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Water Crisis in Hamirpur: हमीरपुर शहर में गहराया जल संकट, 4 दिन से नलों में नहीं आया पानी

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Published : Jul 13, 2023, 10:00 AM IST

हमीरपुर शहर की उठाऊ पेयजल योजना पलाही की राइजिंग पाइप लेन टूटने से चार दिनों से पानी की सप्लाई ठप है. वहीं, पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हैं. पढ़िए पूरी खबर.(Water Crisis in Hamirpur)

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हमीरपुर: भारी बारिश के बाद हमीरपुर जिला में जल संकट गहरा गया है. हमीरपुर शहर के अधिकतर हिस्सों में चौथे दिन भी पेयजल सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है. हमीरपुर शहर की उठाऊ पेयजल योजना पलाही की मेन पाइपलाईन ही टूट गई है. राइजिंग पाइप लेन के टूट जाने की वजह से अभी तक इस पेयजल योजना से पानी को लिफ्ट करने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

ब्यास का जल बहाव पेयजल योजना को व्यापक स्तर पर चपेट में ले चुका है. जलस्तर कम होने की वजह से पेयजल योजना को बहाल करना जल शक्ति विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है. यहां पर विभाग ब्यास नदी के बहाव को डाइवर्ट कर टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत में करने के प्रयासों में जुटा है. हमीरपुर शहर में हर दिन 70 से 80 लाख लीटर पानी की खपत है.

करीब 28000 उपभोक्ताओं को इस पेयजल योजना से पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन पेयजल सप्लाई ठप होने से अब लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि वीरवार तक यदि मौसम ठीक रहता है तो टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत कर पानी लिफ्ट करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. हमीरपुर शहर में पेयजल सप्लाई के लिए जल शक्ति विभाग के पास बड़े स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. हथली पेयजल योजना से कुछ हद तक शहर के इक्का-दुक्का हिस्सों में सप्लाई हो रही है, लेकिन यह नाम मात्र हैं.

जल शक्ति विभाग हमीरपुर के पास हमीरपुर शहर के लिए बड़े स्तर पर कोई भी वैकल्पिक पेयजल योजना नहीं है. हथली पेयजल योजना से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर और वार्ड नंबर 11 और कुछ वीआईपी एरिया में मंगलवार को सप्लाई की गई है. हालात ऐसे हैं कि 4 दिन बीत जाने के बाद हमीरपुर शहर के अधिकतर इलाकों में नलों से एक बूंद पानी नहीं टपका है और ना ही टैंकर से पेयजल सप्लाई हुई है. हमीरपुर शहर में जल शक्ति विभाग के 5600 हाउसहोल्ड पंजीकृत उपभोक्ता है, हालांकि इसमें किरायेदारों का आंकड़ा शामिल नहीं है.

डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा का कहना है कि पेयजल सप्लाई को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रशासन का यह प्रयास है कि शुद्ध पेयजल सप्लाई सुनिश्चित हो. बारिश के बाद जल जनित रोगों का खतरा बना रहता है. ऐसे में लोगों को शुद्ध पेयजल सप्लाई किया जाए, इसका प्रयास किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Himachal Flood: मानसून सीजन में 88 लोगों की गई जान, बाढ़ में 1,312 करोड़ का नुकसान, 1189 सड़कें बंद, 900 पेयजल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त

हमीरपुर: भारी बारिश के बाद हमीरपुर जिला में जल संकट गहरा गया है. हमीरपुर शहर के अधिकतर हिस्सों में चौथे दिन भी पेयजल सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है. हमीरपुर शहर की उठाऊ पेयजल योजना पलाही की मेन पाइपलाईन ही टूट गई है. राइजिंग पाइप लेन के टूट जाने की वजह से अभी तक इस पेयजल योजना से पानी को लिफ्ट करने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

ब्यास का जल बहाव पेयजल योजना को व्यापक स्तर पर चपेट में ले चुका है. जलस्तर कम होने की वजह से पेयजल योजना को बहाल करना जल शक्ति विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है. यहां पर विभाग ब्यास नदी के बहाव को डाइवर्ट कर टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत में करने के प्रयासों में जुटा है. हमीरपुर शहर में हर दिन 70 से 80 लाख लीटर पानी की खपत है.

करीब 28000 उपभोक्ताओं को इस पेयजल योजना से पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन पेयजल सप्लाई ठप होने से अब लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि वीरवार तक यदि मौसम ठीक रहता है तो टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत कर पानी लिफ्ट करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. हमीरपुर शहर में पेयजल सप्लाई के लिए जल शक्ति विभाग के पास बड़े स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. हथली पेयजल योजना से कुछ हद तक शहर के इक्का-दुक्का हिस्सों में सप्लाई हो रही है, लेकिन यह नाम मात्र हैं.

जल शक्ति विभाग हमीरपुर के पास हमीरपुर शहर के लिए बड़े स्तर पर कोई भी वैकल्पिक पेयजल योजना नहीं है. हथली पेयजल योजना से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर और वार्ड नंबर 11 और कुछ वीआईपी एरिया में मंगलवार को सप्लाई की गई है. हालात ऐसे हैं कि 4 दिन बीत जाने के बाद हमीरपुर शहर के अधिकतर इलाकों में नलों से एक बूंद पानी नहीं टपका है और ना ही टैंकर से पेयजल सप्लाई हुई है. हमीरपुर शहर में जल शक्ति विभाग के 5600 हाउसहोल्ड पंजीकृत उपभोक्ता है, हालांकि इसमें किरायेदारों का आंकड़ा शामिल नहीं है.

डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा का कहना है कि पेयजल सप्लाई को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रशासन का यह प्रयास है कि शुद्ध पेयजल सप्लाई सुनिश्चित हो. बारिश के बाद जल जनित रोगों का खतरा बना रहता है. ऐसे में लोगों को शुद्ध पेयजल सप्लाई किया जाए, इसका प्रयास किया जा रहा है.
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