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HP में UK वाली पॉलिटिकल ट्रिक: प्रत्याशियों के चयन के लिए BJP ने कार्यकर्ताओं से करवाया मतदान, दिल्ली पहुंची 'रायशुमारी' मतपेटियां - हिमाचल में विधानसभा चुनाव

चुनावी तारीखों के ऐलान साथ ही भाजपा ने उतराखंड के 'कार्यकर्ता रायशुमारी' फार्मूले को हिमाचल में लागू कर दिया है. मिशन रिपीट (BJP Mission repeat in Himachal) के लिए भाजपा ने पड़ोसी राज्य में अपनाया सियासी टोटका हिमाचल में भी आजमाया है. पार्टी ने रविवार को प्रदेशभर के विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई. बाद में इन 'रायशुमारी' मतपेटियां को हेलीकाॅप्टर के जरिये भाजपा मुख्यालय दिल्ली भेजा गया. पढ़ें पूरी खबर...

HP में UK वाली पॉलिटिकल ट्रिक
HP में UK वाली पॉलिटिकल ट्रिक
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Published : Oct 16, 2022, 10:30 PM IST

हमीरपुर: चुनावी तारीखों के ऐलान साथ ही भाजपा ने उतराखंड के 'कार्यकर्ता रायशुमारी' फार्मूले को हिमाचल में लागू कर दिया है. मिशन रिपीट (BJP Mission repeat in Himachal) के लिए भाजपा ने पड़ोसी राज्य में अपनाया सियासी टोटका हिमाचल में भी आजमाया है. पार्टी ने रविवार को प्रदेशभर के विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई. रायशुमारी के इस फार्मूले के तहत भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में मुख्यालय स्तर पर संगठनात्मक जिलों की बैठकों को आयोजन किया.

दिल्ली से चार हेलीकॉप्टर मतपेटियां लेकर शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी पहुंचे. इन मतपेटियों में 2022 के सत्ता के दंगल के संभावित पार्टी प्रत्याशियों के नाम दर्ज हुए. असल निर्वाचन से पहले भाजपा ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से मतदान करवाया है. मतदान के बाद मतपेटियों को हेलीकाॅप्टर के जरिये भाजपा मुख्यालय दिल्ली ले जाया गया. इस बड़े सियासी घटनाक्रम की प्रदेश के सियासी गलियारों में रविवार को खूब चर्चा रही.

भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल.

क्या था वोटिंग का फार्मूला: पार्टी सुत्रों की माने तो आठ से दस श्रेणी के पदाधिकारियों को इस मतदान के लिए बुलाया गया था और उनका मतदान गुप्त रखा गया था. मसलन मतदान की पर्ची एक कोरा कागज ही था, जिस पर पदाधिकारी को अपनी पसंद के प्रत्याशी का नाम लिखना था. प्रत्याशी को कम से कम एक और अधिकतम 3 प्रत्यााशियों के नाम लिखने के निर्देश थे. एक पदाधिकारी को एक विधानसभा क्षेत्र में ही वोटिंग करने का अधिकार था. (Himachal assembly election 2022).

वोटिंग में यह शर्त रखी गई थी कि पदाधिकारी जिस विधानसभा क्षेत्र का बाशिंदा है, वह उस क्षेत्र के लिए अपनी प्राथमिकता दर्ज करवाकर वोट कर सकता है. मसलन कोई प्रदेश पदाधिकारी अथवा किसी भी मोर्चा अथवा मंडल का पदाधिकारी उस विधानसभा क्षेत्र के लिए वोट करने के लिए पात्र था जहां का वह मूल निवासी हो. एक विधानसभा क्षेत्र के लिए औसतन 40 पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई गई है. हर संसदीय क्षेत्र में 900 और प्रदेशभर में 3000 के लगभग पदाधिकारियों ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए वोट किया है. (Himachal election date).

दोनों पहाड़ी राज्यों में एक सी है सियासी परंपरा: हिमाचल और उत्तराखंड में सियासत की एक जैसी परंपरा रही है. पड़ोसी राज्य उतराखंड में भाजपा का यह फार्मूला कारगर रहा था और भाजपा यहां पर मिशन रिपीट करने में सफल रही. बेशक यहां पर मुख्यमंत्री का चेहरा रहे पुष्कर धामी चुनाव हार गए थे, लेकिन भाजपा की सरकार रिपीट होने पर हाईकमान ने उन्हें ही सीएम की कुर्सी पर रिपीट कर दिया. ऐसे में अब पहाड़ी राज्य हिमाचल में रिवाज बदल सरकार रिपीट करने के लिए भाजपा ने उतराखंड वाली पॉलिटिकल ट्रिक हिमाचल में चली है. इस सियासी दाव के बाद भाजपा ने टिकट आवंटन को लेकर उलझन में फंसी कांग्रेस को संगठन के तौर पर बड़ी चुनौती पेश की है.

भाजपा ने तैयार किया डैमेज कंट्रोल का प्लान: हिमाचल में सत्तारूढ़ भाजपा के तमाम संगठनात्मक कौशल के बावजूद गुटबाजी और खेमेबंदी एक बड़ी चुनौती उभर कर सामने आई है. ऐसे में भाजपा ने टिकट आवंटन से पहले ही डैमेज कंट्रोल का प्लान भी तैयार कर लिया है. टिकट आवंटन के बाद मंडल स्तर पर पदाधिकारियों का विरोध और इस्तीफे जैसी परिस्थतियां सामने न आए, इसके लिए भी यह फार्मूल डैमेज कंट्रोल का काम करेगा. बीजेपी एक पंथ से दो काज साधने की सियासी जुगत में है. एक तरफ गुटबाजी को पाटने का प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी ओर टिकट आवंटन के बाद बगावत और संभावित इस्तीफे की परंपराओं से होने वाले चुनावी नुकसान से बचने की वैक्सीन ली जा रही है. (BJP candidates for Himachal Assembly election).

ईसी की बैठक कल: दिल्ली में हिमाचल भाजपा की इलेक्शन कमेटी की बैठक सोमवार (BJP election committee meeting in Delhi) को होगी. इस बैठक में प्रत्याशियों के चयन के लिए अब तक प्रदेश में हुए चार सर्वें की रिपोर्ट और कार्यकर्ता रायशुमारी के मतपेटियों के नतीजों के आधार पर ही चर्चा होगी. इस बैठक के लिए सीएम जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रभारी अविनाश राय खन्ना, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य नेता शामिल होंगे. हिमाचल भाजपा की ईसी की बैठक के बाद चर्चा की रिपोर्ट को बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा. पार्लियामेंट्री बोर्ड में भाजपा सुप्रीमो जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह टिकट फाइनल करेंगे.

सीएम जयराम दिल्ली रवाना: सीएम जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल दिल्ली रवाना हो गए हैं. दोनों नेता अन्य कोर ग्रुप शामिल अन्य नेताओं के साथ सीईसी की बैठक में हिस्सा लेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद भाजपा 18 अक्तूबर को अपनी पहली सूची जारी कर सकती है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि कार्यकर्ता रायशुमारी को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का मार्गदर्शन इस प्रक्रिया के बाद लिया जाएगा. धूमल चुनाव समिति के साथ कोर ग्रुप के सदस्य भी हैं. वह बैठक में अपने सुझाव देंगे. (Himachal BJP candidates list).

ये भी पढ़ें: कांग्रेस के महिलाओं को दिए जा रहे गारंटी पत्र पर भाजपा ने जताई आपत्ति, आचार संहिता का बताया उल्लंघन

हमीरपुर: चुनावी तारीखों के ऐलान साथ ही भाजपा ने उतराखंड के 'कार्यकर्ता रायशुमारी' फार्मूले को हिमाचल में लागू कर दिया है. मिशन रिपीट (BJP Mission repeat in Himachal) के लिए भाजपा ने पड़ोसी राज्य में अपनाया सियासी टोटका हिमाचल में भी आजमाया है. पार्टी ने रविवार को प्रदेशभर के विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई. रायशुमारी के इस फार्मूले के तहत भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में मुख्यालय स्तर पर संगठनात्मक जिलों की बैठकों को आयोजन किया.

दिल्ली से चार हेलीकॉप्टर मतपेटियां लेकर शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी पहुंचे. इन मतपेटियों में 2022 के सत्ता के दंगल के संभावित पार्टी प्रत्याशियों के नाम दर्ज हुए. असल निर्वाचन से पहले भाजपा ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से मतदान करवाया है. मतदान के बाद मतपेटियों को हेलीकाॅप्टर के जरिये भाजपा मुख्यालय दिल्ली ले जाया गया. इस बड़े सियासी घटनाक्रम की प्रदेश के सियासी गलियारों में रविवार को खूब चर्चा रही.

भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल.

क्या था वोटिंग का फार्मूला: पार्टी सुत्रों की माने तो आठ से दस श्रेणी के पदाधिकारियों को इस मतदान के लिए बुलाया गया था और उनका मतदान गुप्त रखा गया था. मसलन मतदान की पर्ची एक कोरा कागज ही था, जिस पर पदाधिकारी को अपनी पसंद के प्रत्याशी का नाम लिखना था. प्रत्याशी को कम से कम एक और अधिकतम 3 प्रत्यााशियों के नाम लिखने के निर्देश थे. एक पदाधिकारी को एक विधानसभा क्षेत्र में ही वोटिंग करने का अधिकार था. (Himachal assembly election 2022).

वोटिंग में यह शर्त रखी गई थी कि पदाधिकारी जिस विधानसभा क्षेत्र का बाशिंदा है, वह उस क्षेत्र के लिए अपनी प्राथमिकता दर्ज करवाकर वोट कर सकता है. मसलन कोई प्रदेश पदाधिकारी अथवा किसी भी मोर्चा अथवा मंडल का पदाधिकारी उस विधानसभा क्षेत्र के लिए वोट करने के लिए पात्र था जहां का वह मूल निवासी हो. एक विधानसभा क्षेत्र के लिए औसतन 40 पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई गई है. हर संसदीय क्षेत्र में 900 और प्रदेशभर में 3000 के लगभग पदाधिकारियों ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए वोट किया है. (Himachal election date).

दोनों पहाड़ी राज्यों में एक सी है सियासी परंपरा: हिमाचल और उत्तराखंड में सियासत की एक जैसी परंपरा रही है. पड़ोसी राज्य उतराखंड में भाजपा का यह फार्मूला कारगर रहा था और भाजपा यहां पर मिशन रिपीट करने में सफल रही. बेशक यहां पर मुख्यमंत्री का चेहरा रहे पुष्कर धामी चुनाव हार गए थे, लेकिन भाजपा की सरकार रिपीट होने पर हाईकमान ने उन्हें ही सीएम की कुर्सी पर रिपीट कर दिया. ऐसे में अब पहाड़ी राज्य हिमाचल में रिवाज बदल सरकार रिपीट करने के लिए भाजपा ने उतराखंड वाली पॉलिटिकल ट्रिक हिमाचल में चली है. इस सियासी दाव के बाद भाजपा ने टिकट आवंटन को लेकर उलझन में फंसी कांग्रेस को संगठन के तौर पर बड़ी चुनौती पेश की है.

भाजपा ने तैयार किया डैमेज कंट्रोल का प्लान: हिमाचल में सत्तारूढ़ भाजपा के तमाम संगठनात्मक कौशल के बावजूद गुटबाजी और खेमेबंदी एक बड़ी चुनौती उभर कर सामने आई है. ऐसे में भाजपा ने टिकट आवंटन से पहले ही डैमेज कंट्रोल का प्लान भी तैयार कर लिया है. टिकट आवंटन के बाद मंडल स्तर पर पदाधिकारियों का विरोध और इस्तीफे जैसी परिस्थतियां सामने न आए, इसके लिए भी यह फार्मूल डैमेज कंट्रोल का काम करेगा. बीजेपी एक पंथ से दो काज साधने की सियासी जुगत में है. एक तरफ गुटबाजी को पाटने का प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी ओर टिकट आवंटन के बाद बगावत और संभावित इस्तीफे की परंपराओं से होने वाले चुनावी नुकसान से बचने की वैक्सीन ली जा रही है. (BJP candidates for Himachal Assembly election).

ईसी की बैठक कल: दिल्ली में हिमाचल भाजपा की इलेक्शन कमेटी की बैठक सोमवार (BJP election committee meeting in Delhi) को होगी. इस बैठक में प्रत्याशियों के चयन के लिए अब तक प्रदेश में हुए चार सर्वें की रिपोर्ट और कार्यकर्ता रायशुमारी के मतपेटियों के नतीजों के आधार पर ही चर्चा होगी. इस बैठक के लिए सीएम जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रभारी अविनाश राय खन्ना, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य नेता शामिल होंगे. हिमाचल भाजपा की ईसी की बैठक के बाद चर्चा की रिपोर्ट को बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा. पार्लियामेंट्री बोर्ड में भाजपा सुप्रीमो जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह टिकट फाइनल करेंगे.

सीएम जयराम दिल्ली रवाना: सीएम जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल दिल्ली रवाना हो गए हैं. दोनों नेता अन्य कोर ग्रुप शामिल अन्य नेताओं के साथ सीईसी की बैठक में हिस्सा लेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद भाजपा 18 अक्तूबर को अपनी पहली सूची जारी कर सकती है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि कार्यकर्ता रायशुमारी को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का मार्गदर्शन इस प्रक्रिया के बाद लिया जाएगा. धूमल चुनाव समिति के साथ कोर ग्रुप के सदस्य भी हैं. वह बैठक में अपने सुझाव देंगे. (Himachal BJP candidates list).

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