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शिमला मटौर फोरलेन के फेज 5 के तहत कोहली में 41 परिवारों को सता रहा विस्थापन का खतरा, बाजार से हटकर निर्माण की मांग

शिमला मटौर फोरलेन के निर्माण में फेज 5 में विस्थापित होने को लेकर स्थानीय लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former CM Prem Kumar Dhumal) को ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों का कहना है कि बाजार से हटकर जो सर्वे किया गया है उसी को आधार मानकर ही फोरलेन का निर्माण किया जाए है.

Shimla Matour Fourlane
परिवारों को सता रहा विस्थापन का खतरा
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Published : May 22, 2023, 6:46 PM IST

परिवारों को सता रहा विस्थापन का खतरा

हमीरपुर: शिमला मटौर फोरलेन के फेज 5 के तहत कोहली में 41 परिवारों को विस्थापन का खतरा सता रहा है, इस फोरलेन के निर्माण के फेज 5 के अंतर्गत जमीन अधिग्रहण का कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है. यहां पर फोरलेन के निर्माण के लिए दो सर्वे किए गए हैं. जिसमें एक सर्वे कोहली बाजार से होते हुए हैं, जबकि दूसरा सर्वे बाजार से हटकर है. स्थानीय ग्रामीणों और दुकानदारों का कहना है कि बाजार से हटकर जो सर्वे किया गया है उसको आधार मानकर ही फोरलेन का निर्माण किया जाए. इस सिलसिले में ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सोमवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में ज्ञापन सौंपा है.

दरअसल, यहां पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को ज्ञापन सौंपने के लिए आए थे, लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को यह ज्ञापन सौंपा गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले वह एनएचएआई को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं. ग्रामीणों का यह भी तर्क है कि जो दूसरा सर्वे फोरलेन के निर्माण के लिए बाजार से हटकर किया गया है. वह बेहतर है, क्योंकि उससे फोरलेन की दूरी भी कम हो रही है और कोई स्थानीय निवासी बेघर भी नहीं हो रहा है जबकि बाजार से होते हुए फोरलेन का निर्माण अधिक लंबा पड़ रहा है और सैकड़ों लोग भी विस्थापित हो रहे हैं.

'नियमों के मुताबिक सड़क का निर्माण होना चाहिए, लेकिन फोरलेन का मतलब है कि रोड सीधा होना चाहिए ना कि रोड घुमा फिरा कर बनाया जाए . यदि बाजार से हटकर जो सर्वे किया गया है. वह कंसीडर किया जाता है तो बेहतर सड़क का निर्माण होगा.' :- सरवन सिंह, स्थानीय निवासी

केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप करने की उठाई मांग: इस मामले में स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है ताकि एनएचएआई पूर्व में बाजार से हटकर किए गए सर्वे को यहां पर कंसीडर करे. वही स्थानीय निवासी का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में वहां मकान नहीं बना सकते हैं वह अपनी पत्नी के साथ घर पर रहते हैं. जबकि उनके बच्चे विदेश में रहते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में जो सर्वे बाजार से हटकर किया गया था. वह सर्वे बेहतर है उससे रोड भी कम दूरी का होगा और लोगों का विस्थापन भी नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: मटौर-शिमला फोरलेन रद्द होने पर अग्निहोत्री ने घेरी सरकार, बोले- जनता को बताएं अपनी नाकामियां

परिवारों को सता रहा विस्थापन का खतरा

हमीरपुर: शिमला मटौर फोरलेन के फेज 5 के तहत कोहली में 41 परिवारों को विस्थापन का खतरा सता रहा है, इस फोरलेन के निर्माण के फेज 5 के अंतर्गत जमीन अधिग्रहण का कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है. यहां पर फोरलेन के निर्माण के लिए दो सर्वे किए गए हैं. जिसमें एक सर्वे कोहली बाजार से होते हुए हैं, जबकि दूसरा सर्वे बाजार से हटकर है. स्थानीय ग्रामीणों और दुकानदारों का कहना है कि बाजार से हटकर जो सर्वे किया गया है उसको आधार मानकर ही फोरलेन का निर्माण किया जाए. इस सिलसिले में ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सोमवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में ज्ञापन सौंपा है.

दरअसल, यहां पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को ज्ञापन सौंपने के लिए आए थे, लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को यह ज्ञापन सौंपा गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले वह एनएचएआई को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं. ग्रामीणों का यह भी तर्क है कि जो दूसरा सर्वे फोरलेन के निर्माण के लिए बाजार से हटकर किया गया है. वह बेहतर है, क्योंकि उससे फोरलेन की दूरी भी कम हो रही है और कोई स्थानीय निवासी बेघर भी नहीं हो रहा है जबकि बाजार से होते हुए फोरलेन का निर्माण अधिक लंबा पड़ रहा है और सैकड़ों लोग भी विस्थापित हो रहे हैं.

'नियमों के मुताबिक सड़क का निर्माण होना चाहिए, लेकिन फोरलेन का मतलब है कि रोड सीधा होना चाहिए ना कि रोड घुमा फिरा कर बनाया जाए . यदि बाजार से हटकर जो सर्वे किया गया है. वह कंसीडर किया जाता है तो बेहतर सड़क का निर्माण होगा.' :- सरवन सिंह, स्थानीय निवासी

केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप करने की उठाई मांग: इस मामले में स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है ताकि एनएचएआई पूर्व में बाजार से हटकर किए गए सर्वे को यहां पर कंसीडर करे. वही स्थानीय निवासी का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में वहां मकान नहीं बना सकते हैं वह अपनी पत्नी के साथ घर पर रहते हैं. जबकि उनके बच्चे विदेश में रहते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में जो सर्वे बाजार से हटकर किया गया था. वह सर्वे बेहतर है उससे रोड भी कम दूरी का होगा और लोगों का विस्थापन भी नहीं होगा.

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