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ज्वालामुखी में पंचभीष्म उत्सव की शुरुआत, जानें क्यों किया जाता है इस उत्सव आयोजन - विश्व विख्यात शक्ति पीठ ज्वालामुखी

विश्व विख्यात शक्ति पीठ ज्वालामुखी में पञ्च भीष्म मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन के दौरान हर साल मंदिर परिसर में लिए101 तेल के दीपक जलाए जाते हैं.

ज्वालामुखी मंदिर
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Published : Nov 8, 2019, 7:44 PM IST

कांगड़ा: जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी में शुक्रवार को पंचभीष्म उत्सव की शुरुआत की गई. इस उत्सव के दौरान ज्वालामुखी के राधा कृष्ण मंदिर में हर साल पितृ पूजन के लिए 101 तेल के दीपक जलाए जाते हैं.

बता दें कि ज्वालामुखी में मनाए जाने वाले इस उत्सव में सैकड़ों महिलाओं ने तेल के दीपक जलाए और उत्सव के पांच दिनों के दौरान तुलसी माता का पूजन भी किया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

ज्वालामुखी मंदिर के राधा कृष्ण मंदिर में मनाए जाने वाले इस उत्सव की जानकारी देते हुए पुजारी सुदेश शर्मा ने बताया कि भीष्म पितामह ने 5 दिन पांडवों को नीति उपदेश दिया था. इस कारण पंच भीष्म मेले का आयोजन 5 दिनों के लिए किया जाता है.

पंचभीष्म मेलों की महिमा का वर्णन करते हुए मंदिर पुजारी ने कहा कि इन मेलों में ज्वालामुखी मंदिर के पास राधा कृष्ण मंदिर में पांच दिनों के लिए तेल के दीपक भी जलाए जाते हैं. वहीं, इन दिनों में तुलसी माता और विष्णु जी का विवाह भी किया जाता है.

कांगड़ा: जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी में शुक्रवार को पंचभीष्म उत्सव की शुरुआत की गई. इस उत्सव के दौरान ज्वालामुखी के राधा कृष्ण मंदिर में हर साल पितृ पूजन के लिए 101 तेल के दीपक जलाए जाते हैं.

बता दें कि ज्वालामुखी में मनाए जाने वाले इस उत्सव में सैकड़ों महिलाओं ने तेल के दीपक जलाए और उत्सव के पांच दिनों के दौरान तुलसी माता का पूजन भी किया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

ज्वालामुखी मंदिर के राधा कृष्ण मंदिर में मनाए जाने वाले इस उत्सव की जानकारी देते हुए पुजारी सुदेश शर्मा ने बताया कि भीष्म पितामह ने 5 दिन पांडवों को नीति उपदेश दिया था. इस कारण पंच भीष्म मेले का आयोजन 5 दिनों के लिए किया जाता है.

पंचभीष्म मेलों की महिमा का वर्णन करते हुए मंदिर पुजारी ने कहा कि इन मेलों में ज्वालामुखी मंदिर के पास राधा कृष्ण मंदिर में पांच दिनों के लिए तेल के दीपक भी जलाए जाते हैं. वहीं, इन दिनों में तुलसी माता और विष्णु जी का विवाह भी किया जाता है.

Intro:ज्वालामुखी मंदिर के राधा कृष्ण मंदिर में पंचभीष्म में पितृ पूजन के लिए 101 तेल के दीपक जलाए जाते है --

12 नम्वर तक 5 दिनों के लिए चलेगें
Body:
ज्वालामुखी, नितेश कुमार

ज्वालामुखी में पंचभीष्म बढ़ी धूम -धाम से मनाए जाते है इस वर्ष 08 नम्वर से शरू हो रहे है जो 12 नम्वर तक 5 दिनों के लिए चलेगें | राधा कृष्ण मंदिर में पितृ पूजन के लिए101 तेल के दीपक हर साल जलाए जाते है इस दिन सैंकड़ो महिलाओं ने तेल के दीपक जलाए और इन पञ्च दिनों में तुलसी माता का पूजन भी किया जाता है ।
विश्व विख्यात शक्ति पीठ ज्वालामुखी में पञ्च भीष्म मेले में श्रद्धालु व् स्थानीय लोगों ने तुलसी माता की पूजा करते है
व्\ओ --पुजारी सुदेश शर्मा राधा कृष्ण ने वताया की भीष्म पितामह का मूल नाम देवदत्त था । लेकिन अपने कुलज और वंश की रक्षा के लिए भीष्म पितामह द्वारा आजीवन अखंड ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की भीष्म प्रतिज्ञा लेने के वाद वे भीष्म कहलाए । पांच दिन चलने वाले भीष्म मेलों के बारे में उन्होंने बताया की भीष्म पितामह ने 5 दिन पांडवों को नीति उपदेश दिया था । इस कारण पंच भीष्म मेले 5 दिन मने जाते है पंच भीष्म मेलों की महिमा का वर्णन करते हुए कहा इन मेलों में ज्वालामुखी मंदिर के पास राधा कृष्ण मंदिर में पांच दिनों के लिए तेल के दीपक भी जलाए जाते है इन दिनों में तुलसी माता और विष्णु जी का विवाह भी किया जाता है और यह दीपक पितरों की याद भी जले जाते है इन दिनों में विष्णु भगवन की आँवले के रूप में पूजा की जाती है इन पांच दिनों में महिलाए उपवास भी करती है की इनके घर में सुख शांति व् समृद्धि बानी रहे | इसमें स्त्रियां अपने घर में सुख समृद्धि की कामना करती है इन्हे पांच भीष्म कहा जाता है क्योकि इन पांच दिनों में अपनी भीष्म प्रतिज्ञा के कारण पांच दिनों तक बाणों के शैया पर सोये रहे थे।


Conclusion:बाइटस --पुजारी सुदेश शर्मा राधा कृष्ण मंदिर ज्वालामुखी
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