धर्मशाला: फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला में पोस्टमार्टम के दौरान किस तरह सेंपलिंग की जाए, टांडा मेडिकल कालेज के एमडी फारेंसिक के स्टूडेंटस इसकी जानकारी ले रहे हैं. लैब में 7 दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के तहत पहली बार इतना लंबा ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जबकि इससे स्नातक स्टूडेंट्स के लिए पहले एक दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम होता था.
पोस्टमार्टम पर एमडी फॉरेंसिक स्टूडेंट्स को दी जानकारी
फॉरेंसिक लैब धर्मशाला की उपनिदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि टांडा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल के आग्रह पर एमडी फॉरेंसिक स्टूडेंट्स के लिए एक सप्ताह का ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिसके अंतर्गत फारेंसिक साइंस के इंटीग्रिटीस क्या हैं, फॉरेंसिक मेडिसिन के डॉक्टर्स जब पोस्टमार्टम करते हैं, किस तरह से सैंपलिंग करें, कैसे उन्हें सही से प्रिजर्व करें इसके बारे में विचार विमर्श किया जा रहा है.
डॉ. मीनाक्षी महाजन ने कहा कि मेडिकल कालेज से जब डॉक्टर्स सैंपल कलेक्ट करके फॉरेंसिक साइंस लैब को भेजते हैं तो फारेंसिक विशेषज्ञों को क्या दिक्कतें आती हैं. फारेंसिक मेडिसिन के डॉक्टर्स को क्या-क्या चीजें प्रिजर्व करनी चाहिए, कैसे उन्हें रखा जाए, कैसे घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जाएं, कैसे साक्ष्यों को लिंक किया जाए, इन सभी विषयों पर उन्हें जानकारी दी जा रही है.
नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के अंतर्गत किया ट्रेनिंग कैंप का आयोजन
उत्तर क्षेत्रीय फॉरेंसिक विभाग धर्मशाला की उपनिदेशक डॉ मीनाक्षी महाजन ने कहा कि 8 से 15 मार्च तक ट्रेनिंग कैंप का आयोजन नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के अंतर्गत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहली बार मेडिकल स्टूडेंटस फॉरेंसिक लैब में इतने लंबी ट्रेनिंग के लिए आए हैं, इससे पहले मेडिकल स्टूडेंट्स एक दिन के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए आते थे, जोकि स्नातक स्टूडेंटस होते थे. उन्होंने कहा कि एमडी के स्टूडेंटस के लिए यह पहली बार हो रहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार टांडा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने स्टूडेंटस को फारेंसिक लैब में भेजा है.
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