धर्मशाला: जिला कांगड़ा के धर्मशाला यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है. हड़ताल के पहले दिन धर्मशाला स्थित पंजाब नेशनल बैंक सर्कल ऑफिस धर्मशाला के बाहर बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. राष्ट्रीयकृत बैंकों की हड़ताल के चलते जहां ग्राहकों को बैंकों के लेन-देन में परेशानी का सामना करना पड़ा.
बता दें कि वेतन बढ़ोतरी सहित अन्य मांगों को लेकर बैंक यूनियने हड़ताल पर है. कई जगहों पर एटीएम भी पैसे न होने की वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. बैंक कर्मियों का कहना है कि जब वेतन बढ़ोतरी की मांग की जाती है तो एनपीए का हवाला दिया जाता है, जबकि अन्य विभागों में ऐसा नहीं है. बैंकों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हुए लोगों को आज तक केंद्र सरकार वापस नहीं ला पाई है और बैंक कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी पर एनपीए का रोना रोया जा रहा है.
वहीं, पीएनबी स्टाफ यूनियन हिमाचल प्रदेश का कहना है कि उनकी मांगों में वेतन में 20 फीसदी की वृद्धि करना, पांच दिवसीय बैंकिंग व्यवस्था, स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे में मर्ज करना, न्यू पेंशन स्कीम को बंद करना, पेंशन की अपडेशन करना, फैमिली पेंशन में इंप्रूवमेंट, लाभ के आधार पर स्टाफ वेल्फेयर फंड का वितरण, अधिकारियों के लिए वर्किंग समय को डिफाइन करना, कांट्रेक्ट इम्प्लाइज/बिजनेस कॉरेसपोंडेंट्स के लिए समान काम समान वेतन देना शामिल है.
वहीं, पीएनबी स्टाफ यूनियन हिमाचल प्रदेश के महासचिव राजकुमार गौतम ने बताया कि 13 जनवरी को इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) से बैठक हुई थी, जिसमें आईबीए ने 12.25 फीसदी बढ़ोतरी देने की बात कही थी, जबकि यूनाइटेड फोरम ने 20 फीसदी बढ़ोतरी मांगी है.
आईबीए का कहना है कि एनपीए की वजह से बैंकिंग क्षेत्र का जो हाल है, उसके चलते 12.25 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी नहीं की जा सकती. अपनी मांगों के समर्थन में यूनाइटेड फोरम ने 31 जनवरी और 1 फरवरी, 11 से 13 मार्च और 1 अप्रैल को हड़ताल का शेड्यूल बनाया है. जब वेतन बढ़ोतरी की बात आती है तो बैंकिंग के लाभ न होने का हवाला दिया जाता है. दो दिवसीय हड़ताल के दौरान यूनाइटेड फोरम आफ इंडिया के बैनर तले पूरे देश में बैंकों में हड़ताल की गई है.
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