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Shiva Project in Himachal: शिवा परियोजना से हमीरपुर में आई मौसमी की बहार, बकारटी गांव के 24 किसानों ने लगाए 2300 पौधे - हमीरपुर न्यूज

हिमाचल में शिवा परियोजना के तहत बकारटी गांव के 24 किसानों की लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पर मौसमी के करीब 2300 पौधे लगाए गए हैं. बता दें कि इन बागीचों में बाड़बंदी और सिंचाई सुविधा का प्रबंध भी शिवा परियोजना के माध्यम से ही किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

Shiva Project in Himachal
शिवा परियोजना के तहत हमीरपुर में आई मौसंबी की बहार
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 15, 2023, 6:29 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फलों और अन्य नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों-बागवानों की आय में वृद्धि करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है. एचपी शिवा परियोजना इन दिनों निचले क्षेत्रों में बागवानी की नई कहानी लिख रही है. बहुत कम समय में ही इस परियोजना के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. हमीरपुर के गांव बकारटी में भी इसी परियोजना के तहत विकसित बागीचे में आजकल मौसमी की बहार दिख रही है. परियोजना के तहत गांव के 24 किसानों की लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पर मौसंबी के करीब 2300 पौधे लगाए गए हैं.

उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया हमीरपुर जिले के बकारटी गांव के मौसमी बागीचे में शुरुआती दौर में काफी अच्छी मात्रा में फल लगे हैं. मौसमी के एक पौधे में शुरुआती दौर में 8-10 किलोग्राम फल लगते हैं, लेकिन पूरी तरह विकसित होने पर एक पेड़ से लगभग 50 किलोग्राम उपज होता है. बकारटी में परियोजना के तहत 2 हेक्टेयर भूमि पर 2300 पौधे लगाए गए हैं. इनमें अच्छे परिणाम आने के बाद अब पूरे गांव में पौधारोपण किया जाएगा. वहीं, इन बागीचों में बाड़बंदी और सिंचाई सुविधा का प्रबंध भी शिवा परियोजना के माध्यम से ही किया जा रहा है.

डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि इस परियोजना में बीज से लेकर हर व्यवस्था के लिए सभी प्रावधान किए गए हैं. बकारटी गांव के बागीचे के सैंपल फलों के मार्केटिंग के लिए भी विभाग विशेष व्यवस्था कर रहा है. इसके लिए बड़ी कंपनियों और बागवानों के बीच बातचीत किए जा रहे हैं, ताकि आने वाले समय में बागवानों को अपनी उपज के अच्छे दाम मिल सके.

वहीं, गांव की किसान संतोष कुमारी ने बताया कि एचपी शिवा परियोजना उनके लिए एक नई बहार लेकर आई है. उनका परिवार केवल गेहूं और मक्की की खेती ही कर रहा था, जिससे बहुत कम आय होती थी, लेकिन, शिवा परियोजना की मदद से उन्होंने मौसंबी का बागीचा तैयार किया. जिसके बाद अब पौधों में फल लगने शुरू हो गए हैं. वहीं, मौसंबी के पौधों के आस-पास वह प्याज, लहसुन, अदरक और हल्दी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

किसान रमेश कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार की एचपी शिवा परियोजना के कारण ही यह संभव हो पाया है. शुरुआती दौर में ही अच्छी क्वालिटी के फल लगने से क्षेत्र के अन्य गांवों के कई किसान भी अब पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Shiva Project in Himachal: शिवा प्रोजेक्ट के तहत 1300 करोड़ की राशि की जाएगी व्यय: जगत सिंह नेगी

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फलों और अन्य नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों-बागवानों की आय में वृद्धि करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है. एचपी शिवा परियोजना इन दिनों निचले क्षेत्रों में बागवानी की नई कहानी लिख रही है. बहुत कम समय में ही इस परियोजना के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. हमीरपुर के गांव बकारटी में भी इसी परियोजना के तहत विकसित बागीचे में आजकल मौसमी की बहार दिख रही है. परियोजना के तहत गांव के 24 किसानों की लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पर मौसंबी के करीब 2300 पौधे लगाए गए हैं.

उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया हमीरपुर जिले के बकारटी गांव के मौसमी बागीचे में शुरुआती दौर में काफी अच्छी मात्रा में फल लगे हैं. मौसमी के एक पौधे में शुरुआती दौर में 8-10 किलोग्राम फल लगते हैं, लेकिन पूरी तरह विकसित होने पर एक पेड़ से लगभग 50 किलोग्राम उपज होता है. बकारटी में परियोजना के तहत 2 हेक्टेयर भूमि पर 2300 पौधे लगाए गए हैं. इनमें अच्छे परिणाम आने के बाद अब पूरे गांव में पौधारोपण किया जाएगा. वहीं, इन बागीचों में बाड़बंदी और सिंचाई सुविधा का प्रबंध भी शिवा परियोजना के माध्यम से ही किया जा रहा है.

डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि इस परियोजना में बीज से लेकर हर व्यवस्था के लिए सभी प्रावधान किए गए हैं. बकारटी गांव के बागीचे के सैंपल फलों के मार्केटिंग के लिए भी विभाग विशेष व्यवस्था कर रहा है. इसके लिए बड़ी कंपनियों और बागवानों के बीच बातचीत किए जा रहे हैं, ताकि आने वाले समय में बागवानों को अपनी उपज के अच्छे दाम मिल सके.

वहीं, गांव की किसान संतोष कुमारी ने बताया कि एचपी शिवा परियोजना उनके लिए एक नई बहार लेकर आई है. उनका परिवार केवल गेहूं और मक्की की खेती ही कर रहा था, जिससे बहुत कम आय होती थी, लेकिन, शिवा परियोजना की मदद से उन्होंने मौसंबी का बागीचा तैयार किया. जिसके बाद अब पौधों में फल लगने शुरू हो गए हैं. वहीं, मौसंबी के पौधों के आस-पास वह प्याज, लहसुन, अदरक और हल्दी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

किसान रमेश कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार की एचपी शिवा परियोजना के कारण ही यह संभव हो पाया है. शुरुआती दौर में ही अच्छी क्वालिटी के फल लगने से क्षेत्र के अन्य गांवों के कई किसान भी अब पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.

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