हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में सियासी घमासान मचा हुआ है. भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है. वहीं, कांग्रेस संगठन की तरफ से इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा जा रहा है. हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है.
भाजपा नेताओं के बयानों पर हमीरपुर में प्रेस वार्ता कर पलटवार करते हुए नरेश ठाकुर ने कहा कि इस कार्यालय को बंद नहीं बल्कि भंग किया गया है. सरकार की तरफ से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि तमाम जांच पूरी होने के बाद कार्यालय सुचारू रूप से कार्य करेगा. हैरानी का विषय है कि पिछले 3 साल से कर्मचारी चयन आयोग में यह धांधली भर्ती में हो रही थी जबकि पूर्व की भाजपा सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर दुष्प्रचार कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. भाजपा के नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि आयोग को भंग करने और बंद करने में अंतर होता है. नरेश ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के उस बयान पर भी पलटवार किया है जिसमें उन्होंने यह कहा है कि प्रदेश के कांग्रेस सरकार हर दिन हिमाचल के लोगों को 30 करोड़ के कर्ज में डूबा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पहले यह बताएं कि डबल इंजन के सरकार 5 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने हिमाचल के लिए केंद्र से क्या लाया.
पूर्व की भाजपा सरकार प्रदेश पर 70 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज छोड़कर गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश को कर्ज से उभारने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने से पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को यह बताना चाहिए कि डबल इंजन के सरकार के 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश को कौन सा आर्थिक पैकेज दिलवाया.
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