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बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे हवा, नादौन अस्पताल में एक बेड पर तीन-तीन मरीज - हमीरपुर हॉस्पिटल ख़बर

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर से लेकर सिविल हॉस्पिटल, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ही बैड पर तीन-तीन रोगियों का उपचार चल रहा है.

नादौन अस्पताल में एक बेड पर तीन-तीन मरीज
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Published : Aug 25, 2019, 1:55 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में प्रदेश सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर से लेकर सिविल हॉस्पिटल, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह हाल पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र का है. भवन की कमी के कारण नादौन अस्पताल में एक बैड पर तीन-तीन मरीजों को लिटाकर उनका उपचार किया जा रहा है. स्थिति इतनी गंभीर है कि कई रोगी तो अस्पताल से अपनी जिम्मेदारी पर छुट्टी लेकर कहीं और उपचार करवाने चले जा रहे हैं.

रोगियों व उनके तामीरदारों ने बताया कि स्थान और भवन की कमी के कारण एक ही बैड पर तीन-तीन रोगियों का उपचार चल रहा है, जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि दस बैड के इस असपताल में दाखिल किए जाने वाले रोगियों की संख्या रोजाना चालीस तक चली जाती है.

इसके साथ रात में आने वाले रोगियों की संख्या अलग से है, जबकि रोजाना दो सौ से आधिक की OPD चल रही है. ऐसे में यहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिन के समय भी चिकित्सकों के कमरों के बाहर लंबी कतारों को अकसर देखा जा सकता है.

अस्पताल के निर्माणाधीन भवन का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है. सरकार बनते ही स्वास्थ्य मंत्री ने नादौन दौरे के समय दावा किया था कि एक साल में इस नए भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे, परन्तु अभी जिस गति से कार्य चल रहा है उससे लगता है कि लोगों को भवन के लिए और अधिक इंतजार करना पड़ेगा. लोगों ने भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है, ताकि उनकी परेशानियों हल हो सकें.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में प्रदेश सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर से लेकर सिविल हॉस्पिटल, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह हाल पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र का है. भवन की कमी के कारण नादौन अस्पताल में एक बैड पर तीन-तीन मरीजों को लिटाकर उनका उपचार किया जा रहा है. स्थिति इतनी गंभीर है कि कई रोगी तो अस्पताल से अपनी जिम्मेदारी पर छुट्टी लेकर कहीं और उपचार करवाने चले जा रहे हैं.

रोगियों व उनके तामीरदारों ने बताया कि स्थान और भवन की कमी के कारण एक ही बैड पर तीन-तीन रोगियों का उपचार चल रहा है, जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि दस बैड के इस असपताल में दाखिल किए जाने वाले रोगियों की संख्या रोजाना चालीस तक चली जाती है.

इसके साथ रात में आने वाले रोगियों की संख्या अलग से है, जबकि रोजाना दो सौ से आधिक की OPD चल रही है. ऐसे में यहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिन के समय भी चिकित्सकों के कमरों के बाहर लंबी कतारों को अकसर देखा जा सकता है.

अस्पताल के निर्माणाधीन भवन का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है. सरकार बनते ही स्वास्थ्य मंत्री ने नादौन दौरे के समय दावा किया था कि एक साल में इस नए भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे, परन्तु अभी जिस गति से कार्य चल रहा है उससे लगता है कि लोगों को भवन के लिए और अधिक इंतजार करना पड़ेगा. लोगों ने भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है, ताकि उनकी परेशानियों हल हो सकें.

Intro:बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे हवा: नादौन अस्पताल में एक बेड पर तीन तीन मरीज
हमीरपुर।
हमीरपुर जिला में प्रदेश सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे हवाई साबित हो रही हैं मेडिकल कॉलेज हमीरपुर से लेकर सिविल हॉस्पिटल एवं प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की कमी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और वर्तमान विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र के यह हाल है। भवन की कमी के कारण नादौन अस्पताल में एक ही बैड पर तीन-तीन मरीजों को लिटाकर उनका उपचार किया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि कई रोगी तो अस्पताल से अपनी जिम्मेदारी पर छुट्टी लेकर कहीं और उपचार करवाने जा रहे हैं। ऐसी हालत में अस्पताल प्रशासन भी मजबूर है। रोगियों व उनके तामीरदारों ने बताया कि स्थान व भवन की कमी के कारण एक ही बैड पर ती-तीन रोगियों का उपचार चल रहा है, जिसके कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पता चला है कि दस बैड के इस असपताल में दाखिल किए जाने वाले रोगियों की संख्या रोजाना चालीस तक चल रही है। इसके अलावा रात को आने वाले रोगियों की संख्या अलग से है, जबकि रोजाना दो सौ से अढ़ाई सौ तक की ओपीडी चल रही है। ऐसे में यहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। दिन के समय भी चिकित्सकों के कमरों के बाहर लंबी लाइनों को अकसर देखा जा सकता है। गौर हो कि अस्पताल के निर्माणाधीन भवन का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है। इस कार्य के कारण मुख्य भवन में स्थान की कमी हो गई है। यह सरकार बनते ही स्वास्थ्य मंत्री ने नादौन दौरे के समय दावा किया था कि एक साल में इस नए भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे, परंतु अभी भी जिस गति से कार्य चल रहा है उससे लगता है कि भवन के लिए लोगों को और अधिक इंतजार करना पड़ेगा। लोगों ने भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है, ताकि उनकी परेशानियों का हल हो सके।



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