हमीरपुरः बदहाली और अव्यवस्थाओं को लेकर कभी प्रदेश विधानसभा में सवाल बनने वाले सिंथेटिक ट्रैक और स्टेडियम अणु के हालात बदलने लगे हैं. जिला युवा एवं खेल विभाग के अधिकारियों की मेहनत रंग लाती हुई नजर आ रही है. अब सिंथेटिक ट्रैक व स्टेडियम अणु के रख रखाव के लिए बजट की कमी का भी तोड़ निकाल लिया गया है.
इसके लिए अब सिंथेटिक ट्रैक का उपयोग करने पर शुल्क की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है. सिंथेटिक ट्रैक के रख रखाव और आसपास के विकास के लिए खेल विभाग ने यह निर्णय लिया है.
उपायुक्त ने किया सिंथेटिक ट्रैक का निरीक्षण
जिला उपायुक्त देवाश्वेता बनिक और जिला खेल अधिकारी रवि शंकर ने सिंथेटिक ट्रैक का निरीक्षण किया. डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक ने जिला खेल विभाग के प्रयासों को सराहा है. डीसी ने खेल विभाग के शुल्क व्यवस्था के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है.
डीसी हमीरपुर देव श्वेता बनिक ने कहा कि भविष्य में यहां व्यवस्थाओं में सुधार भी किया जाएगा और तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी. इसके लिए पंजीकरण और शुल्क की व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है.
पंजीकरण शुल्क तय
छात्र वर्ग के लिए सिंथेटिक ट्रैक का उपयोग करने के लिए पंजीकरण शुल्क 100 रुपए प्रति वर्ष और 100 रुपए मासिक शुल्क रखा गया है. अन्य लोगों को सिंथेटिक ट्रैक का उपयोग करने के लिए पंजीकरण के लिए 150 रुपए प्रति वर्ष और 250 रुपए मासिक शुल्क चुकाना होगा. सिंथेटिक ट्रैक पर आयोजन करने के लिए भी शुल्क वसूला जाएगा.
आयोजन के लिए भी शुल्क तय
इसमें सरकारी विभागों या संस्थाओं द्वारा आयोजन करने के लिए 3 हजार रुपए प्रतिदिन शुल्क वसूला जाएगा. अन्य निजी संस्थाओं से आयोजन करने के लिए प्रतिदिन 5 हजार रुपए का शुल्क वसूला जाएगा.
स्टेडियम भवन का उपयोग करने के लिए सरकारी संस्थाओं व विभागों से 2 हजार रुपए प्रतिदिन व निजी संस्थाओं से स्टेडियम का उपयोग करने के लिए 3 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क वसूल किया जाएगा.
आयोजन के लिए खेल विभाग से लेनी होगी अनुमति
आयोजन करवाने के लिए संस्थाओं को खेल विभाग से अनुमति लेनी होगी. छात्रों को पंजीकरण करवाने व मासिक शुल्क देने के लिए खेल विभाग की तरफ से युक्त कोच के पास अपना शुल्क जमा करवाना होगा. पूर्व में भी सिंथेटिक ट्रैक अणु अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में रहा है.
शुल्क से सुविधाओं में होगा इजाफा
अब यहां शुल्क की व्यवस्था लागू होने के बाद कम से कम बजट की कमी आने वाले दिनों में पेश नहीं आएगी. विभाग और प्रशासन का तर्क है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद यहां पर सुविधाओं इजाफा भी किया जाएगा.
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