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नूरपुर की आकृति ने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए खोली अकादमी, लिम्का बुक में दर्ज है नाम

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Published : Oct 20, 2019, 11:06 PM IST

आकृति 20 साल की उम्र में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रुस को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही हैं. आकृति ने 2012 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से ट्रेनिंग ली थी.

डिजाइन फोटो

कांगड़ा: अगर लक्ष्य मजबूत हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. यही कर दिखाया है नूरपुर विधानसभा के तहत सुल्याली पंचायत की आकृति हीर ने. 24 साल की आकृति ने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अकादमी खोली है.

आकृति 20 साल की उम्र में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रुस को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही हैं. आकृति ने 2012 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से ट्रेनिंग ली थी.

वीडियो.

एल्ब्र्स चोटी को फतह कर उसने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे कम युवा पर्वतारोही के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है. वहीं, आकृति हीर एनसीसी-7 पंजाब बटालियन की बेस्ट केडेट भी रहीं.

आकृति हीर ने कहा कि गांव में रहकर उसने देखा कि अधिकतर युवा पीढ़ी या तो मोबाइल में व्यस्त रहती है या फिर नशे की चपेट में आ गई है.

इस बात को लेकर आकृति ने सेवानिवृत्त कुलदीप राणा से सम्पर्क कर युवकों और युवतियों को सेना में जाने के लिए प्रशिक्षण देने का फैसला लिया, जिसके लिए उन्होंने अकादमी खोली है, जिससे युवा नशे जैसी कुरीतियों को छोड़कर देश सेवा कर सकेंगे.

कांगड़ा: अगर लक्ष्य मजबूत हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. यही कर दिखाया है नूरपुर विधानसभा के तहत सुल्याली पंचायत की आकृति हीर ने. 24 साल की आकृति ने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अकादमी खोली है.

आकृति 20 साल की उम्र में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रुस को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही हैं. आकृति ने 2012 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से ट्रेनिंग ली थी.

वीडियो.

एल्ब्र्स चोटी को फतह कर उसने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे कम युवा पर्वतारोही के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है. वहीं, आकृति हीर एनसीसी-7 पंजाब बटालियन की बेस्ट केडेट भी रहीं.

आकृति हीर ने कहा कि गांव में रहकर उसने देखा कि अधिकतर युवा पीढ़ी या तो मोबाइल में व्यस्त रहती है या फिर नशे की चपेट में आ गई है.

इस बात को लेकर आकृति ने सेवानिवृत्त कुलदीप राणा से सम्पर्क कर युवकों और युवतियों को सेना में जाने के लिए प्रशिक्षण देने का फैसला लिया, जिसके लिए उन्होंने अकादमी खोली है, जिससे युवा नशे जैसी कुरीतियों को छोड़कर देश सेवा कर सकेंगे.

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अगर लक्ष्य मजबूत हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है|यही कर दिखाया है नूरपुर विधानसभा की सुल्याली पंचायत की आकृति हीर ने जिसने लक्ष्य अकादमी खोलकर युवाओं को लक्ष्य प्राप्ति के लिए एक उम्मीद की किरन दिखाई है|बीस वर्ष की उम्र में यूरोप की सबसे उंची एल्ब्र्स चोटी को फ़तेह कर भारत की सबसे कम उम्र में यह प्रसिद्धि हासिल करने वाली आकृति में मेहनत और दिलेरी बचपन से ही कूटकूट कर भरी थी|आकृति ने 2012 में(नेहरू पर्वतारोहण संस्थान,उतरकांशी, उत्तराखंड) से पर्वतारोहण की ट्रेनिंग ली थी और एल्ब्र्स चोटी को फ़तेह कर उसने लिमिका बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में सबसे कम युवा पर्वतारोही के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया|वहीँ आकृति हीर एनसीसी 7 पंजाब बटालियन की बेस्ट केडेट भी रही है। आकृति हीर यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एलब्र्स को फतेह करने बाली मात्र 20 बर्ष की भारत की प्रथम युबा महिला पर्वतारोही है।आकृति का नाम लिम्का वुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।
आकृति हीर की माने तो गांव में रहकर उसने देखा कि अधिकतर युवा पीढ़ी या तो मोबाइल में व्यस्त है या फिर नशे की चपेट में आ गए है।इस बात को मध्यनजर रखते हुए आकृति ने सेवानिवर्त कुलदीप राणा से सम्पर्क किया युवकों और युवतियों के लिए आर्मी,पुलिस,पेरामिल्ट्री,नेवी,फारेस्ट गार्ड आदि के प्रशिक्षण के लिए अकादमी खोलने का बिचार किया।इसका शुभारम्भ उसने आठ अक्तूबर को किया|
आकृति ने बताया कि इस अकैडमी में बच्चों की जरूरत के अनुसार सारी शारीरिक और लिखित जरूरतों को पूरा किया जा रहा है।उसका कहना है कि आंशिक खर्चे से बच्चो को बेहतर सुबिधायें देना उसकी प्राथमिकता है और युवा पीढ़ी को जागरूक करने का भी यही माध्यम है जिससे वो नशे जैसी कुरीतियों से दूर रह सकते है|
बाइट-आकृति हीर,युवा पर्वतारोही एवं एमडी लक्ष्य अकैडमी

Conclusion:
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