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धर्मशाला: चरस तस्कर भाली निवासी को 11 वर्ष का सश्रम कारावास व एक लाख जुर्माना - himachal pradesh hindi news

विशेष न्यायाधीश धर्मशाला रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने चरस तस्कर भाली निवासी लाताद्दीन के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर 11 वर्ष का सश्रम कारावास सहित एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. केस में कुल 16 गवाह पेश हुए, जिसमें दो गवाह बचाव पक्ष के थे. दोष सिद्ध होने पर अदालत ने भाली निवासी को 11 साल का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

Charas smuggler Bhali resident 11 years rigorous imprisonment and fined one lakh
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Published : Sep 23, 2020, 10:29 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 3:34 PM IST

धर्मशाला: विशेष न्यायाधीश धर्मशाला रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने चरस तस्कर भाली निवासी लाताद्दीन के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर 11 वर्ष का सश्रम कारावास सहित एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

जुर्माना अदा न करने पर दोषी को दो साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास काटना होगा. जिला न्यायावादी कांगड़ा राजेश वर्मा के मुताबिक सात जुलाई, 2016 को दोपहर डेढ़ बजे के करीब एएसआई देस राज अपनी टीम सहित 32-मील में गश्त कर रहे थे कि इस दौरान उन्हें गुप्त सूचना मिली कि भाली निवासी लाताद्दीन अपने रिहायशी मकान में चरस रखकर आम लोगों को बेचने का धंधा कर रहा है.

इस पर पुलिस ने पंचायत प्रधान व उपप्रधान की मौजूदगी में जब लाताद्दीन के रिहायशी मकान पर छापामारी की तो बैड बॉक्स के अंदर गत्ते के डिब्बे पिलिप्स मिक्सर ग्राइंडर के अंदर पॉलीथीन लिफाफे से बत्तीनुमा पदार्थ बरामद जो चरस पाई, जो करीब एक किलो 200 ग्राम थी. इसके अलावा शेविंग किट से 100-100 रुपये की करंसी के 20 हजार रुपये बरामद होने के साथ-साथ तराजू व बाट भी बरामद किए.

इसके बाद मामला विशेष न्यायाधीश की अदालत पहुंचा. इस केस की पैरवी पहले उप जिला न्यायावादी संदीप अग्निहोत्री और बाद में उप जिला न्यायावादी एलएम शर्मा ने की. केस में कुल 16 गवाह पेश हुए, जिसमें दो गवाह बचाव पक्ष के थे. दोष सिद्ध होने पर भाली निवासी को 11 साल का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

धर्मशाला: विशेष न्यायाधीश धर्मशाला रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने चरस तस्कर भाली निवासी लाताद्दीन के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर 11 वर्ष का सश्रम कारावास सहित एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

जुर्माना अदा न करने पर दोषी को दो साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास काटना होगा. जिला न्यायावादी कांगड़ा राजेश वर्मा के मुताबिक सात जुलाई, 2016 को दोपहर डेढ़ बजे के करीब एएसआई देस राज अपनी टीम सहित 32-मील में गश्त कर रहे थे कि इस दौरान उन्हें गुप्त सूचना मिली कि भाली निवासी लाताद्दीन अपने रिहायशी मकान में चरस रखकर आम लोगों को बेचने का धंधा कर रहा है.

इस पर पुलिस ने पंचायत प्रधान व उपप्रधान की मौजूदगी में जब लाताद्दीन के रिहायशी मकान पर छापामारी की तो बैड बॉक्स के अंदर गत्ते के डिब्बे पिलिप्स मिक्सर ग्राइंडर के अंदर पॉलीथीन लिफाफे से बत्तीनुमा पदार्थ बरामद जो चरस पाई, जो करीब एक किलो 200 ग्राम थी. इसके अलावा शेविंग किट से 100-100 रुपये की करंसी के 20 हजार रुपये बरामद होने के साथ-साथ तराजू व बाट भी बरामद किए.

इसके बाद मामला विशेष न्यायाधीश की अदालत पहुंचा. इस केस की पैरवी पहले उप जिला न्यायावादी संदीप अग्निहोत्री और बाद में उप जिला न्यायावादी एलएम शर्मा ने की. केस में कुल 16 गवाह पेश हुए, जिसमें दो गवाह बचाव पक्ष के थे. दोष सिद्ध होने पर भाली निवासी को 11 साल का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

Last Updated : Oct 3, 2020, 3:34 PM IST
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