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निगम चुनाव पार्टी चिह्न पर लड़ने से भाजपा व कांग्रेस की बढ़ी चुनौती, बागी उम्मीदवार बदलेंगे समीकरण

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Published : Mar 8, 2021, 9:45 PM IST

निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर लड़ने की घोषणा ने इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों की चुनौती को बढ़ाया है. भाजपा व कांग्रेस में उम्मीदवारों की चयन जल्द शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें टिकट के दावेदारों के दावे जांच-परख के बाद प्रदेश नेतृत्व को भेजे जाएंगे.

BJP and Congress raised challenge due to fighting on corporation election
फोटो

धर्मशाला: निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर लड़ने की घोषणा ने इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों की चुनौती को बढ़ाया है. पंचायती राज व नगर निकाय चुनाव में जबरदस्त सफलता के बावजूद निकाय चुनाव भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं हैं. वहीं, दूसरी और सामाजिक और राजनीतिक समीकरण और स्थानीय मुद्दों के प्रभावी न होने के कारण कांग्रेस के लिए नगर निगम चुनावों की पुनरावृत्ति आसान नहीं दिखती. नए नगर निगमों पालमपुर व मंडी पर कब्जा करना भी रणनीतिकारों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

उम्मीदवारों की चयन जल्द शुरू होने की उम्मीद

भाजपा व कांग्रेस में उम्मीदवारों की चयन जल्द शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें टिकट के दावेदारों के दावे जांच-परख के बाद प्रदेश नेतृत्व को भेजे जाएंगे. भले ही भाजपा सरकार ने नगर निगम चुनावों को पार्टी चिन्ह पर लड़ने का फैसला किया है मगर इससे भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान दिख सकता है और नगर निगम चुनावों को लेकर जो सपने भाजपा व कांग्रेस आगामी विस चुनावों को लेकर देख रही है. उस सपने में अगर बागी उम्मीदवार मैदान में उतरे तो दोनों दलों की उम्मीदें हिचकोले भी खाती नजर आ सकती है.

धर्मशाला नगर निगम के कुल 17 वार्ड

धर्मशाला नगर निगम कांग्रेस सरकार में नगर दिनगम का दर्जा दिया था और अभी तक नगर निगम पर कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा है, लेकिन इस बार इस चुनावी समय में प्रदेश में सरकार भाजपा की है जिससे कांग्रेस पार्टी को यह चुनाव जीतने के लिए कड़ी मशकत करनी पड़ सकती है. धर्मशाला नगर निगम के कुल 17 वार्ड है. पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा धर्मशाला को नगर निगम का दर्जा दिए जाने के बाद यहां पिछले प्रथम चुनाव में मेयर व डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस का कब्जा रहा.

नगर निगम पालमपुर में 15 वार्ड

हाल ही में प्रदेश सरकार ने नगर परिषद पालमपुर को नगर निगम में परिवर्तित करने की अधिसूचना जारी कर दी है. नगर निगम पालमपुर में 15 वार्ड होंगे. इसमें 10 पटवार सर्किल की 14 पंचायतों के 35 मुहाल में 35 गांवों को शामिल किया गया है. वहीं नगर निगम क्षेत्र में जनसंख्या 40,385 रहेगी. इसमें ग्रामीण इलाकों को लगभग नगर निगम से बाहर रखने का प्रयास किया गया है, जबकि कुछ नए क्षेत्रों को नई प्रस्तावना में जगह दी गई है. नगर निगम पालमपुर में अपर पालमपुर व पालमपुर खास, बंदला, सुग्घर, आईमा, खालड़ू, चैकी, खलेट, घुग्घर टांडा, विद्रावन, मारंडा, राजपुर, कृषि विवि क्षेत्र, बनूरी व होल्टा को वार्ड बनाया गया है.

पिछले विधान सभा चुनावों की बात की जाए तो पालमपुर से पार्टी ने पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा को टिकट न देकर वर्तमान में राज्य सभा सांसद इंदू गोस्वामी को मैदान में उतारा था, जबकि प्रवीण शर्मा ने यहीं से उम्मीदवार चुनाव लड़कर पार्टी को चुनौती देकर चुनावी समीकरणों को बदल दिया था. पालमपुर में होने वाले प्रथम नगर निगम चुनाव में भी अगर टिकट बंटवारे को लेकर कोई बागी हुआ तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से की मुलाकात, हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए 1420 करोड़ की मांग

धर्मशाला: निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर लड़ने की घोषणा ने इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों की चुनौती को बढ़ाया है. पंचायती राज व नगर निकाय चुनाव में जबरदस्त सफलता के बावजूद निकाय चुनाव भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं हैं. वहीं, दूसरी और सामाजिक और राजनीतिक समीकरण और स्थानीय मुद्दों के प्रभावी न होने के कारण कांग्रेस के लिए नगर निगम चुनावों की पुनरावृत्ति आसान नहीं दिखती. नए नगर निगमों पालमपुर व मंडी पर कब्जा करना भी रणनीतिकारों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

उम्मीदवारों की चयन जल्द शुरू होने की उम्मीद

भाजपा व कांग्रेस में उम्मीदवारों की चयन जल्द शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें टिकट के दावेदारों के दावे जांच-परख के बाद प्रदेश नेतृत्व को भेजे जाएंगे. भले ही भाजपा सरकार ने नगर निगम चुनावों को पार्टी चिन्ह पर लड़ने का फैसला किया है मगर इससे भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान दिख सकता है और नगर निगम चुनावों को लेकर जो सपने भाजपा व कांग्रेस आगामी विस चुनावों को लेकर देख रही है. उस सपने में अगर बागी उम्मीदवार मैदान में उतरे तो दोनों दलों की उम्मीदें हिचकोले भी खाती नजर आ सकती है.

धर्मशाला नगर निगम के कुल 17 वार्ड

धर्मशाला नगर निगम कांग्रेस सरकार में नगर दिनगम का दर्जा दिया था और अभी तक नगर निगम पर कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा है, लेकिन इस बार इस चुनावी समय में प्रदेश में सरकार भाजपा की है जिससे कांग्रेस पार्टी को यह चुनाव जीतने के लिए कड़ी मशकत करनी पड़ सकती है. धर्मशाला नगर निगम के कुल 17 वार्ड है. पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा धर्मशाला को नगर निगम का दर्जा दिए जाने के बाद यहां पिछले प्रथम चुनाव में मेयर व डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस का कब्जा रहा.

नगर निगम पालमपुर में 15 वार्ड

हाल ही में प्रदेश सरकार ने नगर परिषद पालमपुर को नगर निगम में परिवर्तित करने की अधिसूचना जारी कर दी है. नगर निगम पालमपुर में 15 वार्ड होंगे. इसमें 10 पटवार सर्किल की 14 पंचायतों के 35 मुहाल में 35 गांवों को शामिल किया गया है. वहीं नगर निगम क्षेत्र में जनसंख्या 40,385 रहेगी. इसमें ग्रामीण इलाकों को लगभग नगर निगम से बाहर रखने का प्रयास किया गया है, जबकि कुछ नए क्षेत्रों को नई प्रस्तावना में जगह दी गई है. नगर निगम पालमपुर में अपर पालमपुर व पालमपुर खास, बंदला, सुग्घर, आईमा, खालड़ू, चैकी, खलेट, घुग्घर टांडा, विद्रावन, मारंडा, राजपुर, कृषि विवि क्षेत्र, बनूरी व होल्टा को वार्ड बनाया गया है.

पिछले विधान सभा चुनावों की बात की जाए तो पालमपुर से पार्टी ने पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा को टिकट न देकर वर्तमान में राज्य सभा सांसद इंदू गोस्वामी को मैदान में उतारा था, जबकि प्रवीण शर्मा ने यहीं से उम्मीदवार चुनाव लड़कर पार्टी को चुनौती देकर चुनावी समीकरणों को बदल दिया था. पालमपुर में होने वाले प्रथम नगर निगम चुनाव में भी अगर टिकट बंटवारे को लेकर कोई बागी हुआ तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से की मुलाकात, हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए 1420 करोड़ की मांग

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