हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग करने के बाद कार्यालय में सन्नाटा पसर गया है. कार्यालय बंद होने के साथ ही यहां पर तालाबंदी हो गई है और अब कर्मचारियों की एंट्री भी बैन कर दी गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ऐलान के बाद देर रात इस बाबत नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है. बावजूद इसके बुधवार को कई कर्मचारी कार्यालय में पहुंच गए. प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद कार्यालय को बंद कर दिया गया था.
आयोग में ओएसडी तैनात किए गए एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने यहां पर पहुंचकर कर्मचारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किए थे. कर्मचारियों को बुधवार को कार्यालय में ना आने की हिदायत दी गई थी. कर्मचारियों की भी बुधवार से कार्यालय में एंट्री बैन हो गई है. जानकारी के अनुसार आयोग के 64 कर्मचारियों को अब नए कार्यालयों की तलाश है. वहीं, सरकार के इस सख्त फैसले के बाद कर्मचारियों ने आज सुबह समय पर कार्यालय पहुंचे, लेकिन कार्यालय पर ताला लटके होने से न तो कर्मचारियों को अंदर जाने दिया गया और न ही कर्मचारियों की हाजरी लग सकी है. जिस कारण कर्मचारी कार्यालय परिसर में ही धूप सेंकते नजर आए हैं.
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ओएसडी एवं एडीसी हमीरपुर जितेन्द्र सांजटा ने बताया कि आयोग को सरकार ने भंग कर दिया है और कार्यालय में सुरक्षा रहे इसलिए कार्यालय को ताला लगा दिया है. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को भी अगले आदेशों तक कार्यालय न आने के निर्देश दिए गए है. उन्होंने कहा कि देर शाम ही कर्मचारियों को यह हिदायत दी गई थी कि वह कल कार्यालय में नहीं आएंगे.
गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग का कार्यालय हमीरपुर को प्रदेश सरकार की तरफ से भंग कर दिया गया. आयोग के कर्मचारियों को सरकार ने सर प्लस में डाल दिया है और उन्हें इच्छा के मुताबिक विभिन्न विभागों में आगामी दिनों मुक्ति मिल जाएगी. मुख्यमंत्री की तरफ से यह बयान दिया गया है. हालांकि कार्यालय को भंग करने की आधिकारिक अधिसूचना में कर्मचारियों को सर प्लस में डालने का कोई जिक्र नहीं है. अधिसूचना में कर्मचारियों के लिए कोई जिक्र ना होने पर संशय की स्थिति बनी हुई है जिस वजह से कर्मचारी बुधवार को भी कार्यालय में पहुंचने.
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