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रेस्क्यू ऑपरेशन: ब्यास नदी फंसे 55 लोगों को निकाला गया सुरक्षित, रात भर चला बचाव अभियान, देखें वीडियो

ब्यास नदी में फंसे 55 लोगों को एनडीआरएफ द्वारा करीब नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुबह पांच बजे सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. वहीं, जिला प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नदी-नालों और खड्डों के पास न जाएं. पढ़िए पूरी खबर... (Dharamshala Rescue Operation)

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Published : Jul 18, 2023, 10:27 PM IST

55 people stranded in Beas river were rescued
ब्यास नदी फंसे 55 लोगों को निकाला गया सुरक्षित
रेस्क्यू ऑपरेशन करते एनडीआरएफ के जवान

धर्मशाला: हिमाचल में आपदा के बाद लोग जगह-जगह फंस गए हैं, जिन्हें लगातार सरकार, प्रशासन की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं, इंदौरा उपमंडल के घंडारा के ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया है. एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर और डीएसपी विशाल वर्मा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से अंत तक वहीं डटे रहे. वहीं, उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सोमवार रात्रि नौ बजे के करीब ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण घंडारा तथा म्यानी में 55 के करीब लोगों के फंसे होने की सूचना जिला कंट्रोल रूम में प्राप्त हुई, इस दौरान एसडीएम, डीएसपी की देखरेख में स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया गया जो सुबह पांच बजे तक चला. जिसमें सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

नदी-नालों और खड्डों के पास ना जाएं लोग: उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं. उन्होंने बताया कि पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं. उन्होंने कहा कि पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही.

आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्क जिला प्रशासन: उपायुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग वन विभाग के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन की दल फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी और आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्व होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके. डॉ. निपुण जिंदल ने कहा राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर पर जान माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं और पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो.

आपात स्थिति में करें संपर्क: जिला प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा ना करें. उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें.

ये भी पढ़ें: Chandratal Rescue Operation रहा सफल, सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया, सीएम सुक्खू ने शेयर किया वीडियो

रेस्क्यू ऑपरेशन करते एनडीआरएफ के जवान

धर्मशाला: हिमाचल में आपदा के बाद लोग जगह-जगह फंस गए हैं, जिन्हें लगातार सरकार, प्रशासन की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं, इंदौरा उपमंडल के घंडारा के ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया है. एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर और डीएसपी विशाल वर्मा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से अंत तक वहीं डटे रहे. वहीं, उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सोमवार रात्रि नौ बजे के करीब ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण घंडारा तथा म्यानी में 55 के करीब लोगों के फंसे होने की सूचना जिला कंट्रोल रूम में प्राप्त हुई, इस दौरान एसडीएम, डीएसपी की देखरेख में स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया गया जो सुबह पांच बजे तक चला. जिसमें सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

नदी-नालों और खड्डों के पास ना जाएं लोग: उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं. उन्होंने बताया कि पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं. उन्होंने कहा कि पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही.

आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्क जिला प्रशासन: उपायुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग वन विभाग के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन की दल फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी और आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्व होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके. डॉ. निपुण जिंदल ने कहा राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर पर जान माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं और पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो.

आपात स्थिति में करें संपर्क: जिला प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा ना करें. उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें.

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