा हुआ तो ग्रामीण सड़कों पर उतरेंगे, क्योंकि ग्रामीणों ने अपनी बेशकीमती भूमि सीयू निर्माण के लिए दी है, जो कि सीयू प्रशासन के नाम हस्तांतरित भी हो चुकी है.

जनता में फ्रस्टेशन विस्फोट होगा: संसारमित्र- जदरांगल से संबंधित सीनियर सिटीजन संसारमित्र का कहना है कि मशीनरी आई थी, काम चल पड़ा था, लेकिन अब काम बंद हो गया और मशीनरी भी ले गए सरकार ने विश्वसनीयता खो दी है, जनता में फ्रस्टेशन है और अब इसका विस्फोट होगा. 2 पंचायतों की जनता ने 600 कनाल भूमि दी है. जदरांगल में सीयू नहीं बनी तो जनता का दोनों सरकारों से विश्वास उठ जाएगा. शिलान्यास के समय धर्मशाला व देहरा में एक साथ काम शुरू होने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राजनीतिज्ञों से उनकी मनोस्थिति सीयू के बारे में जानंगे, उसके बाद रणनीति बनाकर जनता सड़कों पर उतरेगी.

'केंद्र के समक्ष सीयू का मसला उठाएं सीएम': पद्दर पंचायत के निवासी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पहले यहां IT पार्क का शिलान्यास हुआ, फिर सीयू का कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान था कि धर्मशाला में सीयू के बारे में पता नहीं. ऐसी बातों से नेता जनता को मनोबल गिरा रहे हैं. सीएम सुक्खू केंद्र के समक्ष CU का मसला रखें. जदरांगल में स्लाइडिंग जोन की बात कही जा रही है. हाल ही में आए भूकंप में कितने मकानों में दरारें आईं या पहले कितने मकान यहां लैंड स्लाइडिंग में दब गए. राजनेता आपसी खींचतान बंद करके जल्द इस बारे स्थिति स्पष्ट करें, अन्यथा जनता सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं करेगी.

जदरांगल में ही बननी चाहिए सीयू: रीता देवी- वहीं, बल्ला पंचायत की प्रधान रीता देवी ने कहा कि सीयू यहीं बननी चाहिए. जनता ने यहां सैंकड़ों कनाल भूमि सीयू के लिए दी है. शिलान्यास यहां किया गया है तो निर्माण भी यहीं होना चाहिए. जिस तरह से ग्रामीणों में निर्माण को लेकर रोष है, यदि ग्रामीण संघर्ष करते हैं तो पंचायत भी ग्रामीणों का साथ देगी.

Read Also- HP Assembly Session: बजट पर मुख्यमंत्री सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया सदन में हंगामा, महिलाओं के अपमान के लगाए आरोप

जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य बंद होने से ग्रामीणों में रोष.

धर्मशाला: केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के जदरांगल में निर्माण को लेकर जहां कार्य शुरू हुआ था, वहां से मशीनरी को हटा लिया गया है. ऐसे में ग्रामीण असमंजस में हैं कि यहां यूनिवर्सिटी बनेगी या नहीं. ऐसे में ग्रामीणों ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेता दिया है कि स्थिति स्पष्ट की जाए साथ ही सीयू को यदि धर्मशाला से शिफ्ट किया गया तो सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी ग्रामीणों ने दी है. ग्रामीणों का कहना है कि सीयू वैसे तो धर्मशाला के लिए स्वीकृत हुई और सौ फीसदी निर्माण धर्मशाला में होना था, लेकिन बाद में इसका विभाजन करके 70 फीसदी देहरा और 30 फीसदी निर्माण धर्मशाला में करने की बात कही गई, लेकिन अब जो सूचनाएं मिल रही हैं, उससे तो यही लग रहा है कि 30 फीसदी को भी शिफ्ट किया जा रहा है यदि ऐसा हुआ तो ग्रामीण सड़कों पर उतरेंगे, क्योंकि ग्रामीणों ने अपनी बेशकीमती भूमि सीयू निर्माण के लिए दी है, जो कि सीयू प्रशासन के नाम हस्तांतरित भी हो चुकी है.

जनता में फ्रस्टेशन विस्फोट होगा: संसारमित्र- जदरांगल से संबंधित सीनियर सिटीजन संसारमित्र का कहना है कि मशीनरी आई थी, काम चल पड़ा था, लेकिन अब काम बंद हो गया और मशीनरी भी ले गए सरकार ने विश्वसनीयता खो दी है, जनता में फ्रस्टेशन है और अब इसका विस्फोट होगा. 2 पंचायतों की जनता ने 600 कनाल भूमि दी है. जदरांगल में सीयू नहीं बनी तो जनता का दोनों सरकारों से विश्वास उठ जाएगा. शिलान्यास के समय धर्मशाला व देहरा में एक साथ काम शुरू होने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राजनीतिज्ञों से उनकी मनोस्थिति सीयू के बारे में जानंगे, उसके बाद रणनीति बनाकर जनता सड़कों पर उतरेगी.

'केंद्र के समक्ष सीयू का मसला उठाएं सीएम': पद्दर पंचायत के निवासी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पहले यहां IT पार्क का शिलान्यास हुआ, फिर सीयू का कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान था कि धर्मशाला में सीयू के बारे में पता नहीं. ऐसी बातों से नेता जनता को मनोबल गिरा रहे हैं. सीएम सुक्खू केंद्र के समक्ष CU का मसला रखें. जदरांगल में स्लाइडिंग जोन की बात कही जा रही है. हाल ही में आए भूकंप में कितने मकानों में दरारें आईं या पहले कितने मकान यहां लैंड स्लाइडिंग में दब गए. राजनेता आपसी खींचतान बंद करके जल्द इस बारे स्थिति स्पष्ट करें, अन्यथा जनता सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं करेगी.

जदरांगल में ही बननी चाहिए सीयू: रीता देवी- वहीं, बल्ला पंचायत की प्रधान रीता देवी ने कहा कि सीयू यहीं बननी चाहिए. जनता ने यहां सैंकड़ों कनाल भूमि सीयू के लिए दी है. शिलान्यास यहां किया गया है तो निर्माण भी यहीं होना चाहिए. जिस तरह से ग्रामीणों में निर्माण को लेकर रोष है, यदि ग्रामीण संघर्ष करते हैं तो पंचायत भी ग्रामीणों का साथ देगी.

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