हमीरपुर: जिला के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान हुई महिला अध्यापिका की मौत के मामले में शुक्रवार को महिला के परिजनों ने हमीरपुर नाल्टी सड़क पर शव को साथ रखकर धरना प्रदर्शन किया. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को सड़क से हटाया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हो गई.
महिला के परिजन निजी अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, अस्पताल की ओर से महिला की मौत का कारण हार्ट फैलियर बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक जाम संपर्क सड़क पर यातायात बहाल करने के बाद पुलिस ने शव को तो हटा दिया है, लेकिन परिजन महिला के शव को निजी अस्पताल भवन के बाहर रखकर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मृतका की पहचान 39 वर्षीय अमिता कुमारी पत्नी अरुण शर्मा निवासी गांव बराहलड़ी तहसील व जिला हमीरपुर के रूप में हुई है. अमिता राजकीय प्राथमिक पाठशाला डुढाणा में अध्यापिका थी. महिला के पति अरुण शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी को रसौली की समस्या थी. जिसके चलते हमीरपुर जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था. सभी लैब टेस्ट और एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाने के बाद बुधवार रात 9 बजे चिकित्सकों ने ऑपरेशन के लिए बुलाया. उन्होंने आरोप लगाया कि गलत ऑपरेशन के चलते उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई.
मृतका के पति ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उन्हें मरीज को डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा ले जाने के लिए कहा गया, लेकिन अरुण शर्मा ने अपनी पत्नी से मुलाकात करने की गुजारिश की बावजूद इसके चिकित्सकों ने पति को अपनी पत्नी से नहीं मिलने दिया.
टांडा पहुंचते ही निजी अस्पताल का स्टाफ और एंबुलेंस उन्हें वहां छोड़कर फरार हो गया. टांडा में चिकित्सक ने बताया कि मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है. जिस पर उन्हें शक हुआ कि पत्नी की मौत निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान ही हो चुकी थी और चिकित्सकों ने उन्हें गुमराह किया है. उन्होंने मामले में निजी अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग उठाई है. वहीं, डीएसपी हितेश लखनपाल ने कहा कि पुलिस ने मौके पर पहुंच कर यातायात को बहाल कर दिया है. मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है.