धर्मशाला: जिला कांगड़ा में प्रतिबंध के बावजूद श्रद्धालु हिमानी चामुंडा मंदिर का रुख कर रहे हैं. सर्दियों में 15 नवंबर से 15 मार्च तक बर्फबारी के चलते मंदिर को बंद रखा जाता है. इस दौरान श्रद्धालुओं के आदि हिमानी जाने पर भी प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिया जाता है, लेकिन श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर चामुंडा मंदिर पहुंच रहे हैं.
बता दें कि नववर्ष पर कुछ श्रद्धालुओं द्वारा आदि हिमानी चामुंडा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि श्री चामुंडा मंदिर नंदीकेश्वर धाम प्रशासन श्रद्धालुओं को जागरूक करने की बात कह रहा है, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालु जान की परवाह किए बिना देवी दर्शनों को पहुंच रहे हैं.
आदि हिमानी चामुंडा मंदिर, श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम से लगभग 10 किलोमीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. गर्मियों में आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ती है, जबकि सर्दियों में पहाड़ी पर बर्फबारी होने के चलते मंदिर को मार्च महीने तक के लिए बंद कर दिया जाता है. बीते गुरुवार को भी पंजाब के श्रद्धालुओं का जत्था आदि हिमानी के लिए रवाना हुआ है.
वहीं, श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम की मंदिर की अधिकारी सुमन धीमान ने बताया कि इन दिनों मंदिर के कपाट बंद हैं. साथी ही वहां रहने और खाने-पीने की कोई भी व्यवस्था नहीं है. इसके बावजूद श्रद्धालु आदि हिमानी चामुंडा पहुंच रहे हैं, जो कि खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने बताया कि धौलाधार की पहाड़ियों पर मौसम एकदम से खराब हो जाता है. बर्फ में श्रद्धालु रास्ता भटक सकते हैं, जिससे कोई अनहोनी घटना घट सकती है. सुमन धीमान ने बताया कि पहले भी आदि हिमानी चामुंडा रास्ते पर कई घटनाएं घट चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आगामी दो दिनों तक मौसम साफ रहने पर मंदिर प्रशासन एक टीम को भेजकर व्यवस्था का जायजा लेगी.
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गौरतलब है कि प्रतिबंध के बावजूद अगर श्रद्धालु आदि हिमानी चामुंडा पहुंच रहे हैं तो यह स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही है. श्रद्धालुओं को रोकने के लिए प्रशासन सिर्फ खाना पूर्ति करता नजर आ रहा है.
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