बिलासपुर: कोरोना वायरस के संक्रम से बचाव के लिए देश और प्रदेश में 24 मार्च से लॉकडाउन व कर्फ्यू लगाना पड़ा, जिसके कारण सभी औद्योगिक इकाइयां, निर्माण कार्य बंद हो गए थे. वैश्विक महामारी कोरोना के फैलाव की इस कड़ी को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के प्रत्येक नागरिक से जो जहां है उससे वहीं रहने की अपील की थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रदेश में रह रहे लोगों से जहां रह रहे है वहीं बने रहने के लिए आग्रह किया था. जिला बिलासपुर में काफी संख्या में बाहरी राज्यों से आए प्रवासी मजदूर काम कर रहे थे, जो दिहाड़ी लगाकर ही अपने साथ अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. लॉकडाउन व कर्फ्यू से काम बंद होने के कारण उन्हें खाने की व्यवस्था की चितां होने लग गई है.
जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने रैड क्रॉस सोसाइटी को प्रवासियों, जरूरतमंदों और निसहाय लोगों के भोजन की व्यवस्था करने के दिशा-निर्देश दिए. इस पर तुरंत जिला रेड क्रॉस सोसाइटी ने विभिन्न समितियों के साथ मिलकर बिलासपुर से समन्वय स्थापित किया और विश्वकर्मा मंदिर डियारा को फूड कैंप बनाया.
वहां से भोजन पका कर पैदल चल रहे लोगों और विभिन्न बस्तियों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को जगह-जगह पर नौणी चैक, बस स्टैंड, कंदरौर, घागस, गर्ल्स स्कूल बिलासपुर, लुहणू, डियारा सेक्टर बिलासपुर, टाडू चैक, ओएल, कॉलेज यार्ड के समीप 39 बस्तियों में दो वैनों के माध्यम से 196 परिवारों के 713 सदस्यों, 10 साल से छोटे 47 बच्चों को 25 दिनों तक लगातार दो समय के लिए 35 हजार 650 भोजन के पैकेट्स उपलब्ध करवाए गए.
तुरंत प्रभाव से उपलब्ध करवा रहे खाना
इसके अतिरिक्त प्रेस क्लब बिलासपुर के सहयोग से बस स्टैंड के बाहर प्रतिदिन आपातकालीन सेवा में कार्यरत कर्मियों और अन्य राज्यों में जाने वाले ट्रकों, एंबुलेंस और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में लगे वाहनों के चालकों, परिचालकों के लिए भोजन व्यवस्था की गई. प्रेस क्लब की ओर से लगातार 38 दिनों तक 600 भोजन प्रतिदिन के हिसाब से 22 हजार 800 भोजन वितरित किया गया. जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के पास पुलिस कंट्रोल रूम, जिला आपदा आपातकालीन केंद्र और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से सूचना प्राप्त होती थी. उस सूचना को संकलित करके तुरंत जरूरमंदों तक जिला स्वयंसेवकों के माध्यम से खाना उपलब्ध करवाया जाता रहा.