धर्मशाला: नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म करने के आरोपी चाचा पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी को 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि 3 मई 2018 को इस संबंध में पालमपुर उपमंडल के एक गांव की 15 वर्षीय नाबालिग ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी.
पीड़िता ने पुलिस में बयान दिया था कि उसका चाचा उसके साथ गलत काम करता है. नाबालिग ने बताया था कि वे चार बहनें हैं और वह अपने पिता और चाचा के साथ किराये के मकान में रहते थे. पीड़िता ने बताया था कि उसके पिता और चाचा की दुकान है और 2 मई 2018 की रात को उसके चाचा यशपाल ने उसके साथ दुष्कर्म किया था.
पीड़िता का आरोप था कि इससे पहले भी उसके चाचा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. उसने बताया था कि उसके पिता किसी काम से दूसरे राज्य में गए थे और वह कमरे में अपनी छोटी बहन के साथ सोई थी. इस दौरान रात को उसका चाचा उसे कमरे से उठाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी भी दी.
पीड़िता ने बताया था कि अगली सुबह 3 मई को वह अपनी छोटी बहन को आंगनबाड़ी में छोड़ने गई थी तो इस दौरान भी आरोपी वहां पर पहुंच गया और उसे जल्दी घर जाने के लिए कहने लगा. इस पर पीड़िता ने वहां पर रोना शुरू कर दिया और तब आंगनबाड़ी की शिक्षिका ने उससे रोने का कारण पूछा, जिस पर पीड़िता ने पूरी बात शिक्षिका को बता दी.
इस पर शिक्षिका ने पीड़िता को लेकर पुलिस थाना में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया. न्यायालय में इस मामले को लेकर अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह पेश किए गए. विशेष न्यायाधीश कृष्ण कुमार की अदालत ने आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई.
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