सुजानपुर: प्रदेश में लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से पॉलीहाउस लगाने की स्कीम चलाई गई थी. बेरोजगार युवा घर पर ही पॉलीहाउस के जरिए खेतीबाड़ी या सब्जियों का उत्पादन कर अपनी आजीविका कमा सकें, लेकिन सरकार की यह योजना धरातल पर धराशाही होती नजर आ रही है. पिछले कुछ सालों से दर्जनों पॉलीहाउस कट व फट चुके हैं, लेकिन किसानों को विभाग ने रिपेयर के लिए कोई सहायता नहीं दी.
विभाग की ओर से कोई सहायता न मिलने के कारण पॉलीहाउस सफेद हाथी बन चुके हैं. वहीं कृषि विभाग रिपेयर के लिए बजट उपलब्ध न होने की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक किसानों की आय दुगनी करने का लक्ष्य रखा है. जिसके लिए किसानों को बेहतरीन खेतीबाड़ी के लिए पॉली हाउस योजना भी चलाई है. ताकि किसान व बेरोजगार युवा अपने घर द्वार पर ही अच्छी किस्म की सब्जियां उगाकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें, लेकिन हिमाचल सरकार की पॉलीहाउस योजना धरातल पर कहीं न कहीं दम तोड़ती नजर आ रही है.
कुछ वर्ष पहले कृषि विभाग ने किसानों के लिए पॉलीहाउस लगाये. जिससे किसानों ने कुछ समय तक इन पॉलीहाउस में खेतीबाड़ी कर और सब्जियां उगाकर अच्छा मुनाफा भी कमाया, लेकिन रिपेयरिंग न होने से इन पॉलीहाउस में घास उग चुकी है. जिस कारण किसानों ने इनमें खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया है.
वहीं, किसानों का कहना है कि विभाग के पास पॉलीहाउस रिपेयर के लिए कई बार समस्या को उठाया, लेकिन विभाग बजट उपलब्ध न होने की दुहाई देता रहता है. किसानों ने प्रदेश की जयराम सरकार से पॉलीहाउस रिपेयर के लिए बजट मुहैया करवाने की गुहार लगाई है, ताकि किसान इनकी रिपेयर करवा सकें और दोबारा से इनमें खेतीबाड़ी का काम शुरू कर सकें.
जिला कृषि उपनिदेशक कुलदीप वर्मा की मानें तो किसानों ने पॉली हाउस रिपेयर के लिए विभाग से गुहार लगाई है, लेकिन विभाग के पास पॉलीहाउस रिपेयर के लिए बजट उपलब्ध नही है. सरकार से बजट उपलब्ध होते ही किसानों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.