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धर्मशाला में प्रतिदिन ट्रीट होगा 2 लाख लीटर सीवरेज, बिना मशीनरी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार

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Published : Jul 23, 2019, 7:03 PM IST

संदीप कदम ने बताया कि प्लांट में बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए हम इसका कार्बन क्रेडिट भी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बजट की दृष्टि से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट की कीमत को हम साढ़े चार साल में पूरा कर सकते हैं. प्लांट के ट्रीट वाटर को पशुओं, सिंचाई व बाग-बगीचों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आर्गेनिक तकनीक से तैयार इस सीवरेज प्लांट में कोई भी कैमिकल कम्पोनेंट नहीं है और न ही इसके लिए बिजली की जरूरत पड़ेगी. इस प्लांट में ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी नहीं है तथा इसकी आपरेशनल कॉस्ट भी जीरो है.

धर्मशाला में प्रतिदिन ट्रीट होगा 2 लाख लीटर सीवरेज

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी धर्मशाला में रूट जोन ट्रीटमेंट तकनीक से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है, जिसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर सीवरेज ट्रीट किया जा सकेगा. इसमें किसी भी प्रकार की मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया गया है और न ही इसके लिए किसी पॉवर की जरूरत है. यह जानकारी स्मार्ट सिटी धर्मशाला के सीईओ संदीप कदम ने धर्मशाला के ओल्ड चड़ी रोड़ पर निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए निर्मित रूट जोन ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही.

संदीप कदम ने कहा कि पर्यावरण फ्रेंडली और ईको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी है, जिसका यहां इस्तेमाल किया जा रहा है. धर्मशाला में 4 जगह इस तरह के प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसमें रामनगर व ओल्ड चड़ी रोड़ पर बनकर तैयार है, जिन पर 1.04 करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि धर्मशाला में इस तरह के प्लांट बनाने के लिए 3.53 करोड़ रखी गई है. उन्होंने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया गया पानी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की मान्यताओं व प्रमाण को पूरा करता है. इस प्लांट से 2500 के लगभग जनता को लाभ मिलेगा तथा इस प्लांट को अब शुरू किया जा रहा है.

संदीप कदम

संदीप कदम ने बताया कि प्लांट में बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए हम इसका कार्बन क्रेडिट भी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बजट की दृष्टि से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट की कीमत को हम साढ़े चार साल में पूरा कर सकते हैं. प्लांट के ट्रीट वाटर को पशुओं, सिंचाई व बाग-बगीचों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आर्गेनिक तकनीक से तैयार इस सीवरेज प्लांट में कोई भी कैमिकल कम्पोनेंट नहीं है और न ही इसके लिए बिजली की जरूरत पड़ेगी. इस प्लांट में ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी नहीं है तथा इसकी आपरेशनल कॉस्ट भी जीरो है.

ये भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार के लिए CM ने स्पष्ट की स्थिति, सुनिए क्या बोले मुख्यमंत्री

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी धर्मशाला में रूट जोन ट्रीटमेंट तकनीक से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है, जिसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर सीवरेज ट्रीट किया जा सकेगा. इसमें किसी भी प्रकार की मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया गया है और न ही इसके लिए किसी पॉवर की जरूरत है. यह जानकारी स्मार्ट सिटी धर्मशाला के सीईओ संदीप कदम ने धर्मशाला के ओल्ड चड़ी रोड़ पर निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए निर्मित रूट जोन ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही.

संदीप कदम ने कहा कि पर्यावरण फ्रेंडली और ईको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी है, जिसका यहां इस्तेमाल किया जा रहा है. धर्मशाला में 4 जगह इस तरह के प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसमें रामनगर व ओल्ड चड़ी रोड़ पर बनकर तैयार है, जिन पर 1.04 करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि धर्मशाला में इस तरह के प्लांट बनाने के लिए 3.53 करोड़ रखी गई है. उन्होंने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया गया पानी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की मान्यताओं व प्रमाण को पूरा करता है. इस प्लांट से 2500 के लगभग जनता को लाभ मिलेगा तथा इस प्लांट को अब शुरू किया जा रहा है.

संदीप कदम

संदीप कदम ने बताया कि प्लांट में बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए हम इसका कार्बन क्रेडिट भी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बजट की दृष्टि से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट की कीमत को हम साढ़े चार साल में पूरा कर सकते हैं. प्लांट के ट्रीट वाटर को पशुओं, सिंचाई व बाग-बगीचों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आर्गेनिक तकनीक से तैयार इस सीवरेज प्लांट में कोई भी कैमिकल कम्पोनेंट नहीं है और न ही इसके लिए बिजली की जरूरत पड़ेगी. इस प्लांट में ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी नहीं है तथा इसकी आपरेशनल कॉस्ट भी जीरो है.

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Intro:धर्मशाला- स्मार्ट सिटी धर्मशाला में रूट जोन ट्रीटमेंट तकनीक से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है, जिसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर सीवरेज ट्रीट किया जा सकेगा। इसमें किसी भी प्रकार की मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया गया है और न ही इसके लिए किसी पॉवर की जरूरत है। यह जानकारी स्मार्ट सिटी धर्मशाला के सीईओ संदीप कदम ने धर्मशाला के ओल्ड चड़ी रोड़ पर निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए निर्मित रूट जोन ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही।





Body:संदीप कदम ने कहा कि पर्यावरण फ्रेंडली और ईको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी है, जिसका यहां इस्तेमाल किया जा रहा है। धर्मशाला में 4 जगह इस तरह के प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसमें रामनगर व ओल्ड चड़ी रोड़ पर बनकर तैयार है, जिन पर 1.04 करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि धर्मशाला में इस तरह के प्लांट बनाने के लिए 3.53 करोड़ रखी गई है। उन्होंने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया गया पानी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की मान्यताओं व प्रमाण को पूरा करता है। इस प्लांट से 2500 के लगभग जनता को लाभ मिलेगा तथा इस प्लांट को अब शुरू किया जा रहा है।






Conclusion:संदीप कदम ने बताया कि प्लांट में बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए हम इसका कार्बन के्रडिट भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बजट की दृष्टि से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट की कीमत को हम साढ़े चार साल में पूरा कर सकते हैं। प्लांट के ट्रीट वाटर को पशुओं, सिंचाई व बाग-बगीचों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आर्गेनिक तकनीक से तैयार इस सीवरेज प्लांट में कोई भी कैमिकल कम्पोनेंट नहीं है और न ही इसके लिए बिजली की जरूरत पड़ेगी। इस प्लांट में ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी नहीं है तथा इसकी आपरेशनल कॉस्ट भी जीरो है।   

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