कांगड़ा: तिब्बती सर्वोच्च न्याय आयोग के मुख्य न्यायाधीश सहित दो अन्य जजों पर आरोप थे कि उन्होंने निर्वासित तिब्बत संसद के कार्यों में अनुचित ढंग से हस्तक्षेप किया था. जिसके चलते उन्हें पद से बर्खास्त किए जाने के बाद अब संवैधानिक संकट के समाधान के लिए 24 मई को निर्वासित तिब्बत संसद का अतिरिक्त सत्र बुलाया गया है. इसके लिए बाकायदा संसद के सभी सदस्यों को सर्कुलर जारी कर इस अतिरिक्त सत्र के बारे में अवगत करवा दिया गया है.
अभी कुछ दिनों पहले ही निर्वासित तिब्बत सरकार के चुनाव संपन्न हुए हैं. इन चुनावों में दुनिया भर में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों ने पेंपा सेरिंग को अपना राष्ट्रपति चुना है. तिब्बती चार्टर के अनुच्छेद-25 के अंतर्गत मुख्य न्यायाधीश द्वारा ही नए राष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाए जाने का प्रावधान भी रखा गया है. इसी के साथ 17वीं संसद के नवनिर्वाचित सदस्यों को भी प्रोटेम स्पीकर द्वारा शपथ दिलाई जानी है, लेकिन इस प्रोटेम स्पीकर को भी मुख्य न्यायाधीश ही शपथ दिलवाते हैं.
24 मई को निर्वासित तिब्बत संसद का अतिरिक्त सत्र
संसद के नवनिर्वाचित सदस्य इसके बाद ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव करवा सकेंगे. मुख्य न्यायाधीश की बर्खास्तगी के कारण यहां नए राष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाने संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. 24 मई को प्रस्तावित अतिरिक्त सत्र में इसी संकट का समाधान तलाशने के काम किया जाएगा. गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश सहित दो अन्य जजों पर आरोप थे कि उन्होंने निर्वासित तिब्बत संसद के कार्यों में अनुचित ढंग से हस्तक्षेप किया था.
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