धर्मशाला/कांगड़ा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब उन्होंने अपने जीवन का पहला बजट प्रस्तुत किया था तब विधानसभा में हमने इस बात पर जोर दिया था कि हम 31 मार्च 2026 तक समूचे हिमाचल प्रदेश में चल रहे कमर्शियल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने का प्रयास करेंगे और आज उस दिशा में हम आगे भी बढ़ रहे हैं. जिसकी बानगी आज धर्मशाला से समूचा प्रदेश देख भी रहा है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज धर्मशाला के बस स्टैंड से जहां 15 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई है. आगे आने वाले सालों में समूचा बस डिपो इलेक्ट्रिक बसों से ही भरा हुआ मिलेगा. इतना ही नहीं हिमाचल के शिमला और धर्मशाला दो ऐसे स्टेशन हैं जो कि पर्यटन की लिहाज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और यहां से इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत होगी तो प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने में सफलता मिलेगी जो कि सरकार का साल 2026 तक लक्ष्य है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज जहां हम अपनी वचनवद्धता के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर चुके हैं. वहीं, धर्मशाला के बस स्टैंड को आधुनिक बस स्टैंड बनाया जाए इसके लिए भी भूमि पूजन किया गया है. जिसे 18 महीने में बनाकर लोगों के सुपुर्द कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि काम में देरी को सरकार किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी. भले ही धन जितना ज्यादा खर्च हो जाए होने दो मगर काम में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं.
![electric buses in Dharamshala](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-kng-02-isbtbusstandcm-dharmshala-pkg-hp10014_24052023171521_2405f_1684928721_1026.jpg)
वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जबाव देते हुए कहा कि सीबीआई उनके पास है यानी केंद्र में, वो चाहें तो वहां से जांच करवा सकते हैं. उनके जमाने में भी इस तरह के कई गुमनाम लैटर वायरल होते थे उनकी कितनी जांच हुई है और गुमनाम चिट्ठी पर कोई क्या कर सकता है. मुख्यमंत्री ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की राह में चुनौतियों संबंधी सवाल का जबाव देते हुए कहा कि सरकार ने इसके लिए पहले से ही तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. ऐसे में कांगड़ा पर्यटन का हब बनेगा. उसमें किसी तरह से चुनौती का काम नहीं है. यहां हेल्थ, एडवेंचर, वॉटर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई आयाम हैं और कई बनाए जा रहे हैं.
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