धर्मशाला: अगर आप हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित शक्तिपीठों सहित अन्य बड़े मंदिरों के दर्शन करने जा रहे हैं तो आप माता के दरबार में अब न तो प्लास्टिक के फूल चढ़ा सकेंगे और न ही (Plastic ban in Kangra temples) माला. कांगड़ा उपायुक्त डॉ. निपुण (Kangra Deputy Commissioner Dr. Nipun Jindal) जिंदल ने प्रमुख शक्तिपीठों और मंदिरों में प्लास्टिक से निर्मित फूल और माला चढ़ाने पर अंकुश लगाने का निर्देश जारी कर दिया है.
पर्यावरण को नुकसान: उपायुक्त ने सभी उपमंडलाधिकारियों को निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है.उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि प्लास्टिक के फूल-माला होने के कारण निष्पादन सही तरीके से नहीं होने पर पर्यावरण को नुकसान (environmental damage) पहुंचता है, जिसके चलते प्लास्टिक से निर्मित फूलों को मंदिर में चढ़ाने पर रोक लगाई गई है.
जागरूकता के लिए साइन बोर्ड: उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सभी मंदिरों में इस संबंध में श्रद्वालुओं को जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड लगाने का (sign board for awareness) निर्देश दिया गया है.जिंदल ने कहा कि कांगड़ा के शक्तिपीठों में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्वालु माथा टेकने के लिए आते हैं. मंदिरों में श्रद्वालुओं की बेहतर सुविधा के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं.
मंदिरों में स्वच्छता पर ध्यान: उन्होंने कहा कि मंदिरों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है. जिले में सिंगल यूज (single use plastic) प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, इसके लिए अधिकारियों को नियमित तौर पर मार्केट में निरीक्षण करने का निर्देश जारी किया गया है. निपुण जिंदल ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा और कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी स्तर पर पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे.
कांगड़ा के प्रसिद मंदिर: कांगड़ा के प्रसिद्द मंदिरों की बात की जाए तो ब्रजेश्वरी (Brajeshwari Temple Kangra) मंदिर, चामुंडा देवी (Chamunda Devi Temple Kangra) मंदिर, मां ज्वाला (Maa Jwala Mandir Kangra) मंदिर, मां (Maa Baglamukhi Temple Kangra) बगलामुखी, बैजनाथ (Baijnath Temple Kangra) मंदिर, भागसू नाग (Bhagsu Nag Temple Kangra) मंदिर सहित अन्य कई बड़ें मंदिर स्थित हैं. यहा हमेशा देशभर के भक्तों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है. साल के दोनों नवरात्र में देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचकर वरदान मांगते है.